15 Mar केंद्र-तमिलनाडु विवाद : समग्र शिक्षा अभियान और NEP 2020 शिक्षा नीति पर टकराव
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 2 के अंतर्गत ‘ भारत में शिक्षा से संबंधित नीतियाँ, केंद्र-राज्य संबंध, शिक्षा, संघवाद, सहकारी संघवाद, NEP के कार्यान्वयन से संबंधित सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, समग्र शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की मुख्य विशेषताएँ ’ खण्ड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ समग्र शिक्षा अभियान, समवर्ती सूची, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020), केंद्र प्रायोजित योजना, पीएम श्री, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009, परख, निष्ठा, PM ई-विद्या, दीक्षा ’ खण्ड से संबंधित है। )
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में, केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के समग्र शिक्षा अभियान निधि में प्रदान करने वाली केंद्रीय हिस्सेदारी को रोक दी है, जिसका कारण राज्य द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) का विरोध बताया गया है।
तमिलनाडु द्वारा NEP 2020 का विरोध करने का प्रमुख कारण :
- भाषा नीति विवाद : NEP 2020 में त्रि-भाषा नीति (तमिल, अंग्रेजी और एक क्षेत्रीय भाषा) को अनिवार्य किया गया है, जिसे तमिलनाडु केंद्र की हस्तक्षेप के रूप में देखता है, जो तमिलनाडु राज्य की मौजूदा दो-भाषा नीति (तमिल और अंग्रेजी) से मेल नहीं खाता है।
- राज्य की स्वायत्तता पर प्रभाव : तमिलनाडु केंद्र द्वारा NEP के एक समान कार्यान्वयन को अपनी स्वायत्तता पर आक्रमण और सहकारी संघवाद को कमजोर करने के रूप में मानता है।
- भारत में शिक्षा का समवर्ती सूची के विषय के रूप में होना : राज्य का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में लचीलापन और राज्य-स्तरीय अनुकूलनशीलता की आवश्यकता है, जो केंद्र की नीति से मेल नहीं खाती है।
- स्वतंत्र राज्य शिक्षा नीति का मसौदा : तमिलनाडु अपने सामाजिक, भाषाई और आर्थिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए अपनी स्वतंत्र राज्य शिक्षा नीति तैयार कर रहा है।
- शिक्षा में वित्तपोषण नीति के बजाय प्रदर्शन संकेतकों पर आधारित होने की जरूरत : NEP 2020 शिक्षा नीति के संबंध में राज्य का सुझाव है कि समग्र शिक्षा और पीएम श्री जैसी केंद्रीय योजनाओं को NEP 2020 से अलग किया जाए, और वित्तपोषण नीति के बजाय प्रदर्शन संकेतकों पर आधारित होना चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 :
- भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को देश में सन 1986 में लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बदलते हुए, वर्तमान भारत की आवश्यकता के अनुरूप शिक्षा की गुणवत्ता, सभी के लिए और सभी स्तर पर शिक्षा में समानता और सभी नागरिकों तक आसानी से पहुंच के उद्देश्य अपनाया और लागू किया गया है।
- प्रसिद्द शिक्षाविद डॉ. के. कस्तूरीरंगन समिति की सिफारिशों के आधार पर, इस नीति में आधारभूत साक्षरता, समग्र पाठ्यक्रम, बहुभाषी शिक्षा एवं व्यावसायिक और शैक्षणिक मार्गों के एकीकरण पर जोर दिया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के मुख्य प्रावधान :
- संरचनात्मक सुधार : NEP 2020 में 10+2 की पुरानी शिक्षा प्रणाली को समाप्त कर 5+3+3+4 प्रणाली को अपनाया गया है, जो बच्चों की विकासात्मक आवश्यकताओं के अनुरूप है। यह प्रणाली 3 से 18 वर्ष तक के बच्चों को शामिल करती है।
चरण | अवधि | आयु (शामिल की गई कक्षाएँ) | मुख्य विशेषताएँ |
आधारभूत चरण | 5 साल | आयु 3-8 (प्रीस्कूल और कक्षा 1-2) | खेल-आधारित शिक्षा |
प्रारंभिक चरण | 3 साल | कक्षा 3-5 | औपचारिक शिक्षण पद्धतियों से परिचय |
मध्य चरण | 3 साल | कक्षा 6-8 | अनुभवात्मक और बहुविषयक शिक्षा |
द्वितीयक चरण | 4 साल | कक्षा 9-12 | विषय चयन में लचीलापन |
- अनुभवात्मक अधिगम : NEP 2020 शिक्षा नीति में शिक्षण सिद्धांतों को व्यवहार में लागू करने के लिए इंटर्नशिप, फील्ड विजिट्स और वास्तविक जीवन परियोजनाओं के माध्यम से अनुभवात्मक अधिगम को बढ़ावा दिया गया है।
- शिक्षा में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर जोर देना : केन्द्र सरकार द्वारा वर्तमान में प्रस्तावित NEP 2020 शिक्षा नीति में डिजिटल साक्षरता, ऑनलाइन प्लेटफार्म और तकनीक-सक्षम कक्षाओं के माध्यम से शिक्षा में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर बल दिया गया है।
- शिक्षक प्रशिक्षण पर जोर : NEP 2020 शिक्षा नीति में शिक्षकों के निरंतर व्यावसायिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है ताकि वे बदलती शैक्षिक आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार हो सकें।
केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में शुरू किया गया महत्त्वपूर्ण पहल :
- पीएम श्री योजना : इसका उद्देश्य 14,500 आदर्श स्कूलों को रोल मॉडल के रूप में विकसित करना है।
- निपुण भारत मिशन : कक्षा 2 तक आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करने के लिए इसे शुरू किया गया था।
- PARAKH : यह पहल शिक्षा के परिणामों की निगरानी और विश्लेषण के लिए शुरू की गई है।
- NISHTHA : यह एक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो शिक्षकों को NEP के परिवर्तनकारी लक्ष्यों के अनुरूप कौशल प्रदान करने पर केंद्रित है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की प्रमुख उपलब्धियाँ :
- आधारभूत चरण का पाठ्यक्रम : इस नीति के तहत 3-8 वर्ष के बच्चों के लिए खेल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “जादुई पिटारा किट” की शुरुआत की गई।
- क्षेत्रीय भाषा का समावेशन : AICTE द्वारा अनुमोदित इंजीनियरिंग और चिकित्सा पाठ्यक्रम अब क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध हैं। साथ ही, JEE और NEET को 13 भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है।
- चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (FYUP) : भारत में वर्तमान में 105 से अधिक विश्वविद्यालयों ने FYUP को अपनाया है, जो उच्च शिक्षा में बेहतर विकल्प और अधिक अनुकूलन पर केंद्रित है।
- वैश्विक स्तर पर IIT का नया परिसर खोलने की योजना : IIT-मद्रास ने ज़ांज़ीबार में एक परिसर खोला है और IIT-दिल्ली अबू धाबी में एक नया परिसर खोलने की योजना बना रहा है।
- शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुँच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिजिटल लर्निंग उपकरणों को अपनाना : PM ई-विद्या और दीक्षा प्लेटफॉर्म जैसे डिजिटल लर्निंग उपकरणों के माध्यम से सार्वभौमिक पहुँच को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- शिक्षा के क्षेत्र में सुधार, नवाचार और अधिक समावेशी दृष्टिकोण को बढ़ावा देना : NEP 2020 का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में सुधार, नवाचार और अधिक समावेशी दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है, ताकि भारत के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू करने की राह में प्रमुख चुनौतियाँ :
- विभिन्न राज्यों के पाठ्यक्रमों को नई 5+3+3+4 संरचना के साथ एकीकरण करना : राज्यों के पाठ्यक्रमों को नई 5+3+3+4 संरचना से संरेखित करना और शिक्षक प्रशिक्षण में सुधार करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। कुछ कक्षाओं के लिए नए पाठ्यपुस्तकों की हाल ही में तैयारी की गई है, जिससे इसे लागू करने में समय और प्रयास की आवश्यकता है।
- एकल उच्च शिक्षा नियामक बनाने संबंधी लंबित विधान : NEP 2020 के अंतर्गत UGC, AICTE और NCTE के विलय से एक एकल उच्च शिक्षा नियामक बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन इस बदलाव को लागू करने के लिए आवश्यक विधान अभी भी लंबित है।
- एकसमान मानकीकृत मूल्यांकन प्रणाली का अभाव : भारत के विभिन्न राज्यों में भले ही एकसमान मूल्यांकन प्रयासों को लेकर कार्य जारी हैं, किन्तु फिर भी NEP के प्रभावी कार्यान्वयन को मापने के लिए राज्यों में एक मानकीकृत मूल्यांकन प्रणाली का अभाव है। इस कारण से पूरे देश में शिक्षा गुणवत्ता को समान रूप से परखा नहीं जा सकता है।
समग्र शिक्षा अभियान :
- भारत में केंद्रीय बजट 2018-19 में प्रस्तुत समग्र शिक्षा अभियान एक व्यापक और एकीकृत शिक्षा कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य प्री-नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के सभी स्तरों पर समान शैक्षिक परिणाम सुनिश्चित करना है।
समग्र शिक्षा अभियान की प्रमुख विशेषताएँ :
योजनाओं का एकीकरण : समग्र शिक्षा अभियान में पहले की तीन प्रमुख योजनाओं को शामिल किया गया है:
सर्व शिक्षा अभियान (SSA) : इसका उद्देश्य सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) : यह योजना माध्यमिक शिक्षा को बढ़ावा देती है।
शिक्षक शिक्षा (TE) : यह योजना शिक्षकों के प्रशिक्षण पर केंद्रित है।
क्षेत्र-व्यापी विकास दृष्टिकोण : इस योजना के तहत, खंडित परियोजना-आधारित उद्देश्यों को समाप्त कर सभी स्तरों (राज्य, जिला और उप-ज़िला) पर कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित किया गया है।
समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सतत विकास लक्ष्यों के साथ संरेखण : यह अभियान लैंगिक असमानताओं को समाप्त करने और सुभेद्य समूहों (SDG 4.1) के लिए समान पहुँच सुनिश्चित करते हुए निःशुल्क, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (SDG 4.5) को बढ़ावा देता है।
कार्यान्वयन : यह योजना एक केंद्र-प्रायोजित योजना (CSS) है, जिसका कार्यान्वयन राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर एकल राज्य कार्यान्वयन सोसायटी (SIS) के माध्यम से किया जाता है। SIS एक राज्य-पंजीकृत निकाय है जो CSS और विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सहायता करता है।
निष्कर्ष :
- केंद्र सरकार द्वारा समग्र शिक्षा निधि को राज्य को वितरण करने में की गई कटौती , NEP 2020 को लेकर केंद्र और तमिलनाडु के बीच उत्पन्न तनाव को उजागर करती है। यह भारत में संघवाद, भाषाई स्वायत्तता और शिक्षा नीति के कार्यान्वयन जैसे व्यापक मुद्दों पर भी ध्यान आकर्षित करती है। भारत में समग्र रूप से शैक्षिक प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों को बनाए रखते हुए विभिन्न राज्यों से संबंधित विशिष्ट आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
स्रोत – पी. आई. बी एवं द हिंदू।
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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. समग्र शिक्षा अभियान के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह योजना केवल प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देती है।
- इसमें सर्व शिक्षा अभियान (SSA), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) और शिक्षक शिक्षा (TE) योजनाओं को एक साथ एकीकृत किया गया है।
- यह योजना केवल राज्य स्तर पर कार्यान्वित होती है।
- यह लैंगिक असमानताओं को समाप्त करने और सुभेद्य समूहों के लिए समान पहुँच सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
A. केवल 1 और 3
B. केवल 2 और 4
C. इनमें से कोई नहीं।
D. उपरोक्त सभी।
उत्तर – B
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. त्रिभाषा सूत्र, समवर्ती सूची और सहकारी संघवाद क्या हैं? तमिलनाडु द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) का विरोध करने के प्रमुख कारण क्या हैं? NEP 2020 के मुख्य प्रावधानों पर चर्चा करते हुए यह बताएं कि यह भारत में केन्द्र-राज्य संबंधों को किस प्रकार प्रभावित करता है? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
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