द्विपक्षीय रिश्तों में मजबूती : भारत-ऑस्ट्रेलिया द्वितीय वार्षिक शिखर सम्मेलन 2024

द्विपक्षीय रिश्तों में मजबूती : भारत-ऑस्ट्रेलिया द्वितीय वार्षिक शिखर सम्मेलन 2024

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ अंतर्राष्ट्रीय संबंध , महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संगठन और भारत के हितों को प्रभावित करने वाले  महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संधि और समझौते , भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन, भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंध, भारत-ऑस्ट्रेलिया वार्षिक शिखर सम्मेलन, AUSINDEX, मेक इन इंडिया, एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग ’ खंड से संबंधित है। )  

 

खबरों में क्यों ?

  • हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों ने रियो डी जेनेरियो, ब्राजील में 2024 के G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान द्वितीय वार्षिक भारत-ऑस्ट्रेलिया शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। 
  • वर्ष 2025 में भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी की पाँचवीं वर्षगाँठ से पहले, दोनों प्रधानमंत्रियों ने जलवायु परिवर्तन, व्यापार, रक्षा, शिक्षा और क्षेत्रीय सहयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति पर चर्चा की।

 

भारत-ऑस्ट्रेलिया द्वितीय वार्षिक शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ : 

भारत-ऑस्ट्रेलिया द्वितीय वार्षिक शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  1. नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी : इस वार्षिक शिखर सम्मेलन में सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, और ऊर्जा भंडारण में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी (REP) की शुरुआत की गई।
  2. व्यापार और निवेश : भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA)  की सफलता के आधार पर एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) बनाने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की गई , जिसके कारण दोनों देशों के बीच के आपसी व्यापार में 40% वृद्धि हुई।
  3. AIBX कार्यक्रम : भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही देशों ने आपस में अपना व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए चार वर्षीय AIBX कार्यक्रम की घोषणा की, जो बाजार से संबंधित जानकारी और वाणिज्यिक साझेदारी को बढ़ावा देगा।
  4. बढ़ी हुई गतिशीलता : दोनों ही देशों ने आपस में वर्किंग हॉलिडे वीज़ा और MATES योजना को लागू किया, जो युवा पेशेवरों की गतिशीलता और भारत के शीर्ष STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) स्नातकों के लिए अवसर बढ़ाएगी।
  5. रणनीतिक सहयोग : रक्षा और सुरक्षा सहयोग (JDSC) पर संयुक्त रूप से घोषणा की, जो आतंकवाद-निरोध, निरस्त्रीकरण और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा।
  6. क्षेत्रीय सहयोग : दोनों देशों ने सामुद्रिक कानून पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCLOS) के अनुरूप एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए समर्थन, क्वाड ढाँचे में निरंतर सहयोग, और भारत-प्रशांत द्वीप देशों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
  7. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला वार्षिक शिखर सम्मेलन वर्ष 2023 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। 
  8. समुद्री पारिस्थितिकी और सतत विकास में आपसी सहयोग की प्रतिबद्धता : पर्थ में वर्ष 2024 में होने वाला हिंद महासागर सम्मेलन और वर्ष 2025 में भारत की आगामी हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) की अध्यक्षता समुद्री पारिस्थितिकी और सतत् विकास में आपसी प्रयासों को रेखांकित करती है।

 

भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) :

 

  • जून 2020 में, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अपनी द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त बनाने के लिए 2009 में स्थापित ‘रणनीतिक साझेदारी’ को विस्तार देते हुए इसे ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ (CSP) में बदल दिया। यह साझेदारी दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक प्रगति और वैश्विक सहयोग जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित है।

 

व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) की प्रमुख विशेषताएँ :

 

  1. विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान में सहयोग : इस क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने चिकित्सा अनुसंधान, नई प्रौद्योगिकियों और साइबर सुरक्षा पर सहयोग को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
  2. समुद्री सहयोग : समुद्र संसाधनों के स्थायी उपयोग और अवैध मत्स्य पालन पर नियंत्रण के लिए दोनों देश मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र, खुले और समावेशी वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
  3. रक्षा सहयोग : ‘मालाबार’ जैसे संयुक्त सैन्य अभ्यासों के माध्यम से दोनों देशों ने अपनी सैन्य साझेदारी को और मजबूत किया है। इसके अतिरिक्त, पारस्परिक रसद सहायता समझौते (MLSA) जैसे कदम उठाकर आम सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला किया जा रहा है।
  4. आर्थिक सहयोग : भारत और ऑस्ट्रेलिया ने व्यापार, निवेश, बुनियादी ढांचे, शिक्षा और नवाचार में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) पर पुनः कार्य करना शुरू किया है।
  5. कार्यान्वयन : CSP के सफल कार्यान्वयन के लिए दोनों देशों के बीच विभिन्न स्तरों पर निरंतर संवाद बनाए जाते हैं। इसमें ‘2+2’ प्रारूप के तहत विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठकें, वार्षिक शिखर सम्मेलन और अन्य मंत्रिस्तरीय वार्ताएँ शामिल हैं, जो निरंतर सहयोग और समन्वय सुनिश्चित करती हैं।

 

भारत – ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख आयाम :  

 

  1. द्विपक्षीय व्यापार : भारत, ऑस्ट्रेलिया का पाँचवाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2023 में, दोनों देशों के बीच 49.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के व्यापार का आदान-प्रदान हुआ।
  2. भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया को निर्यात : भारत ऑस्ट्रेलिया को मुख्य रूप से परिष्कृत पेट्रोलियम, मोती और रत्न, आभूषण, और विभिन्न निर्मित वस्तुएँ निर्यात करता है।
  3. ऑस्ट्रेलिया द्वारा भारत को निर्यात : ऑस्ट्रेलिया भारत को कोयला, ताँबा अयस्क और सांद्रण, प्राकृतिक गैस, अलौह/लौह अपशिष्ट और स्क्रैप, तथा शिक्षा सेवाएँ निर्यात करता है।
  4. असैन्य परमाणु सहयोग : वर्ष 2014 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत भारत को यूरेनियम निर्यात की अनुमति प्राप्त हुई। यह समझौता 2015 में लागू हुआ, जिससे भारत के शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए यूरेनियम की आपूर्ति में सहजता आई।
  5. रक्षा और सुरक्षा सहयोग : भारत और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा संबंधों को और मजबूत किया जा रहा है। AUSINDEX और पिच ब्लैक जैसे संयुक्त सैन्य अभ्यासों के अलावा, 2022 में जनरल रावत एक्सचेंज प्रोग्राम की शुरुआत की गई, जो एक सैन्य विनिमय कार्यक्रम है।
  6. बहुपक्षीय सहभागिता : दोनों देश क्वाड पहल, IORA और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) जैसे वैश्विक मंचों पर सक्रिय रूप से भागीदार हैं।
  7. भारत की उम्मीदवारी का समर्थन : ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता और एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) में भारत की सदस्यता की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।

 

निष्कर्ष : 

 

  • भारत और ऑस्ट्रेलिया ने साझा लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मूल्यों के आधार पर अपने आर्थिक और सामरिक रिश्तों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही देशों के बीच के संबंधों ने न केवल व्यापार और आर्थिक सहयोग को सुदृढ़ किया है, बल्कि सुरक्षा, ऊर्जा और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी एक मजबूत साझेदारी स्थापित की है। 
  • दोनों देशों के बीच के व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) के विकास में भले ही कुछ देरी और क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियाँ सामने आई हों, फिर भी दोनों देशों का आपसी सहयोग निरंतर गहरा हो रहा है। 
  • इस स्थिर और बढ़ते सहयोग के साथ, भविष्य में दोनों देश अपने संबंधों को और भी मजबूती से विस्तार देने के लिए अच्छी स्थिति में हैं। 
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच की व्यापक रणनीतिक साझेदारी न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को प्रगति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक दृष्टिकोण से भी दोनों देशों के लिए आर्थिक और सुरक्षा दृष्टिकोण से अत्यधिक लाभकारी साबित हो रही है।

 

स्रोत- पीआईबी एवं द हिन्दू।

 

Download Plutus IAS Current Affairs HINDI 25th Nov 2024

 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत और ऑस्ट्रेलिया ने द्वितीय वार्षिक शिखर सम्मेलन में किन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति पर चर्चा की है ?

  1. जलवायु परिवर्तन से संबंधित क्षेत्र 
  2. व्यापार से संबंधित क्षेत्र
  3. शिक्षा से संबंधित क्षेत्र
  4. रक्षा एवं क्षेत्रीय सहयोग से संबंधित क्षेत्र 

उपर्युक्त में से कौन सा सही विकल्प है ? 

A. केवल 1 और 4 

B. केवल 2 और 3 

C. इनमें से कोई नहीं।

D. उपरोक्त सभी। 

उत्तर – D

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत-ऑस्ट्रेलिया द्वितीय वार्षिक शिखर सम्मेलन के महत्व को रेखांकित करते हुए  यह चर्चा कीजिए कि इसने द्विपक्षीय संबंधों में किस प्रकार की रणनीतिक और आर्थिक प्रगति की दिशा तय की है तथा हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री पारिस्थितिकी और सतत विकास के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग कैसे बढ़ सकता है ? ( शब्द – सीमा – 250 अंक – 15 ) 

No Comments

Post A Comment