09 Jul भारत के स्वदेशी लाइट टैंक ज़ोरावर का अनावरण
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 के अंतर्गत ‘ भारत का रक्षा प्रौद्योगिकी, मेक इन इंडिया कार्यक्रम , रक्षा प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ डीआरडीओ (DRDO) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T), डोगरा जनरल ज़ोरावर सिंह कहलूरिया , ज़ोरावर लाइट टैंक, रिमोट – कंट्रोल्ड वेपन सिस्टम (RCWS) से लैस टैंक ’ खंड से संबंधित है। इसमें PLUTUS IAS टीम के सुझाव भी शामिल हैं। यह लेख ‘ दैनिक कर्रेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘ भारत के स्वदेशी लाइट टैंक ज़ोरावर का अनावरण ’ से संबंधित है।)
खबरों में क्यों ?
- भारत ने हाल ही में डीआरडीओ (DRDO) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के संयुक्त सहयोग से निर्मित स्वदेशी लाइट टैंक ‘ज़ोरावर’ का अनावरण किया है।
- यह टैंक उच्च ऊंचाई वाले वातावरण में सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। इसका आदिप्रारूप (Prototype) अभी व्यापक परीक्षण के लिए तैयार है1।
- इस स्वदेशी लाइट टैंक ‘ज़ोरावर’ भारत-चीन सीमा (LAC) पर तैनात किया जाने की योजना बनाई गई है।
ज़ोरावर लाइट टैंक का परिचय :
- ज़ोरावर लाइट टैंक एक स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित किया हुआ हल्का टैंक है।
- इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और प्रमुख इंटीग्रेटर लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
- इस टैंक का नाम 19वीं शताब्दी के सैन्य जनरल जोरावर सिंह कहलूरिया के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने जम्मू के राजा गुलाब सिंह के राज्य के अधीन कार्य किया था।
- ज़ोरावर टैंक का नाम 19वीं सदी के डोगरा जनरल ज़ोरावर सिंह कहलूरिया के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 1841 में चीन-सिख युद्ध के समय कैलाश-मानसरोवर पर सैन्य अभियान का नेतृत्व किया था।
- जनरल ज़ोरावर सिंह के सम्मान में नामित, इस टैंक को लद्दाख, सिक्किम, या कश्मीर में संभावित तैनाती से पहले व्यापक परीक्षणों के लिए तैयार किया गया है।
- यह टैंक रिकॉर्ड दो साल की समयसीमा के भीतर डिज़ाइन किया गया है और इसमें 105 मिमी राइफल वाली तोप और कम्पोजिट मॉड्यूलर कवच सहित उन्नत हथियार और सुरक्षा प्रणालियाँ हैं।
ज़ोरावर टैंक की विशेषताएँ :
ज़ोरावर टैंक, जिसे भारतीय सेना ने तैनात किया है, एक आधुनिक और हल्का टैंक है जो चीन के टाइप-15 टैंकों के खिलाफ तैनात किया गया है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
- वजन : ज़ोरावर टैंक का वजन अधिकतम 25 टन है, जो इसे हवाई मार्ग से भी ले जाने में सक्षम बनाता है।
- ऊंचाई और तोपखाने की भूमिका : यह टैंक उच्च ऊंचाई पर भी हमला करने में सक्षम है और सीमित तोपखाने की भूमिका निभा सकता है।
- विभिन्न भूभागों में संचालन : ज़ोरावर को उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों से लेकर द्वीपीय क्षेत्रों तक काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- आधुनिक तकनीकों से लैस : यह टैंक आधुनिक तकनीकों से लैस है , जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन इंटीग्रेशन, उच्च स्तर की स्थितिजन्य जागरूकता और जलस्थलीय संचालन क्षमता शामिल है।
- टैंक के मूलभूत मापदंडों का संयोजन : इसमें आग, शक्ति, गतिशीलता और सुरक्षा के मूलभूत मापदंडों का संयोजन किया गया है।
- भारतीय सेना में इसे शामिल करने की योजना : इसे भारतीय सेना में सभी परीक्षणों के बाद वर्ष 2027 तक शामिल किये जाने की संभावना है।
- भारत के विभिन्न भू-भागों में कार्रवाई करने की विविधता प्रदान करने वाला टैंक : ज़ोरावर एक भारतीय लाइट टैंक डिज़ाइन है। इसका उच्च शक्ति-भार अनुपात, भारी फायरपावर, सुरक्षा, निगरानी और संचार क्षमताओं के साथ डिज़ाइन किया गया है। यह भारतीय सेना को विविध खतरों और उसके प्रतिद्वंद्वियों की उपकरण प्रोफ़ाइल के खिलाफ विभिन्न भू-भागों में कार्रवाई करने की विविधता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- रिमोट – कंट्रोल्ड वेपन सिस्टम (RCWS) से लैस टैंक : यह टैंक रिमोट-कंट्रोल्ड वेपन सिस्टम (RCWS) जैसी उन्नत प्रणालियों को एकीकृत करके बनाया गया है और इसे उभयचर संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो इस टैंक को विभिन्न इलाकों में सैन्य संचलन और सैन्य कारवाई की गतिशीलता को बढ़ाता है।
भारत के लिए ज़ोरावर टैंक का सामरिक महत्व :
- भारतीय सेना के लिए ज़ोरावर टैंक एक महत्वपूर्ण सामरिक उपकरण है।
- यह टैंक लद्दाख के गतिरोध के दौरान उजागर की गई सामरिक जरूरतों के जवाब में विकसित किया गया था।
- इसका वजन 25 टन है और यह पहली बार है कि एक नए टैंक को इतने कम समय में डिजाइन और परीक्षण के लिए तैयार किया गया है।
- ‘ज़ोरावर’ टैंक का डिज़ाइन सुनियोजन और परिचालन गतिशीलता में सुधार करता है।
- यह उच्च कोणों पर फायर करने, वायु द्वारा परिवहित करने और सीमित संख्या में तोपों का वहन करने में सक्षम है।
- इस टैंक का मुख्य उद्देश्य भारत के चुनौतीपूर्ण इलाकों में भारतीय सैन्य शक्ति की उपस्थिति को बढ़ाना और दुश्मन देशों के प्रहार को रोकना है।
- यह टैंक भारत की रक्षा क्षमताओं के स्वदेशीकरण और आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. ज़ोरावर टैंक के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसमें 105 मिमी राइफल वाली तोप और कम्पोजिट मॉड्यूलर कवच सहित उन्नत हथियार और सुरक्षा प्रणालियाँ शामिल हैं।
- ज़ोरावर टैंक का नाम 19वीं सदी के डोगरा जनरल ज़ोरावर सिंह डोगरिया के नाम पर रखा गया है।
- इस टैंक का अधिकतम वजन 45 टन है, जो इसे हवाई मार्ग से भी ले जाने में सक्षम बनाता है।
- इसे डीआरडीओ और लार्सन एंड टुब्रो के संयुक्त सहयोग से निर्मित किया गया है।
उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
A. केवल 1, 2 और 3
B. केवल 1 और 4
C. केवल 2, 3 और 4
D. केवल 2 और 3
उत्तर – B
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. ज़ोरावर लाइट टैंक की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करते हुए यह चर्चा कीजिए कि यह किस प्रकार भारत के रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों से लेकर द्वीपीय क्षेत्रों तक सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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