क्वांटम प्रकाश से युक्त सिलिकॉन चिप : स्केलेबिलिटी की ओर बढ़ता एक कदम

क्वांटम प्रकाश से युक्त सिलिकॉन चिप : स्केलेबिलिटी की ओर बढ़ता एक कदम

पाठ्यक्रम – सामान्य अध्ययन – 3 – विज्ञान और प्रौद्योगिकी- स्केलेबल क्वांटम तकनीकों की ओर: सिलिकॉन चिप पर क्वांटम प्रकाश स्रोतों और नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स का एकीकरण

प्रारंभिक परीक्षा के लिए : 

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), CMOS तकनीक, क्वांटम प्रकाश, सिलिकॉन चिप, ऑन-चिप हीटर, क्वांटम फोटोनिक प्रकाश, स्केलेबिलिटी और दीर्घकालिक स्थिरता 

मुख्य परीक्षा के लिए : 

इस नई चिप में क्या खासियत है जो क्वांटम प्रकाश का निर्माण और नियंत्रण कर सकती है? क्वांटम चिप्स बनाने में क्या चुनौतियाँ हैं और यह चिप उनसे कैसे निपटती है?

 

खबरों में क्यों?

 

 

  • हाल ही में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, बोस्टन यूनिवर्सिटी और यूसी बर्कले के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी पहली सिलिकॉन चिप का निर्माण किया है जो क्वांटम फोटोनिक प्रकाश स्रोतों को पारंपरिक इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण सर्किटों के साथ संयोजित करती है। केवल 1×1 मिलीमीटर की यह सूक्ष्म चिप स्वतः ही क्वांटम फोटॉन की युग्मित किरणों का निर्माण और स्थिरीकरण कर सकती है। 
  • यह उपलब्धि क्वांटम संचार, संवेदन और कंप्यूटिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के लिए आवश्यक प्रकाश स्रोतों के भरोसेमंद और बड़े पैमाने पर उत्पादन का मार्ग प्रशस्त करती है। उल्लेखनीय है कि इस चिप को सामान्य 45-नैनोमीटर CMOS तकनीक से तैयार किया गया है, जिससे इसे औद्योगिक स्तर पर उत्पादित करना संभव हो सकेगा। 
  • यह नवाचार चिप-आधारित क्वांटम तकनीकों को वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।

 

क्वांटम प्रकाश और फोटोनिक प्रौद्योगिकी से संबंधित मुख्य तथ्य : 

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  1. क्वांटम प्रकाश : क्वांटम प्रकाश उन व्यक्तिगत फोटॉनों से बना होता है जो पारंपरिक प्रकाश के विपरीत सुपरपोजिशन और एंटैंगलमेंट जैसी विशिष्ट क्वांटम विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं। ये गुण उन्हें क्वांटम सूचना के संग्रहण और प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
  2. सह-संयोजित फोटॉन युग्म : अक्सर ‘फोर-वेव मिक्सिंग’ जैसी प्रक्रियाओं से उत्पन्न ये फोटॉन जोड़े आपस में गहरे समय या क्वांटम उलझाव से जुड़े होते हैं। यही विशेषताएँ उन्हें क्वांटम कंप्यूटिंग, संचार और संवेदन के मूल संसाधन बनाती हैं।
  3. क्वांटम संचार में भूमिका : ऐसे फोटॉन जोड़े क्वांटम कुंजी वितरण (QKD) जैसे उन्नत संचार प्रोटोकॉल को सक्षम करते हैं, जहाँ किसी भी बाहरी हस्तक्षेप या जासूसी को तुरंत पकड़ा जा सकता है क्योंकि वह क्वांटम स्थिति को प्रभावित करता है।
  4. क्वांटम संवेदन के अनुप्रयोग : एंटैंगल्ड फोटॉनों का उपयोग मापन की सटीकता और संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इससे इन्हें इंटरफेरोमेट्री और जैव-इमेजिंग जैसी उच्च-प्रदर्शन वाली तकनीकों में विशेष महत्व प्राप्त होता है।
  5. फोटोनिक्स की केंद्रीय भूमिका : फोटोनिक चिप तकनीक सूक्ष्म प्रकाशीय मार्गों के माध्यम से प्रकाश के प्रवाह को नियंत्रित करती है, जिससे भारी-भरकम ऑप्टिकल सेटअप के बिना ही तेज़, कॉम्पैक्ट और ऊर्जा-कुशल क्वांटम प्रणालियाँ संभव हो पाती हैं।
  6. माइक्रोरिंग रेज़ोनेटर का योगदान : ये अत्यंत सूक्ष्म प्रकाशीय लूप प्रकाश को सीमित रखते हुए उसमें गहन गैर-रेखीय अंतःक्रिया को बढ़ाते हैं, जिससे वे ऑन-चिप स्तर पर फोटॉन जोड़े उत्पन्न करने के लिए आदर्श विकल्प बनते हैं।
  7. तापीय अस्थिरता की चुनौती : माइक्रो रिंग रिजोनेटर अत्यधिक ताप-संवेदनशील होते हैं। मामूली तापीय परिवर्तन भी उनके अनुनाद व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे फोटॉन निर्माण अस्थिर हो सकता है।
  8. निर्माण संबंधी जटिलताएँ : फोटोनिक घटकों के निर्माण में आने वाली सूक्ष्म असंगतियाँ उनके प्रदर्शन में अंतर ला सकती हैं। यह अक्सर बाहरी नियंत्रण प्रणालियों की आवश्यकता को जन्म देती है, जिससे स्केलेबिलिटी बाधित होती है।

 

प्रमुख उपलब्धि : चिप पर निर्मित क्वांटम प्रकाश संयंत्र

 

  1. एकीकृत मिनिएचर डिज़ाइन : यह सिलिकॉन चिप केवल 1×1 मिमी² आकार की है, लेकिन इसमें क्वांटम प्रकाश उत्पन्न करने वाले माइक्रोरिंग रेज़ोनेटर, फोटोडायोड तथा पारंपरिक नियंत्रण सर्किट सभी सम्मिलित हैं, जिससे एकीकृत क्वांटम प्रकाश प्रबंधन संभव हो जाता है।
  2. प्रत्येक माइक्रोरिंग एक प्रकाश संयंत्र : चिप पर मौजूद 12 माइक्रोरिंग अनुनादक स्वतंत्र रूप से फोटॉन जोड़े उत्पन्न करते हैं, जिससे वे “क्वांटम लाइट फैक्ट्री” की तरह कार्य करते हैं, जो कई क्वांटम उपयोगों के लिए आवश्यक स्रोत प्रदान करते हैं।
  3. इनबिल्ट फोटोडायोड द्वारा निगरानी : इन फोटोडायोड्स को रेज़ोनेटर के समीप संयोजित किया गया है ताकि वे आने वाले लेज़र प्रकाश के साथ संरेखण की निगरानी कर सकें, जिससे सिस्टम की सटीकता बनी रहती है।
  4. तुरंत प्रतिक्रिया करने वाली नियंत्रण प्रणाली : चिप में लगे ऑन-चिप हीटर और नियंत्रण लॉजिक तापमान भिन्नताओं या निर्माण दोषों के प्रभाव को तुरंत संतुलित करते हैं, जिससे हर रेज़ोनेटर को उसकी आदर्श कार्य आवृत्ति पर संचालित किया जा सकता है।
  5. समानांतर और समन्वित फोटॉन उत्पादन : सभी 12 स्रोत स्वतंत्र रूप से कार्य करते हुए बिना किसी हस्तक्षेप के एकसाथ फोटॉन उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे प्रणाली स्केलेबल और सिंक्रनाइज़ संचालन के योग्य बनती है।
  6. मानक CMOS तकनीक का उपयोग : यह चिप पारंपरिक 45-नैनोमीटर CMOS तकनीक से बनाई गई है, जो यह दर्शाती है कि क्वांटम फोटोनिक सिस्टम अब व्यावसायिक अर्धचालक तकनीकों के माध्यम से भी उत्पादित किए जा सकते हैं।
  7. स्केलेबिलिटी और दीर्घकालिक स्थिरता : चिप के भीतर यह गहन एकीकरण क्वांटम प्रणालियों को न केवल ताप-संवेदनशीलता से मुक्त बनाता है, बल्कि उन्हें दोहराने योग्य और औद्योगिक स्तर पर उत्पाद योग्य भी बनाता है, जिससे क्वांटम टेक्नोलॉजी को व्यापक रूप से अपनाना संभव हो सकता है।
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प्रमुख तकनीकी नवाचार और डिज़ाइन की विशेषताएं : 

 

  1. फोटोडायोड आधारित सटीक निगरानी : प्रत्येक माइक्रोरिंग अनुनादक में एकीकृत फोटोडायोड लगे हैं जो लेज़र संकेतों के साथ संरेखण में किसी भी प्रकार के बदलाव को पहचानते हैं। यह प्रणाली चिप के ऑप्टिकल अनुनाद को वास्तविक समय में नियंत्रित और संतुलित बनाए रखने में सहायक होती है।
  2. ऑन-चिप तापीय नियंत्रण प्रणाली : रेज़ोनेटर के पास लगे सूक्ष्म हीटर उनके तापमान को आवश्यकता अनुसार समायोजित करते हैं, जिससे अनचाहे आवृत्ति विचलनों को रोका जा सके और लगातार फोटॉन उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
  3. रीयल-टाइम फीडबैक और कंट्रोल लूप तंत्र : चिप में मौजूद नियंत्रण प्रणाली फोटोडायोड से प्राप्त संकेतों को प्रोसेस करके फोटोनिक घटकों की स्थिति को लगातार समायोजित करती है। यह स्वचालित बंद-लूप तंत्र पूरे सिस्टम को स्थिर बनाए रखता है।
  4. CMOS तकनीक के अनुकूल सह-डिज़ाइन : इस पूरी प्रणाली—चाहे वो क्वांटम प्रकाश स्रोत हों या नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक्स—को 45-नैनोमीटर CMOS मानकों के भीतर डिज़ाइन किया गया है। इसका उद्देश्य है इसे पारंपरिक अर्धचालक निर्माण प्रक्रियाओं के अनुरूप बनाना।
  5. स्वतंत्र एवं समांतर स्रोत संचालन : चिप पर मौजूद सभी 12 प्रकाश स्रोत एक-दूसरे से स्वतंत्र रूप से चलते हुए एक साथ काम कर सकते हैं। इससे मल्टी-चैनल क्वांटम डेटा प्रोसेसिंग और संचार के लिए प्लेटफ़ॉर्म की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
  6. क्रॉसटॉक-मुक्त कार्यप्रणाली : इस डिजाइन में निकटवर्ती रेज़ोनेटरों के बीच तापीय हस्तक्षेप जैसी समस्याओं को प्रभावी ढंग से दूर किया गया है, जिससे कॉम्पैक्ट आकार में भी चिप का संचालन स्थिर और कुशल रहता है।
  7. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के साथ क्वांटम का संगम : यह वही प्लेटफॉर्म है जिसे अयार लैब्स के सहयोग से विकसित किया गया था और जो एआई-संचालित ऑप्टिकल इंटरकनेक्ट्स को सपोर्ट करता है। अब यही बुनियाद क्वांटम और एआई हार्डवेयर को एकीकृत करने की संभावनाओं को भी दर्शा रही है।

 

प्रभाव और संभावनाएं : उपयोग की दिशा में बढ़ते कदम

 

  1. विस्तृत स्तर पर क्वांटम हार्डवेयर का निर्माण : यह चिप इस बात का प्रमाण है कि क्वांटम फोटोनिक तकनीकों को पारंपरिक CMOS फाउंड्रीज के ज़रिए विश्वसनीय और मापनीय रूप से तैयार किया जा सकता है, जिससे क्वांटम सिस्टम को बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है।
  2. क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए आधारभूत अवसंरचना : यह एकीकृत चिप भविष्य के क्वांटम प्रोसेसरों में एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में कार्य कर सकती है, जिसमें फोटॉन स्रोत स्थिरता के साथ क्यूबिट्स और लॉजिक गेट्स की रचना संभव होगी।
  3. क्वांटम-संरक्षित डेटा संचार : चिप का प्रयोग क्वांटम कुंजी वितरण (QKD) में किया जा सकता है, जहाँ फोटॉन युग्मों की उलझी हुई अवस्था डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करती है और किसी भी अनधिकृत हस्तक्षेप का तुरंत पता लगाया जा सकता है।
  4. सटीक मापन और संवेदन अनुप्रयोग : यह तकनीक बायोमेडिकल इमेजिंग, ग्रेविटी मापन और समय तुल्यकालन जैसे क्षेत्रों में उपयोगी हो सकती है, जहाँ अति-संवेदनशीलता और उच्च परिशुद्धता की आवश्यकता होती है।
  5. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और सुपरकंप्यूटिंग में इंटरकनेक्ट समर्थन : इस क्वांटम चिप का ऑप्टिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर हाई-स्पीड डेटा ट्रांसमिशन को सक्षम बनाता है, जो एआई और हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सिस्टमों के लिए ऊर्जा-दक्षता के साथ बेहतर प्रदर्शन प्रदान करता है।
  6. मॉड्यूलर क्वांटम नेटवर्किंग का मार्ग : इस चिप की बहु-स्रोत संचालन क्षमता इसे मॉड्यूलर क्वांटम आर्किटेक्चर के लिए उपयुक्त बनाती है, जो कि नेटवर्क-बेस्ड क्वांटम कंप्यूटिंग की दिशा में एक आवश्यक कदम है।
  7. अनुसंधान से उद्योग तक का सेतु : यह प्रगति शोध प्रयोगशालाओं और वाणिज्यिक निर्माण के बीच की दूरी को पाटती है। यह न केवल शिक्षा और विज्ञान जगत को सशक्त बनाती है, बल्कि उद्योगों में व्यावहारिक क्वांटम समाधान अपनाने की गति को भी तेज करती है।

 

बहु-विषयक सहयोग की ताक़त : अनुसंधान से नवाचार तक

 

  1. विभिन्न क्षेत्रों का समन्वय : इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषतायह है कि यह विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों—क्वांटम ऑप्टिक्स, फोटोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग—का एक मंच पर समावेश कर आमतौर पर अलग-अलग काम करने वाले इन क्षेत्रों ने मिलकर एक साथ संयुक्त समाधान को प्रस्तुत करता है।
  2. शैक्षणिक संस्थानों की सहभागिता : नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, यूसी बर्कले और बोस्टन यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने अपनी विशेषज्ञता—चिप डिज़ाइन, मापन प्रणाली और फोटोनिक एकीकरण—को साझा कर तकनीकी समृद्धि में सहयोग दिया।
  3. उद्योग जगत से सशक्त सहभागिता : ग्लोबलफाउंड्रीज़ (CMOS निर्माण), अयार लैब्स (ऑप्टिकल इंटरकनेक्ट) और साइक्वांटम (क्वांटम कंप्यूटिंग) जैसी अग्रणी कंपनियों की भागीदारी ने शोध को प्रयोगशाला से निकाल कर व्यावसायिक धरातल पर स्थापित करने में मदद की।
  4. इलेक्ट्रॉनिक्स और फोटोनिक्स का सम्मिलित डिज़ाइन : इस परियोजना की सफलता का आधार था एक ऐसी प्रणाली का विकास जो इलेक्ट्रॉनिक और प्रकाशीय घटकों को एक साथ जोड़कर, एकीकृत रूप से मानक CMOS तकनीक पर काम कर सके।
  5. उद्योग-स्तर का निर्माण संभव : अर्धचालक विनिर्माण इकाइयों के सहयोग से इस चिप को व्यावसायिक रूप से स्थापित प्रक्रियाओं द्वारा बड़े पैमाने पर निर्मित करना संभव हुआ, जो स्केलेबिलिटी की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  6. विशेषज्ञों की विचारशील टिप्पणियाँ : मिलोस पोपोविच ने मानक फैब्रिकेशन प्लेटफॉर्म पर क्वांटम डिवाइस निर्माण के महत्व पर ज़ोर दिया; अनिरुद्ध रमेश ने ऑन-चिप नियंत्रण को क्रांतिकारी बताया; और प्रेम कुमार ने इस बहु-विषयक सहयोग की सराहना की।
  7. नवाचार के लिए आदर्श मॉडल के रूप में : यह परियोजना अंतःविषयक अनुसंधान का एक प्रेरक उदाहरण है, जो प्रयोगशाला में सिमटी तकनीक को व्यावहारिक और मापनीय औद्योगिक समाधान में परिवर्तित करने की दिशा में मार्गदर्शक बनती है।

उद्योग प्रभाव और भविष्य की दिशा : एक नई तकनीकी क्रांति का संकेत

 

  1. छात्रों का उत्कृष्ट कैरियर विकास : इस परियोजना से जुड़े स्नातकों ने साइक्वांटम, अयार लैब्स, ऑरोरा और गूगल एक्स जैसी अग्रणी कंपनियों में स्थान पाया, और क्वांटम तथा फोटोनिक नवाचारों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
  2. उद्योग को तैयार उन्नत प्रतिभाएँ : यह पहल ऐसे इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की नई पीढ़ी को तैयार कर रही है जो उन्नत क्वांटम व ऑप्टिकल तकनीकों में दक्ष हैं और अकादमिक-जगत तथा उद्योग के बीच सेतु का कार्य कर रहे हैं।
  3. सिलिकॉन फोटोनिक्स का बढ़ता वर्चस्व : क्वांटम प्रकाश स्रोतों और एआई-आधारित ऑप्टिकल इंटरकनेक्ट दोनों के लिए सिलिकॉन फोटोनिक्स एक प्रमुख मंच के रूप में उभर रहा है, जो गति, दक्षता और स्केलेबिलिटी तीनों प्रदान करता है।
  4. मल्टी-चिप क्वांटम सिस्टम का भविष्य : इस चिप की समानांतर संचालन क्षमता उस आने वाले युग का संकेत देती है जहाँ विभिन्न क्वांटम चिप्स मिलकर समन्वित और शक्तिशाली नेटवर्क बनाएंगे।
  5. क्वांटम नेटवर्किंग की नींव : स्थिर और ऑन-चिप फोटॉन स्रोतों की उपलब्धता क्वांटम नेटवर्क और संभावित ‘क्वांटम इंटरनेट’ जैसे भविष्य के दृष्टिकोण को व्यवहारिक आकार देने में मदद करती है।
  6. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और क्वांटम का संभावित संगम : फोटोनिक्स के ज़रिए एआई और क्वांटम कंप्यूटिंग के बीच सहयोग की संभावना उजागर हो रही है, जिससे दोनों तकनीकों की शक्ति को एक साथ जोड़ा जा सकेगा।
  7. क्वांटम तकनीक का व्यवसायीकरण : इस चिप का स्थिर, दोहराने योग्य और CMOS-संगत डिज़ाइन क्वांटम तकनीक को औद्योगिक पैमाने पर लागू करने की दिशा में एक ठोस आधार प्रदान करता है।

 

निष्कर्ष : भविष्य के क्वांटम युग की नींव

 

  • क्लासिकल इलेक्ट्रॉनिक्स और क्वांटम फोटोनिक स्रोतों का एक ही CMOS चिप पर सफल एकीकरण एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। 
  • नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, बोस्टन यूनिवर्सिटी और यूसी बर्कले के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह चिप कॉम्पैक्ट, ताप-स्थिर और औद्योगिक रूप से तैयार करने योग्य है। 
  • यह नवाचार न केवल तकनीकी बाधाओं को पार करता है, बल्कि क्वांटम कंप्यूटिंग, सुरक्षित संचार, संवेदन और एआई जैसी उभरती हुई तकनीकों में वास्तविक अनुप्रयोगों के द्वार भी खोलता है।
  • इस परियोजना ने यह भी सिद्ध किया है कि जब विभिन्न विषयों की विशेषज्ञता मिलती है, तो तकनीक प्रयोगशालाओं की सीमाओं को पार कर, औद्योगिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त करती है।

 

स्त्रोत – पी. आई. बी एवं द हिन्दू। 

 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

 

Q.1. क्वांटम प्रौद्योगिकियों में हालिया प्रगति के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. क्वांटम प्रकाश स्रोतों और इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण परिपथों को एक ही चिप पर एकीकृत करने का कार्य एक मानक 45-नैनोमीटर CMOS प्रक्रिया का उपयोग करके प्राप्त किया गया है।
  2. क्वांटम संचार के लिए आवश्यक सहसंबद्ध फोटॉन युग्म उत्पन्न करने के लिए माइक्रोरिंग रिजोनेटर का उपयोग किया जाता है।
  3. इन एकीकृत चिप्स को फोटॉन उत्पादन को स्थिर करने के लिए बाहरी ऑप्टिकल प्रणालियों की आवश्यकता होती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर – (a)

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

 

Q.1. एकल CMOS चिप पर क्वांटम फोटोनिक प्रकाश स्रोतों को शास्त्रीय इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण परिपथों के साथ एकीकृत करने के महत्व पर चर्चा कीजिए। यह नवाचार क्वांटम संचार, संवेदन और कंप्यूटिंग की चुनौतियों का समाधान कैसे करता है? साथ ही, भविष्य की तकनीकों, जैसे कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और चिप-स्केल क्वांटम नेटवर्क, के लिए इसके संभावित निहितार्थों का भी परीक्षण कीजिए। ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )

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