24 May भारत में बेरोजगारी बनाम भारत रोजगार रिपोर्ट 2024
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के अंतर्गत सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 के ‘ भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास, भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी ’ खंड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ बेरोजगारी, भारत रोजगार रिपोर्ट 2024, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण, आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण ’ खंड से संबंधित है। इसमें PLUTUS IAS टीम के सुझाव भी शामिल हैं। यह लेख ‘ दैनिक करेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘भारत में बेरोजगारी बनाम भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 ’ से संबंधित है।)
ख़बरों में क्यों ?
- हाल ही में 26 मार्च 2024 को अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO और मानव विकास संस्थान (IHD) ने संयुक्त रूप से भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 नामक एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में काम की तलाश में लगे बेरोजगारों में से कुल 83% युवा बेरोजगार हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार, 2000-2019 के दौरान दीर्घकालिक गिरावट के बाद हाल के वर्षों में भारत में समग्र श्रम बल भागीदारी, कार्यबल भागीदारी और रोजगार दरों में सुधार हुआ है।
- वर्ष 2021 में भारत की कुल आबादी में से 27% युवा आबादी था, जो वर्ष 2036 तक घटकर 21% हो जाएगी और प्रति वर्ष 70 से 80 लाख और युवा आबादी कार्यबल में जुड़ जाएंगे।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में युवाओं का रोजगार (Youth Employment), वयस्कों के रोजगार (Adults Employment) की तुलना में काफी हद तक खराब गुणवत्ता वाला है।
- भारत में कमजोर व्यवसायों या अनौपचारिक क्षेत्रों में युवाओं के नियोजित होने की संभावना सबसे अधिक है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार भारत सबसे अधिक युवा बेरोजगारी दर स्नातक डिग्री वाले युवाओं में है और यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सबसे अधिक है।
- वे महिलाएं जो रोजगार, शिक्षा या प्रशिक्षण में संलग्न नहीं हैं, का अनुपात उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में लगभग 5 गुना अधिक (48.4% बनाम 9.8%) है।
मानव विकास संस्थान का परिचय :
- मानव विकास संस्थान (IHD) की स्थापना वर्ष 1998 में इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनॉमिक्स (ISLE) के तत्वावधान में की गई थी।
- इसका उद्देश्य एक ऐसे समाज के निर्माण में योगदान देना है जो एक समावेशी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था को बढ़ावा और महत्व देता है जो गरीबी और अभावों से मुक्त हो।
- यह श्रम और रोजगार, आजीविका, लिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा और मानव विकास के अन्य पहलुओं के क्षेत्रों में अनुसंधान करता है।
भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 के महत्वपूर्ण तथ्य :
- भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 श्रम और रोजगार मुद्दों पर मानव विकास संस्थान द्वारा नियमित प्रकाशनों की श्रृंखला में यह तीसरा संस्करण है, जो अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के साथ साझेदारी कर संयुक्त रूप से जारी किया जाता है।
- यह रिपोर्ट भारत में उभरते आर्थिक श्रम बाजार, शैक्षिक और कौशल परिदृश्यों और पिछले दो दशकों में देखे गए परिवर्तनों के संदर्भ में युवाओं से संबंधित रोजगार के क्षेत्र में विद्यमान चुनौतियों की जांच करता है।
- यह रिपोर्ट भारतीय श्रम बाजार के हालिया रुझानों पर भी प्रकाश डालती है, जो युवा बेरोजगारों के संबंध में वर्तमान में मौजूद चुनौतियों और भविष्य में उत्पन्न नई चुनौतियों के साथ-साथ कुछ परिणामों में सुधार का संकेत देती है, जिनमें कोविड -19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियां भी शामिल हैं।
भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 की मुख्य विशेषताएं :
- भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 मुख्य रूप से वर्ष 2000 और वर्ष 2022 के बीच मौजूद राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण और आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है।
भारत में रोजगार का परिदृश्य और वर्तमान रुझान :
- भारत में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिला श्रम बाजार भागीदारी दर पहले के वर्षों में काफी गिरावट के बाद 2019 तक तेजी से ऊपर की ओर बढ़ी है ।
- भारतीय श्रम बाजार की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक कृषि से गैर-कृषि क्षेत्रों में कार्यबल का धीमा और स्थिर संक्रमण है।
- भारत में विद्यमान रोजगार के क्षेत्रों में से मुख्य रूप से स्व-रोज़गार औरआकस्मिक रोज़गार का उपलब्ध होना है।
- भारत में लगभग 90 प्रतिशत अनौपचारिक रूप से कार्यरत है जबकि लगभग 82 प्रतिशत कार्यबल अनौपचारिक क्षेत्र में संलग्न है।
- वर्ष 2012-22 के दौरान आकस्मिक मजदूरों की मजदूरी में मामूली वृद्धि का रुझान बना रहा, जबकि नियमित श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी या तो स्थिर रही या उस्म्वें गिरावट आई।
- भारत में प्रवासन के स्तर को आधिकारिक सर्वेक्षणों के माध्यम से पर्याप्त रूप से दर्ज नहीं किया गया है।
- भविष्य में शहरीकरण और प्रवासन की दरों में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है।
- 2030 में भारत में प्रवासन दर लगभग 40 प्रतिशत होने की उम्मीद है और शहरी आबादी लगभग 607 मिलियन होगी।
भारत में युवाओं के रोजगार से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ :
- भारत की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा कामकाजी उम्र का है, जो कम से कम एक और दशक तक संभावित जनसांख्यिकीय लाभांश क्षेत्र में बने रहने की उम्मीद है।
- भारत में प्रत्येक वर्ष, लगभग 7-8 मिलियन युवा श्रम बल में जुड़ते हैं जिनके उत्पादक उपयोग से भारत को जनसांख्यिकीय लाभांश प्राप्त हो सकता है।
- भारत में युवाओं की श्रम बाजार में भागीदारी वयस्कों की तुलना में बहुत कम रही है और दीर्घकालिक (2000-19) गिरावट की प्रवृत्ति पर थी, जिसका मुख्य कारण शिक्षा में अधिक भागीदारी थी।
- वर्तमान समय में भारत में युवा बेरोजगारी लगभग तीन गुना बढ़ गई है, जो वर्ष 2000 में 5.7 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 17.5 प्रतिशत हो गई थी, लेकिन वर्ष 2022 में यह घटकर 12.1 प्रतिशत हो गई है।
रोजगार क्षेत्र में सुधार के लिए भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 के प्रमुख सुझाव :
इस रिपोर्ट में भारत में बेरोजगारी से निपटने की कार्रवाई के लिए पांच प्रमुख नीतिगत क्षेत्रों पर ध्यान देने की बात कही गई है। जो विशेष रूप से भारत में युवाओं की बेरोजगारी से संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव है –
- रोजगार सृजन को बढ़ावा देना।
- रोजगार की गुणवत्ता में सुधार करना।
- श्रम बाज़ार की असमानताओं को संबोधित करना और इसमें नीतिगत स्तर पर बदलाव करना।
- कौशल और सक्रिय श्रम बाजार नीतियों को मजबूत करना, और
- श्रम बाजार पैटर्न और युवा रोजगार पर ज्ञान की कमी के अंतर को पाटना।
समाधान की राह :
- ‘ द इंडिया एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024’ भारत में रोजगार के क्षेत्र में एक निराशाजनक परिदृश्य प्रस्तुत करता है।
- भारत में युवा रोजगार की वर्तमान स्थिति पर केंद्रित यह रिपोर्ट देश में व्यापक रूप से प्रचारित ‘जनसांख्यिकीय लाभांश’ की एक गंभीर तस्वीर पेश करता है, जिससे निपटने के लिए त्वरित और लक्षित नीतिगत हस्तक्षेप और तकनीकी रूप से विकसित हो रही भारत की अर्थव्यवस्था के लिए युवाओं के प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
- भारत में बेहतर भुगतान वाली नौकरियों में शिक्षित युवाओं की भागीदारी के सापेक्ष नौकरियों की अनुप्लब्धता और शिक्षा की गुणवत्ता में कमियों के कारण बड़ी संख्या में शिक्षित युवा अभी भी नौकरी के मानदंडों को पूरा करने में असमर्थ हैं। जिस पर भारत के नीति – निर्माताओं को ध्यान देने की अत्यंत जरूरत है।
- भारत में व्यापक सामाजिक-आर्थिक लाभ प्राप्त करने में युवाओं के बड़े समूह का लाभ उठाने की अपेक्षा रोजगार, शिक्षा या प्रशिक्षण से वंचित युवाओं की दर ऊंची है, और अधिकांश नियोजित युवाओं के बीच काम करने की स्थिति खराब है। भारत में मुद्रास्फीति के कारण मजदूरी या तो स्थिर हो गई है या उसमें गिरावट देखी गई है, जबकि भारत की अर्थव्यवस्था उच्च दर से बढ़ रही है।
- भारत में लोकसभा के आम चुनाव 2024 की प्रक्रिया शुरू होते ही राजनेताओं ने रोजगार सृजन करने और तकनीकी रूप से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करने को न केवल अपने चुनावी अभियानों में बल्कि उन्हें नीति निर्माण करने में भी बेरोजगारी के कारणों पर प्राथमिकता देते हुए विचार करने की अत्यंत आवश्यकता है।
स्त्रोत – द हिन्दू एवं पीआईबी।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल 83% युवा बेरोजगार हैं।
- मानव विकास संस्थान की स्थापना वर्ष 1998 में इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनॉमिक्स द्वारा की गई थी।
- यह रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और मानव विकास संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित किया जाता है।
- भारतीय श्रम बाजार में कृषि से गैर-कृषि क्षेत्रों में कार्यबल का धीमा और स्थिर संक्रमण होता है।
उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
(A). केवल 1, 2 और 3
(B). केवल 2, 3 और 4
(C ) इनमें से कोई नहीं।
(D). इनमें से सभी।
उत्तर – (D)
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. भारत रोजगार रिपोर्ट 2024 के महत्वपूर्ण तथ्यों को रेखांकित करते हुए भारत में युवाओं के रोजगार से संबंधित प्रमुख चुनौतियों और उसके समाधान की विस्तृत चर्चा कीजिए। ( शब्द सीमा – 250 अंक -15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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