18 Sep एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में नागरिक विमानन पर दिल्ली घोषणापत्र
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 के अंतर्गत ‘ भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास , दिल्ली घोषणापत्र का मुख्य उद्देश्य , एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ एशिया – प्रशांत क्षेत्र में नागरिक उड्डयन , भारत का नागर विमानन मंत्रालय , अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) , अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बौद्ध सर्किट का निर्माण , विमानन से जुड़े स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान और सब्सिडी प्रदान करना ’ खंड से संबंधित है।)
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिक विमानन पर दिल्ली घोषणापत्र का उल्लेख किया, जो 11 और 12 सितम्बर को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित दूसरे एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में सर्वसम्मति से अपनाया गया।
- दिल्ली घोषणापत्र एक व्यापक रूपरेखा है जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय सहयोग के क्षेत्र में उभरती चुनौतियों का समाधान करना और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नागरिक उड्डयन के सतत विकास को सुनिश्चित करना है।
- एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का विमानन क्षेत्र भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
- नई दिल्ली में आयोजित दूसरे एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) की 80वीं वर्षगांठ भी मनाया गया, जो इस क्षेत्र में वैश्विक सहयोग और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
- केंद्र सरकार भारतीय विमानन क्षेत्र के माध्यम से लोगों, संस्कृति और समृद्धि को जोड़ने का प्रयास कर रही है।
- यह घोषणापत्र न केवल भारत, बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक दिशा प्रदान कर सकता है। अतः नागरिक विमानन पर दिल्ली घोषणापत्र का यह निर्णय वैश्विक स्तर पर भारतीय विमानन क्षेत्र की भूमिका को सशक्त करने का एक प्रयास है।
एशिया – प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारतीय विमानन क्षेत्र से संबंधित प्रमुख घोषणाएं :
- महिलाओं की भागीदारी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारतीय पायलटों में 15% महिलाएं हैं, जो वैश्विक औसत से अधिक है। यह विमानन क्षेत्र में भारत की प्रगति को दर्शाता है।
- अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सर्किट का प्रस्ताव : क्षेत्रीय पर्यटन और संपर्क को बढ़ावा देने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सर्किट का प्रस्ताव रखा गया है।
- हवाई अड्डों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित करना : भारत का लक्ष्य 2047 तक 350-400 हवाई अड्डे स्थापित करना है, जिससे वैश्विक विमानन क्षेत्र में इसकी उपस्थिति बढ़ेगी।
- प्रशांत क्षेत्र के छोटे द्वीप विकासशील राज्यों की सहायता प्रदान करना : प्रशांत क्षेत्र के छोटे द्वीप विकासशील देशों के लिए विमानन चुनौतियों के प्रबंधन में सहायता करने के लिए एक संपर्क कार्यालय की स्थापना की जाएगी।
- हरित विमानन और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करना : अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के 80 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत 80,000 पौधे लगाने की पहल की गई है। भविष्य की योजनाओं में हरित विमानन और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन घोषणाओं के माध्यम से, भारत विमानन क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने और सतत विकास की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
दिल्ली घोषणापत्र का महत्व :
- दिल्ली घोषणापत्र एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नागरिक विमानन में क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत में नागरिक विमानन का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है और इस घोषणापत्र का उद्देश्य इस विकास को स्थिरता, हरित विमानन और सुरक्षा के साथ संतुलित करना है।
- स्थिरता और हरित विमानन को बढ़ावा देने पर जोर देना : दिल्ली घोषणापत्र भारत के विमानन उद्योग में स्थिरता और हरित विमानन को बढ़ावा देने पर जोर देता है, जो वर्तमान समय में एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
- विमानन क्षेत्र में सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सुरक्षा मानकों को उन्नत करना : भारत का विमानन क्षेत्र सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सुरक्षा मानकों को उन्नत करने का प्रयास कर रहा है।
- क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार करना और एशिया भर में पर्यटन तथा आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देना : अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सर्किट जैसी पहलें विमानन क्षेत्र के कनेक्टिविटी में सुधार और एशिया भर में पर्यटन तथा आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने के व्यापक क्षेत्रीय लक्ष्यों के साथ जुड़ी हुई हैं।
- भविष्य में वैश्विक विमानन क्षेत्र में अग्रणी बनने की दिशा में अत्यंत तेज गति से अग्रसर होना : भारत वर्ष 2047 तक 350-400 हवाई अड्डों के निर्माण के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के साथ वैश्विक विमानन क्षेत्र में अग्रणी बनने की दिशा में अत्यंत तेज गति से अग्रसर है।
भारत में नागरिक विमानन क्षेत्र की वर्तमान स्थिति :
- भारत में नागरिक विमानन क्षेत्र के बाजार का कुल आकार : भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है और 2025 तक इसके कुल मिलाकर तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनने की उम्मीद है।
- प्रमुख सरकारी पहलों के माध्यम से भारत का नागरिक विमानन क्षेत्र का तेजी से विस्तार होना : भारत में उड़ान योजना, प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना और NCAP 2016 जैसी प्रमुख सरकारी पहलों के माध्यम से भारत का नागरिक विमानन क्षेत्र तेजी से विस्तार कर रहा है।
- बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने तथा हवाई अड्डे के विकास के लिए PPP मॉडल को प्रोत्साहित करना : वर्तमान में भारत में 136 परिचालन हवाई अड्डे हैं और 100 से अधिक हवाई अड्डों की योजनाएं हैं। सरकार बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने तथा हवाई अड्डे के विकास के लिए PPP मॉडल को प्रोत्साहित कर रही है। इस प्रकार, दिल्ली घोषणापत्र और भारत का नागरिक विमानन क्षेत्र दोनों ही क्षेत्रीय और वैश्विक विमानन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
समाधान और आगे की राह :
सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करना :
- सुरक्षा तकनीकों का उन्नयन करना : विमानन सुरक्षा में नवीनतम तकनीकों का उपयोग अत्यंत आवश्यक है। बायोमेट्रिक्स, जैसे फिंगरप्रिंट और फेस रिकॉग्निशन, यात्रियों की पहचान में सुधार कर सकते हैं। इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निगरानी प्रणाली से संभावित खतरे का त्वरित पता लगाया जा सकता है।
- निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना : सभी देशों को ICAO (International Civil Aviation Organization) द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए। इससे सुरक्षा प्रक्रियाओं में एकरूपता बनी रहेगी और अंतरराष्ट्रीय यात्रा में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी।
- नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण और वर्कशॉप कार्यक्रम का आयोजन करना : पायलटों और अन्य स्टाफ के लिए नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण और वर्कशॉप का आयोजन आवश्यक है। इस तरह के कार्यक्रम उन्हें संभावित खतरों और उनके निवारण के उपायों से अवगत कराते हैं।
पर्यावरणीय पहल और अन्य वैकल्पिक ईंधनों के अनुसंधान और विकास में निवेश करना :
- सतत और अन्य वैकल्पिक ईंधनों का उपयोग करना : बायोफ्यूल और अन्य वैकल्पिक ईंधनों के अनुसंधान और विकास में निवेश करना आवश्यक है। इससे न केवल ईंधन की लागत कम होगी, बल्कि पर्यावरणीय प्रभाव भी घटेगा।
- ठोस कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों की स्थापना के लिए नीतिगत ढांचा तैयार करना : प्रत्येक देश को ठोस कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों की स्थापना करनी चाहिए। इसके लिए नीतिगत ढांचा तैयार करना आवश्यक है, जिससे विमानन उद्योग की पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को समझा जा सके।
- हरित तकनीकों का उपयोग और अनुसंधान को प्रोत्साहित करना : इलेक्ट्रिक विमानों और उन्नत वायुयान डिज़ाइन पर अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इससे विमानों की दक्षता और सुरक्षा में सुधार होगा।
नवाचार में निवेश को प्रोत्साहित करना :
- अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर जोर देना : विमानन उद्योग में नई तकनीकों के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र से फंडिंग बढ़ाना जरूरी है। इससे तकनीकी प्रगति को गति मिलेगी और उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
- स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करना : विमानन से जुड़े स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान और सब्सिडी प्रदान करना आवश्यक है। इससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और नए विचारों को वास्तविकता में बदलने का अवसर मिलेगा।
- उद्योग और अकादमिक संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना : विश्व स्तर पर उद्योग और अकादमिक संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। इससे ज्ञान का आदान-प्रदान होगा और नए समाधान विकसित किए जा सकेंगे।
क्षमता निर्माण करना :
- विमानन तकनीक और प्रबंधन में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना : युवा पेशेवरों के लिए विमानन तकनीक और प्रबंधन में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना चाहिए। इससे उन्हें आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद मिलेगी।
- विमानन संबंधित तकनीकी शिक्षा के लिए विशेष संस्थानों की स्थापना तथा टेक्निकल कॉलेजों का विकास करना : विमानन संबंधित तकनीकी शिक्षा के लिए विशेष संस्थानों की स्थापना करनी चाहिए। इससे क्षेत्र में प्रशिक्षित पेशेवरों की संख्या बढ़ेगी।
- महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देकर महिला सशक्तिकरण करना : विमानन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रमों का संचालन किया जाना चाहिए। इससे समानता के साथ-साथ क्षेत्र की विविधता में भी वृद्धि होगी।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग विकसित करना :
- क्षेत्रीय सहयोग मंच स्थापित करना : एशिया प्रशांत देशों के बीच नागरिक विमानन के लिए एक क्षेत्रीय सहयोग मंच स्थापित करना चाहिए। इससे देशों के बीच सहयोग और समन्वय बढ़ेगा।
- सफल मॉडल और प्रथाओं का अनुभव साझा करना : सफल मॉडल और प्रथाओं का आदान-प्रदान करने से सभी देशों को लाभ होगा और समस्याओं का समाधान अधिक प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा।
- आपात स्थितियों के लिए सहयोग स्थापित करना : प्राकृतिक आपदाओं और संकटों के दौरान सहयोग को मजबूत करने के लिए आपसी समझौते स्थापित किए जाने चाहिए। इससे सामूहिक सुरक्षा में वृद्धि होगी।
निष्कर्ष :
- दिल्ली घोषणापत्र में सुझाए गए उपाय एशिया प्रशांत क्षेत्र में नागरिक विमानन के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इन उपायों का सही तरीके से कार्यान्वयन न केवल विमानन उद्योग को सुरक्षित और स्थायी बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और आर्थिक समृद्धि में भी योगदान करेगा। इस दिशा में उठाए गए कदम वैश्विक स्तर पर विमानन सुरक्षा और स्थिरता के लिए एक मॉडल स्थापित कर सकते हैं।
स्त्रोत – द हिन्दू।
Download plutus ias current affairs Hindi med 18th Sep 2024
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. दिल्ली घोषणापत्र के अनुसार, नागरिक विमानन क्षेत्र में कौन सी नई तकनीक का उपयोग बढ़ाने की सिफारिश की गई है?
- ड्रोन का उपयोग करना।
- स्मार्ट एयरपोर्ट बनाना।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपनाना।
- शून्य कार्बन उत्सर्जन नीति को अपनाना।
उपर्युक्त में से कौन सा सही है ?
A. केवल 1 और 3
B. केवल 2 और 4
C. इनमें से कोई भी नहीं।
D. उपरोक्त सभी।
उत्तर: D
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में नागरिक विमानन पर दिल्ली घोषणापत्र के प्रमुख उद्देश्यों का विश्लेषण करते हुए, यह बताएं कि यह क्षेत्रीय विमानन सुरक्षा, विकास , रोजगार सृजन और पर्यटन को कैसे प्रभावित कर सकता है ? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
No Comments