जल जीवन मिशन : भारत का सतत विकास लक्ष्य की ओर बढ़ता कदम

जल जीवन मिशन : भारत का सतत विकास लक्ष्य की ओर बढ़ता कदम

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 के अंतर्गत पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, जल संसाधन, भारत में जल जीवन मिशन का महत्त्व और अब तक का प्रदर्शन, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप ’ खण्ड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ जल जीवन मिशन (ग्रामीण और शहरी), केंद्रीय भूजल प्राधिकरण, स्वयं सहायता समूह, सतत् विकास लक्ष्य-6, विश्व स्वास्थ्य संगठन, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय , जल शक्ति अभियान – ‘कैच द रेन’ अभियान ’ खण्ड से संबंधित है।)

 

खबरों में क्यों ? 

 

 

  • हाल ही में भारत सरकार ने केंद्रीय बजट 2025-26 में जल जीवन मिशन (JJM) को 2028 तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य शेष (20%) ग्रामीण परिवारों को जल जीवन मिशन से लाभान्वित करना है। 
  • इसके अतिरिक्त, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के परिणामों के आधार पर जल जीवन मिशन के संभावित सामाजिक और आर्थिक प्रभावों का विश्लेषण किया है, जिसमें इसके लाभों पर भी विस्तृत चर्चा की गई है।

 

जल जीवन मिशन (JJM) क्या है ? 

 

  1. जल जीवन मिशन की शुरूआत : भारत में जल जीवन मिशन को वर्ष 2019 में शुरू किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य 2024 तक हर ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना था।
  2. जल जीवन मिशन का मुख्य केन्द्रित क्षेत्र : केन्द्र सरकार द्वारा इस मिशन का विस्तार करते हुए, जल आपूर्ति बुनियादी ढाँचे की गुणवत्ता में सुधार और ग्रामीण पाइप जलापूर्ति प्रणालियों के स्थिर संचालन एवं रखरखाव पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही, सार्वजनिक भागीदारी को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
  3. जल जीवन मिशन के तहत किए गए महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MOU) : इस मिशन के स्थायित्व के लिए और नागरिक-केंद्रित जल सेवा वितरण को सुनिश्चित करने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ नए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
  4. वित्तपोषण : इस मिशन के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच वित्तीय योगदान का अनुपात हिमालयन और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 90:10 है, जबकि अन्य राज्यों के लिए यह अनुपात 50:50 है। केंद्रशासित प्रदेशों में शत-प्रतिशत योगदान केंद्र सरकार द्वारा दिया जाता है।

 

भारत में जल जीवन मिशन का समाज पर पड़ने वाला मुख्य प्रभाव :

 

  1. समय की बचत : विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, जल जीवन मिशन से प्रतिदिन लगभग 5.5 करोड़ घंटे की बचत होगी, जो मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा पानी इकट्ठा करने में खर्च होते थे।
  2. स्वास्थ्य लाभ : यह मिशन डायरिया जैसी जलजनित बीमारियों से होने वाली लगभग 400,000 मौतों को रोकने में मदद कर सकता है और 14 मिलियन विकलांगता-समायोजित जीवन वर्षों (DALYs) को बचा सकता है।
  3. मानव जीवन की रक्षा सुनिश्चित करना शिशु मृत्यु दर में कमी : वैश्विक स्तर पर हुए विभिन्न अनुसंधानों से यह प्रमाणित हुआ है कि सुरक्षित पेयजल से शिशु मृत्यु दर में 30% तक कमी लाई जा सकती है, जिससे हर साल 1,36,000 जीवन बचाए जा सकते हैं।

 

जल जीवन मिशन की मुख्य विशेषताएँ :

 

 

  1. यह मिशन स्थानीय स्तर पर जल की मांग और आपूर्ति का समग्र प्रबंधन करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
  2. वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और घरेलू अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग जैसे उपायों को अपनाकर जल स्रोतों को स्थिर किया जाता है।
  3. यह मिशन एक सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है और इसमें सूचना, शिक्षा और संचार के माध्यम से जागरूकता फैलाने की योजना भी शामिल है।
  4. यह मिशन जल शक्ति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और इसके अंतर्गत जल आपूर्ति प्रणालियों, जल गुणवत्ता परीक्षण, सतत कृषि और जल स्रोतों के संवर्धन पर कार्य किया जाता है।

 

जल जीवन मिशन का कार्यान्वयन :

 

  1. जल समितियाँ ग्रामीण जल आपूर्ति प्रणालियों के लिए योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव का कार्य करती हैं। 
  2. इन समितियों में 10-15 सदस्य होते हैं, जिनमें कम से कम 50% महिलाएँ, स्वयं सहायता समूहों के अन्य सदस्य, मान्यता प्राप्त सामाजिक और स्वास्थ्य कार्यकर्ता (जैसे आशा कार्यकर्ता), आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक आदि शामिल होते हैं।
  3. इस मिशन से जुड़ी समितियाँ ग्राम संसाधनों का उपयोग करते हुए एक समग्र ग्राम कार्य योजना तैयार करती हैं। 
  4. इस योजना को लागू करने से पहले इसे ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित किया जाता है।
  5. भारत में जल जीवन मिशन जल शक्ति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।

 

भारत में जल जीवन मिशन की वर्तमान प्रगति :

 

  1. वर्ष 2019 में केवल 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन उपलब्ध था। 
  2. इस मिशन के तहत वर्ष 2024 तक इसे बढ़ाकर 15 करोड़ (80%) परिवारों तक पहुँचाने का लक्ष्य था।
  3. वर्तमान में 12.3 करोड़ (62%) ग्रामीण घरों में पाइप जल आपूर्ति कनेक्शन हैं, जो 2019 के 3.2 करोड़ (16.6%) परिवारों से कहीं अधिक है।
  4. गुजरात, तेलंगाना, गोवा, हरियाणा, और पंजाब जैसे पांच राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, दमन-दीव और दादरा नगर हवेली और पुद्दुचेरी जैसे तीन केंद्रशासित प्रदेशों में 100% नल जल कनेक्शन हैं।
  5. हिमाचल प्रदेश (98.87%) और बिहार (96.30%) अगले कुछ वर्षों में 100% नल जल कनेक्शन प्राप्त करने के करीब हैं।

 

जल जीवन मिशन (शहरी) :

 

  • वित्तीय वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में सतत विकास लक्ष्य-6 (SDG-6) के तहत सभी शहरों में कार्यात्मक नल कनेक्शन के माध्यम से घरेलू जल आपूर्ति की सार्वभौमिक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत जल जीवन मिशन (शहरी) योजना की शुरुआत की गई। 
  • यह योजना जल जीवन मिशन (ग्रामीण) का पूरक है, जिसके तहत वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की जाएगी।

 

जल जीवन मिशन (शहरी) का मुख्य उद्देश्य :

 

  1. शहरी क्षेत्रों में नल और सीवर कनेक्शन तक पहुंच सुनिश्चित करना।
  2. जल निकायों का पुनरुद्धार और संरक्षण करना।
  3. चक्रीय जल अर्थव्यवस्था की स्थापना को बढ़ावा देना।

 

भारत में जल जीवन मिशन की भविष्य की दिशा :

 

 

  • भारत में जल जीवन मिशन का प्रमुख उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है। 
  • इस मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन से जल सुरक्षा में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी, साथ ही इसके सामाजिक और स्वास्थ्य लाभ भी व्यापक रूप से महसूस किए जाएंगे। 
  • यह मिशन न केवल जल संकट को हल करने में मदद करेगा, बल्कि इससे जनस्वास्थ्य में सुधार, महिलाओं की जीवन गुणवत्ता में बढ़ोतरी और ग्रामीण विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। 
  • जल जीवन मिशन देश के समग्र सामाजिक-आर्थिक उत्थान में योगदान देने को सुनिश्चित करेगा।

Download Plutus IAS Current Affairs (Hindi) 08th Feb 2025

 

स्त्रोत – द हिन्दू ।

 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. जल जीवन मिशन के तहत कौन – कौन सा राज्य और केंद्रशासित प्रदेश 100% नल जल कनेक्शन की स्थिति में हैं?

  1. गुजरात, तेलंगाना, गोवा।
  2. हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश।
  3. अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, दमन दीव और दादरा नगर हवेली।
  4. बिहार, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा।

उपर्युक्त विकल्पों में से कौन सा विकल्प सही है ? 

A. केवल 1 और 4 

B. केवल 2 और 4 

C. केवल 2 और 3 

D. केवल 1 और 3 

उत्तर – D

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

 

Q.1. जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है? इसके प्रमुख कार्यान्वयन रणनीतियाँ, सामाजिक और स्वास्थ्य लाभों के बारे में विस्तार से बताते हुए भारत में इस मिशन की भविष्य की दिशा पर भी चर्चा कीजिए। ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 ) 

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