प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 : सामाजिक समावेशन और आर्थिक बदलाव

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 : सामाजिक समावेशन और आर्थिक बदलाव

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 2 के अंतर्गत ‘ भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था , भारतीय संविधान , लोक कल्याणकारी योजनाएँ , प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के कार्यान्वयन से संबंधित प्रमुख रणनीतियाँ ’ खण्ड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0, ब्याज सब्सिडी योजना (ISS), PMAY-U 2.0 के सामाजिक-आर्थिक निहितार्थ, प्राथमिक ऋण संस्थान (PLI), आवास वित्त कंपनियाँ (HFCs)’ खण्ड से संबंधित है।) 

 

खबरों में क्यों ?

 

 

  • हाल ही में 14 नवंबर, 2024 को, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) के साथ मिलकर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) और ब्याज सब्सिडी योजना (ISS) पर केन्द्रित एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।
  • PMAY-U 2.0 का लक्ष्य 1 सितंबर 2024 से अगले पाँच वर्षों में 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। 
  • प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत समाज के कमजोर वर्गों जैसे विधवाओं, विकलांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडरों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • भारत के प्रधानमंत्री के इस महत्वकांक्षी योजना के तहत इस कार्यशाला में 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें बैंकों, आवास वित्त कंपनियों और प्राथमिक ऋण संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे, जिन्होंने इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।

 

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी की प्रमुख विशेषताएँ : 

 

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) 2.0 की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं – 

  • यह योजना चार प्रमुख खंडों में विभाजित की गई है, जो लाभार्थियों को उनकी पात्रता के आधार पर चयन करने की सुविधा प्रदान करती है।
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG), और मध्यम आय वर्ग (MIG) को आवास ऋण पर ब्याज सब्सिडी मिलती है।
  • PMAY-U 2.0 में प्रत्येक आवासीय इकाई पर 2.50 लाख रुपये तक की सरकारी सहायता प्रदान की जाती है।

 

वित्तीय संस्थाओं की भूमिका :

  • सरकार ने बैंकों और आवास वित्त कंपनियों से आह्वान किया है कि वे 2047 तक “सभी के लिए आवास” के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं, जो भारत के विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।

 

प्रधानमंत्री आवास योजना :

 

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) एक सरकारी योजना है, जिसका उद्देश्य 2022 तक सभी भारतीय नागरिकों को एक पक्का आवास उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत, दो मुख्य घटकों को लागू किया गया है:

 

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) :

 

  • योजना का शुभारंभ : इस योजना का प्रारंभ 1 अप्रैल 2016 से हुआ, जब इंदिरा आवास योजना (IAY) को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के रूप में पुनर्गठित किया गया।
  • मुख्य लक्ष्य : प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण का लक्ष्य वर्ष 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराना, खासकर उन परिवारों को जो कच्चे या जीर्ण-शीर्ण घरों में रह रहे हैं।
  • लाभार्थी समूह : इस योजना के तहत, गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले ग्रामीण परिवारों को आवास निर्माण के लिए पूर्ण अनुदान मिलता है।
  • लागत साझाकरण : राज्य और केंद्र सरकार की साझेदारी में, मैदानी क्षेत्रों के लिए लागत 60:40 के अनुपात में बांटी जाती है, जबकि पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर के लिए यह अनुपात 90:10 है।

 

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) :

 

  • योजना का शुभारंभ : इस योजना की शुरुआत 25 जून 2015 को हुई थी, और इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में 2022 तक सभी नागरिकों को पक्के मकान उपलब्ध कराना है।
  • मुख्य लक्ष्य : इस योजना का प्रमुख लक्ष्य शहरी गरीबों के लिए पक्का आवास प्रदान करना और झुग्गीवासियों के लिए आवास की कमी को दूर करना है।
  • प्रमुख विशेषताएँ : इस योजना के तहत, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए मकान का स्वामित्व महिला के नाम या संयुक्त नाम पर प्रदान किया जाता है।
  • लाभार्थी समूह : EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग), LIG (निम्न आय समूह) और MIG (मध्यम आय समूह) के पात्र परिवारों को योजना के तहत सहायता दी जाती है। इस प्रकार, प्रधानमंत्री आवास योजना देश के हर नागरिक को एक पक्का घर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कार्य कर रही है।

 

PMAY-U2.0 के सामाजिक-आर्थिक निहितार्थ : 

 

  1. किफायती आवास की उपलब्धता : प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को किफायती दर पर आवास की सुविधा मिलती है, जिससे उनके जीवनस्तर में सुधार होगा और उनकी सामाजिक स्थिति में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
  2. रोजगार के नए अवसरों का सृजन और आर्थिक उन्नति होना : इस योजना के माध्यम से घरों के स्वामित्व को बढ़ावा दिया जा सकता है, जो आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा। इससे निर्माण परियोजनाओं का विस्तार होगा और आवास क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  3. समावेशी शहरी विकास को बढ़ावा मिलना : यह योजना समाज के कमजोर वर्गों को आवास समाधान प्रदान करके सामाजिक समानता को बढ़ावा देती है, इस प्रकार यह समावेशी शहरी विकास के लक्ष्य की ओर एक अहम कदम है।
  4. शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार होने को सुनिश्चित करना : बेहतर आवास सुविधाओं से शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का भी सुधार होगा, क्योंकि अधिक परिवारों को शुद्ध जल, स्वच्छता और अन्य बुनियादी सेवाओं का लाभ मिलेगा, जिससे समग्र शहरी नियोजन प्रयासों को मजबूती मिलेगी।

 

समाधान / आगे की राह : 

 

 

  1. एक प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करना और निगरानी तंत्र को सुदृढ़ करना : आवास परियोजनाओं की प्रगति पर नियमित निगरानी रखने के लिए एक प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करना, ताकि समय पर सब्सिडी का वितरण सुनिश्चित किया जा सके।
  2. जन जागरूकता अभियान चलाना : इस योजना से संबंधित लाभों के प्रति और आवेदन प्रक्रिया के बारे में संभावित लाभार्थियों को जानकारी देने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम शुरू करना, ताकि योजना में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी हो सके।
  3. बैंकों और आवास वित्त कंपनियों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना : इस योजना से संबंधित सभी पहलूओं के बारे में बैंकों और आवास वित्त कंपनियों के कर्मचारियों को PMAY-U 2.0 के बारे में प्रशिक्षण देना, जिससे वे आवेदकों को सही दिशा में सहायता प्रदान कर सकें।
  4. एक केंद्रीयकृत वेब पोर्टल का निर्माण सुनिश्चित करना : एक केंद्रीयकृत वेब पोर्टल के माध्यम से प्रौद्योगिकी का उपयोग करना, जो आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाता है, स्थिति अद्यतन की निगरानी करता है, और हितधारकों के बीच संवाद की सुविधा प्रदान करता है।
  5. केंद्र और राज्य सरकारों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देना : इस योजना के तहत आवास निर्माण के लक्ष्य को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, ताकि प्रयासों को समन्वित किया जा सके।

 

स्त्रोत – पीआईबी एवं द हिन्दू।

 

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 के तहत वित्तीय संस्थाओं की भूमिका क्या है?

  1. केवल वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  2. इस योजना के तहत पात्र लाभुकों के लिए आवास निर्माण की प्रक्रिया में सहयोग करना।
  3. वर्ष 2047 तक “सभी के लिए आवास” का लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता करना।
  4. इस योजना के तहत आवास के लिए जमीन मुहैया करवाना।

उपरोक्त में से कौन सा विकल्प सही है ?

A. केवल 1 और 4 

B. केवल 1 और 3 

C. केवल 2 और 3 

D. केवल 2 और 4 

उत्तर – B 

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के सामाजिक-आर्थिक निहितार्थों पर चर्चा करें और इस योजना की सफलता में वित्तीय संस्थाओं, सरकारी साझेदारी और अन्य रणनीतियों की भूमिका का विश्लेषण करें। ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )

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