वज्रपात और तड़ित चालक : प्रकृति की हिंसा और उसके प्रबंधन की कला

वज्रपात और तड़ित चालक : प्रकृति की हिंसा और उसके प्रबंधन की कला

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 के अंतर्गत ‘ आपदा प्रबंधन , वज्रपात एवं तड़ित चालक ’ और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 1 के ‘ भौतिक भूगोल , महत्त्वपूर्ण भौगोलिक घटनाएँ ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ वज्रपात एवं तड़ित चालक , प्राकृतिक आपदा , प्राकृतिक आपदा से संबंधित चुनौतियाँ एवं उसका समाधान  ’ खंड से संबंधित है।)

 

खबरों में क्यों ?

 

  

  • हाल ही में तमिलनाडु राज्य में लौटते मानसून के दौरान हुई मूसलाधार बारिश के साथ वज्रपात के कारण कई लोगों की जान जाने की घटनाएं सामने आई हैं। 
  • मूसलधार बारिश उस स्थिति को कहते हैं, जब 12 घंटे के अंदर 100 मिलीमीटर या उससे अधिक वर्षा हो, जो कई घंटों तक जारी रह सकती है। इस प्रकार की भारी बारिश से छोटे-छोटे नाले और नदियाँ उफान पर आ सकते हैं, और बड़ी नदियों में बाढ़ भी आ सकती है। इसके अलावा, भूस्खलन जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं, जिससे भारी नुकसान होता है।
  • जलवायु परिवर्तन का प्रभाव तापमान और वायुमंडलीय नमी में वृद्धि के रूप में सामने आ रहा है, जिसके कारण वज्रपात की तीव्रता और आवृत्ति वैश्विक स्तर पर बढ़ी है। जब गर्म हवा और आर्द्र बादल आपस में टकराते हैं, तो यह आवेश के पृथक्करण की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है, जो वज्रपात का कारण बनता है।

 

वज्रपात और तड़ित चालक क्या होता है ? 

 

 

  • वज्रपात : वज्रपात एक प्राकृतिक विद्युत घटना है, जो आमतौर पर तूफानों के दौरान होती है। यह तब उत्पन्न होती है जब बादलों के भीतर जल की बूंदों और बर्फ के क्रिस्टल के बीच घर्षण होता है, जिससे स्थैतिक विद्युत आवेश का संचय होता है। इस घर्षण से उत्पन्न होने वाला आवेश अंततः वज्रपात के रूप में बाहर निकलता है।
  • तड़ित चालक : तड़ित चालक एक धातु की छड़ी होती है, जिसे भवनों के ऊपरी हिस्से पर स्थापित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य विद्युत आवेश को आकर्षित करना और उसे नियंत्रित तरीके से जमीन तक पहुंचाना है। तड़ित चालक के कारण एक मजबूत विद्युत क्षेत्र बनता है, जिससे वज्रपात के दौरान विद्युत प्रवाह को सुरक्षित रूप से भूमि में पहुंचाया जा सकता है, और इस प्रकार संभावित नुकसान से बचाव होता है।

 

आकाशीय बिजली गिरने की बढ़ती प्रवृत्ति के पीछे का संभावित कारण :

 

  • वैश्विक भू – तापन और जलवायु परिवर्तन : ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन ने वायुमंडलीय परिस्थितियों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो आकाशीय बिजली और आँधी की घटनाओं में वृद्धि का कारण बन सकते हैं। जैसे-जैसे पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, नमी का वितरण और वायुमंडलीय अस्थिरता बदल रही है, जिससे आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं अधिक होने लगी हैं। उदाहरण के तौर पर, प्री-मॉनसून सीज़न में भारतीय उपमहाद्वीप में कालबैसाखी जैसे तूफान, जो आकाशीय बिजली के साथ होते हैं, अब अधिक बार देखने को मिल रहे हैं।
  • अत्यंत तीव्र गति से होने वाला शहरीकरण के कारण उत्पन्न प्रभाव : शहरीकरण का प्रभाव “शहरी ताप द्वीप प्रभाव” के रूप में सामने आता है, जहाँ शहरी क्षेत्रों की सतहें, जैसे कंक्रीट और अस्फाल्ट, गर्मी को अधिक अवशोषित करती हैं। इसके कारण ये क्षेत्र ग्रामीण इलाकों की तुलना में काफी गर्म हो जाते हैं। इस बढ़ी हुई गर्मी के कारण स्थानीय स्तर पर गरज के साथ वर्षा होती है, जो आकाशीय बिजली के गिरने की घटनाओं को बढ़ावा देती है। शहरी गतिविधियों, ऊर्जा खपत और अन्य कारकों के कारण यह समस्या और भी गहराती जा रही है।
  • भूमि उपयोग में हो रहे परिवर्तन की बदली हुई प्रकृति : भूमि उपयोग में हो रहे बदलाव, जैसे वनों की अंधाधुंध कटाई, कृषि विधियों में परिवर्तन और प्राकृतिक परिदृश्यों का परिवर्तन, स्थानीय वायुमंडलीय संतुलन को बिगाड़ सकते हैं। ये परिवर्तित परिस्थितियाँ तूफानों की उत्पत्ति को बढ़ावा देती हैं, जो आकाशीय बिजली के गिरने की घटनाओं को भी बढ़ा सकती हैं।
  • प्रदूषण और एयरोसोल : वायु प्रदूषण, विशेष रूप से एयरोसोल और पार्टिकुलेट मैटर के रूप में, बादलों के निर्माण और विद्युत गतिविधि को प्रभावित करता है। मानवजनित उत्सर्जन तूफान की तीव्रता और आवृत्ति को बढ़ा सकते हैं, जिससे आकाशीय बिजली गिरने की संभावना भी बढ़ जाती है। प्रदूषण के कारण बादलों में विद्युत आवेशों का संचय अधिक होता है, जिससे वज्रपात की घटनाएं अधिक होती हैं।

 

आगे की राह :

 

 

  • व्यापक शैक्षिक अभियानों का आयोजन करना आवश्यक : आकाशीय बिजली से सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक शैक्षिक अभियानों का आयोजन करना आवश्यक है। खासकर ग्रामीण इलाकों में लोगों को आकाशीय बिजली के खतरे और इससे बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करने पर जोर दिया जाना चाहिए। इस तरह के अभियान समुदायों में सुरक्षा की भावना जागृत कर सकते हैं और लोगों को सही समय पर सावधानी बरतने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
  • आधुनिक एवं उन्नत भविष्यवाणी और चेतावनी तंत्र विकसित करना जरूरी : आकाशीय बिजली और तूफानों की बेहतर सूचना देने के लिए उन्नत भविष्यवाणी और चेतावनी तंत्र विकसित करना जरूरी है। इससे लोगों को संभावित खतरों से पहले ही अवगत कराया जा सकेगा, जिससे वे समय रहते सुरक्षा उपाय अपनाकर आकाशीय बिजली गिरने के दौरान सुरक्षित रह सकते हैं। 
  • आकाशीय बिजली प्रतिरोधक बुनियादी ढांचे को स्थापित करने की जरूरत : स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक भवनों जैसे उच्च जोखिम वाले स्थानों में आकाशीय बिजली प्रतिरोधक बुनियादी ढांचे को स्थापित करना चाहिए। इसमें इमारतों और घरों पर तड़ित प्रतिरोधक उपकरण, जैसे तड़ित चालक या आकाशीय बिजली की छड़ें, लगाना शामिल हो सकता है, ताकि बिजली को सुरक्षित रूप से जमीन तक पहुंचने का मार्ग मिल सके और इससे होने वाली हानि को कम किया जा सके। इसके साथ ही, आकाशीय बिजली से उत्पन्न अतिरिक्त वोल्टेज से बचने के लिए विद्युत उपकरणों में सर्ज प्रोटेक्टर्स का उपयोग भी किया जाना चाहिए।
  • स्थानीय आपातकालीन सेवाओं और प्रथम उत्तरदाता टीमों को प्रशिक्षण देना अत्यंत महत्वपूर्ण :  आकाशीय बिजली की घटनाओं से निपटने के लिए स्थानीय आपातकालीन सेवाओं और पहले उत्तरदाता टीमों को प्रशिक्षण देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें आपातकालीन स्थितियों में आवश्यक सुरक्षा उपकरण और उन उपकरणों को उपयोग करने की विधियों के बारे में प्रशिक्षित करना चाहिए, ताकि वे घटनास्थल पर समय रहते मदद पहुंचा सकें और आकाशीय बिजली की घटनाओं से होने वाली जोखिम को कम कर सकें। इस प्रशिक्षण से इन टीमों की कार्य क्षमता बढ़ेगी और वे आकाशीय बिजली की घटनाओं से निपटने के लिए ज्यादा प्रभावी रूप से काम कर सकेंगे।

स्रोत – द हिंदू।

 

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. वज्रपात (Lightning) और तड़ित चालक (Lightning Rod) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. वज्रपात एक प्राकृतिक विद्युत घटना है और यह हमेशा वर्षा के दौरान होता है।
  2. वज्रपात के कारण उत्पन्न विद्युत ऊर्जा बहुत उच्च होती है।
  3. तड़ित चालक घर या अन्य संरचनाओं को वज्रपात से बचाता है।
  4. तड़ित चालक को केवल बांस से बनाया जाता है, क्योंकि यह एक प्रकार का विद्युत कंडक्टर/ सुचालक होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा कथन सही है ? 

A. केवल 1 और 4 

B. केवल 2 और 3 

C. केवल 1 और 3 

D. केवल 2 और 4 

उत्तर – B

व्याख्या : 

  • कथन 1 गलत है। वज्रपात एक प्राकृतिक विद्युत घटना है, जो आकाशीय बिजली के रूप में होती है। लेकिन, वज्रपात हमेशा वर्षा के दौरान ही नहीं होता, यह शुष्क मौसम में भी हो सकता है। 
  • कथन 2 सही है। वज्रपात के दौरान उत्पन्न विद्युत ऊर्जा अत्यधिक उच्च होती है।
  • कथन 3 सही है। तड़ित चालक घर या अन्य संरचनाओं को वज्रपात से बचाता है।
  • कथन 4 गलत है। तड़ित चालक बांस से नहीं, बल्कि धातु (जैसे तांबा) से बनता है, क्योंकि धातु विद्युत का अच्छा कंडक्टर/ सुचालक होता है। अतः विकल्प B सही उत्तर है। 

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. वज्रपात के कारणों, प्रभावों और सुरक्षा उपायों के साथ-साथ तड़ित चालक के महत्व और उसकी कार्यप्रणाली को रेखांकित करते हुए, यह चर्चा कीजिए कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से वज्रपात के जोखिमों को कैसे कम किया जा सकता है और इसके प्रबंधन में नवीनतम तकनीकी प्रगति का क्या योगदान हो सकता है? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 ) 

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