भारतीय विमानन क्षेत्र में नवाचार और विकास : भारतीय वायुयान विधेयक 2024

भारतीय विमानन क्षेत्र में नवाचार और विकास : भारतीय वायुयान विधेयक 2024

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 2 के अंतर्गत ‘ भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था, भारतीय संविधान, भारतीय वायुयान विधायक विधेयक, 2024 और भारत के विमानन क्षेत्र की आधारभूत संरचना ’ खंड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ नागरिक विमानन महानिदेशालय, डिजी यात्रा , उड़े देश का आम नागरिक , संविधान का अनुच्छेद 14, नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ’ खंड से संबंधित है।) 

 

खबरों में क्यों ? 

 

  • हाल ही में भारत की संसद ने भारतीय वायुयान विधेयक (BVV) 2024 को मंजूरी दी है, जो 90 साल पुराने विमान अधिनियम 1934 को प्रतिस्थापित करेगा।
  • यह विधेयक 5 दिसंबर को पारित हुआ, जिसे सबसे पहले लोकसभा में 9 अगस्त को मंजूरी मिली और फिर राज्यसभा में इस विधेयक को ध्वनि मत से पास किया गया।
  • इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य भारत के विमानन क्षेत्र में सुधार लाना, सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाना और वैश्विक मानकों के अनुरूप विमानन सेवा को आधुनिक बनाना है। 
  • इस विधेयक के तहत विमानन कर्मियों को लाइसेंसिंग प्रक्रिया में भी राहत और सहूलियत दी गई है।

 

भारतीय वायुयान विधेयक 2024 के मुख्य उद्देश्य :

भारतीय वायुयान विधेयक 2024 के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है – 

  1. सन 1934 के विमान अधिनियम को बदलना, जिसे अब तक भारत के संसद द्वारा  21 बार संशोधित किया जा चुका है।
  2. सुरक्षा को मजबूत करना : इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य विमानन क्षेत्र में सुरक्षा, नियामक निरीक्षण और उपभोक्ता सुरक्षा को मजबूत करना।
  3. भारत को विमान निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने को प्रोत्साहित करना : इस विधेयक का एक मुख्य उद्देश्य भारत को विमान निर्माण के क्षेत्र में में आत्मनिर्भर को बनाने को प्रोत्साहित करना और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करना है।
  4. प्रशासनिक संरचनाओं को सुदृढ़ करना : नागरिक विमानन प्राधिकरणों की प्रशासनिक संरचनाओं को सुदृढ़ करना।
  5. भारत की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाना : नागरिक विमानन मंत्री राममोहन नायडू ने यह स्पष्ट किया कि विधेयक के शीर्षक का अंग्रेजी से हिंदी में रूपांतरण भारत की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है, और यह संवैधानिक मानकों के अनुरूप है।
  6. हवाई यात्रा को सुगम और सस्ता बनाना : भारत में “उड़ान” योजना के अंतर्गत, पिछले आठ वर्षों में 86 क्षेत्रीय हवाई अड्डों की स्थापना और 609 नए मार्गों की शुरुआत की गई है।
  7. हवाई किराए की दर पर निगरानी करना : सरकार एयरलाइनों द्वारा यात्रियों का शोषण न होने देने के लिए किराए की निगरानी करती है, जिससे दिवाली सीजन के दौरान प्रमुख मार्गों पर किराए में 2-42% की कमी आई है।
  8. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के 2010 के परिपत्र में संशोधन किया जाना : नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के 2010 के परिपत्र में संशोधन, जिसके तहत एयरलाइनों को 24 घंटे में किराए में बदलाव की अनुमति थी। अब एयरलाइनों को किराया विवरण एक महीने पहले प्रस्तुत करना होगा।
  9. ईंधन मूल्य को कम करने का प्रयास करना : भारत में विमानन क्षेत्र में ईंधन के मूल्य में दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों द्वारा लगाए गए उच्च वैट दर को एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में देखा गया है, जिसे तत्काल प्रभाव से कम करने की अत्यंत आवश्यकता है। इस संबंध में उड्डयन मंत्री ने इन राज्यों से संबंधित सांसदों से इस पर कटौती करने की अपील की है, ताकि भारत के विमानन क्षेत्र में परिचालन लागत को कम किया जा सके।

 

विधेयक का नाम बदलने के सांस्कृतिक और राजनीतिक निहितार्थ :

  • विधेयक के नाम को हिंदी में बदलने पर राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विवाद उत्पन्न हो गया। 
  • इस विधेयक के नामकरण के मामले में एक ओर संसद के कुछ सदस्यों ने इसे भारत की सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देने के रूप में सराहा और स्वीकार किया, वहीं दूसरी ओर कुछ सांसदों ने इसे एक गैर-जरूरी कदम मानते हुए इसका विरोध किया। 
  • भाजपा सांसद राम चंद्र जांगड़ा ने हिंदी को “देश का गौरव” बताते हुए सदस्यों से इस भाषा को स्वीकार करने का आह्वान किया।

 

भारतीय वायुयान विधेयक (BVV), 2024 के विमानन क्षेत्र पर प्रभाव :

 

  1. प्रमाणन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को समाप्त करना और संगठित लाइसेंसिंग प्रक्रिया को अपनाना : इस विधेयक के तहत RTR प्रमाणन को DGCA के तहत लाने का उद्देश्य प्रमाणन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को समाप्त करना और इसमें होने वाली देरी को कम करना है।
  2. सुरक्षा और अनुपालन के स्तर पर बेहतर निगरानी पर जोर देना : विमान डिज़ाइन से संबंधित नियमों को नियंत्रित करने और दंड लागू करने की नई शक्तियाँ सुरक्षा और अनुपालन के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेंगी।
  3. नियामक चुनौतियाँ : DGCA की स्वतंत्रता की कमी और सरकारी केंद्रीकरण को लेकर चिंताएँ उठाई गई हैं, जो निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर सकती हैं।
  4. निजी एयरलाइनों पर बढ़ता दबाव : संकटपूर्ण उड़ान जैसे अपराधों के लिए कठोर दंड प्रस्तावित हैं, जिनमें एक करोड़ रुपए जुर्माना और कारावास का प्रावधान है। हालांकि, दंड तय करने की विवेकाधीन शक्ति को लेकर चिंताएँ व्यक्त की जा रही हैं। इसके अलावा, नई अनुपालन आवश्यकताएँ निजी ऑपरेटरों की लागत बढ़ा सकती हैं।
  5. हवाई यात्रा और डेटा सुरक्षा में सुधार करना : सरकार ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए धमकी कॉल के बढ़ने पर निगरानी बढ़ाई है। ‘डिजीयात्रा’ के तहत यात्रियों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए उड्डयन मंत्री ने आश्वासन दिया कि यह डेटा यात्रियों के डिवाइस पर संग्रहीत होगा और हवाई अड्डे के उपयोग के बाद स्वचालित रूप से हटा दिया जाएगा।
  6. निवेश को बढ़ावा देना और एकाधिकार को कम या नियंत्रित करने पर जोर देना : इस विधेयक का उद्देश्य निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है, ताकि विमानन क्षेत्र में संभावित एकाधिकार पर अंकुश लगाया जा सके। विपक्षी सांसदों ने एयर इंडिया और इंडिगो के बीच द्वैधता और किराए में वृद्धि को लेकर चिंता जताई है, जबकि कुछ सांसदों ने हवाई अड्डों और भारत के विमानन क्षेत्र में प्रमुख खिलाड़ियों या व्यापारिक घरानों जैसे कि – अदानी, टाटा और इंडिगो के वर्चस्व पर भी सवाल उठाए हैं।

 

भारतीय विमानन क्षेत्र में भविष्य की संभावनाएं :

 

  1. भारतीय वायुयान विधेयक 2024 को देश के विमानन क्षेत्र को सशक्त बनाने के एक महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदम के रूप में देखा जा रहा है। 
  2. इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य एक आधुनिक विनियामक ढांचा स्थापित करना और निवेश को आकर्षित करना है, ताकि विकास, पहुंच, सामर्थ्य और सुरक्षा में संतुलन स्थापित किया जा सके। 
  3. इस विधेयक के अनुसार सरकार उच्च हवाई किराए और बुनियादी ढांचे की कमियों जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।
  4. इस विधेयक के तहत सरकार इसके साथ – ही -साथ उपभोक्ता के हितों की रक्षा करते हुए भारत के विमानन क्षेत्र में समावेशिता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, ताकि भारत को एक प्रमुख वैश्विक विमानन केंद्र बनाया जा सके।

 

आगे की राह :

 

 

  1. पारदर्शिता और मध्यस्थता ढांचा के तहत स्वतंत्र तृतीय पक्ष निगरानी प्रणाली को लागू किया जाना : अनुच्छेद 14 के तहत समानता के संवैधानिक अधिकार की रक्षा करने के लिए मुआवजा विवादों के निपटारे के लिए स्वतंत्र तृतीय पक्ष निगरानी प्रणाली को लागू किया जा सकता है।
  2. निष्पक्षता और विश्वसनीयता में वृद्धि के लिए नियामक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना : DGCA को एक स्वतंत्र और स्वायत्त नियामक निकाय के रूप में पुनर्गठित करने पर विचार किया जा सकता है, ताकि निष्पक्षता और विश्वसनीयता में वृद्धि हो सके।
  3. स्पष्ट और सुसंगत दंड प्रणाली : वर्त्तमान समय की जरूरतों को देखते हुए विमानन क्षेत्र से जुड़े अपराधों के लिए एक स्पष्ट और सुसंगत दंड ढांचा स्थापित करने की आवश्यकता है, जिससे कार्यकारी विवेक का दायरा सीमित हो और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
  4. विधेयक के प्रावधानों को व्यावहारिक और प्रभावी बनाने के लिए समावेशी परामर्श प्रक्रिया को अपनाना : एयरलाइनों, विमानन कर्मियों और आम जनता सहित सभी संबंधित पक्षों से फीडबैक एकत्र करना और उनकी चिंताओं का समाधान करना आवश्यक है। इससे विधेयक के प्रावधानों को व्यावहारिक और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी और आम सहमति भी स्थापित हो सकेगी।

 

स्त्रोत – पीआईबी एवं द हिन्दू।  

 

Download Plutus IAS Current Affairs (HINDI) 09th Dec 2024

प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारतीय वायुयान विधेयक (BVV), 2024 में हवाई यात्रा के संबंध में कौन सी नई पहल की गई हैं?

  1. इसके तहत ‘उड़ान’ योजना के तहत देश में 86 नए क्षेत्रीय हवाई अड्डों की स्थापना करना शामिल है।   
  2. इस विधेयक के अनुसार एयरलाइनों के लिए किराया निर्धारण प्रक्रिया को एक महीने पहले प्रस्तुत करने की आवश्यकता और अनिवार्यता शामिल है।
  3. इस विधेयक का नाम अंग्रेजी में रखा जाना चाहिए था।
  4. इस विधेयक में एयरलाइनों के लिए 24 घंटे में किराया बदलने की अनुमति देना है।

उपरोक्त कथनों में से कौन सा कथन सही है ? 

A. केवल 1 और 2 

B. केवल 2 और 4 

C. केवल 1 और 3 

D. केवल 2 और 3 

उत्तर – A

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारतीय वायुयान विधेयक 2024 के तहत भारतीय विमानन क्षेत्र में किए गए सुधारों, इसके आर्थिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक प्रभावों, संभावित चुनौतियों और भविष्य में इसके कार्यान्वयन के लिए सुझाए गए उपायों पर चर्चा करें। ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 ) 

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