भारत – कनाडा द्विपक्षीय संबंध : चुनौतियाँ और अवसर

भारत – कनाडा द्विपक्षीय संबंध : चुनौतियाँ और अवसर

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ अंतर्राष्ट्रीय संबंध , अंतर्राष्ट्रीय संगठन द्विपक्षीय समूह और समझौते , भारत पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों का प्रभाव ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ भारत – कनाडा द्विपक्षीय संबंध , अंतरिक्ष तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर , व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) , G20 सम्मेलन , राष्ट्रमंडल ’ खंड से संबंधित है। )

 

खबरों में क्यों ?

 

 

  • हाल ही में भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर अपने उच्चायुक्त को कनाडा से वापस बुला लिया है, जो भारत और कनाडा के बीच के आपसी संबंधों में बढ़ रहे तनाव को दर्शाता है। 
  • भारत सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम भारत और कनाडा के बीच के द्विपक्षीय संभावित आर्थिक प्रभावों, जैसे $75 बिलियन के कनाडाई पेंशन फंड निवेश, व्यापार वार्ताओं में रुकावट और धन प्रेषण प्रवाह में कमी की चिंता पैदा करता है।
  • भारत और कनाडा के बीच के आपसी संबंधों में बढ़ रहे तनाव का मुख्य कारण खालिस्तान आंदोलन है, जो एक अलग सिख राज्य की मांग करता है। 
  • यह मामला कनाडाई नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद सामने आया, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर उसकी हत्या के लिए आरोप लगाया है। 
  • भारत ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कनाडा पर खालिस्तानी चरमपंथियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया, जिससे दोनों देशों के बीच के कूटनीतिक दरार और गहरी हो गई है।

 

भारत-कनाडा के बीच हालिया कूटनीतिक विवाद से उत्पन्न चिंताएं :

 

  1. भारत और कनाडा के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (FTA) की चर्चाओं पर प्रभाव :  दोनों देशों के बीच उत्पन्न हालिया राजनयिक तनाव ने भारत और कनाडा के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (FTA) की चर्चाओं को बाधित कर दिया है, जिसे द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था।
  2. द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर उत्पन्न प्रभाव : कनाडा भारत के व्यापार में 1% का योगदान देता है, उसका भारत के साथ दालों के आयात में 25% और उर्वरकों में 5% की द्विपक्षीय व्यापारिक हिस्सेदारी है। हाल ही उत्पन्न यह राजनयिक विवाद दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
  3. कनाडा द्वारा भारत में निवेश करने पर उत्पन्न प्रभाव : वर्ष 2020 से 2023 के बीच, कनाडा भारत में 3.31 बिलियन डॉलर का निवेश करने वाला 18वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक था। प्रमुख कनाडाई पेंशन फंडों ने भारतीय कंपनियों में बड़ा निवेश किया है, लेकिन हाल के राजनयिक विवादों ने इस निवेश पर भी अनिश्चितता पैदा कर दी है।
  4. भारत में होने वाले प्रेषण पर प्रभाव : भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा प्रेषण प्राप्तकर्ता है, ने 2023 में 125 बिलियन डॉलर प्राप्त किए, जिसमें कनाडा का योगदान 0.6% था। वर्तमान राजनयिक विवाद का असर इस तरह के प्रेषण प्रवाह पर भी पड़ सकता है।
  5. भारतीय छात्रों की आवाजाही और उसके अध्ययन पर पड़ने वाला प्रभाव : कनाडा में लगभग 427,000 भारतीय छात्र अध्ययन कर रहे हैं। हाल के घटनाक्रमों से वहां की छात्र आवाजाही पर भी चिंता बढ़ गई है।

 

भारत और कनाडा के बीच के द्विपक्षीय संबंधों का महत्व :

 

 

  1. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आपसी सहयोग : कनाडा की रणनीति में भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार माना गया है, विशेष रूप से चीन के खिलाफ, जिसे “विघटनकारी वैश्विक शक्ति” कहा गया है और भारत को लोकतंत्र और बहुलवाद की साझा परंपराओं वाला एक “महत्वपूर्ण साझेदार” बताया गया है।
  2. अंतरिक्ष तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का क्षेत्र : भारत के इसरो और सीएसए (कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी) ने बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण और उपयोग के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर कर कई प्रक्षेपणों को संभव बनाया है।
  3. ऊर्जा का क्षेत्र :  भारत और कनाडा ने 2010 में परमाणु सहयोग समझौते (एनसीए) पर हस्ताक्षर किए थे जिसके लिए दोनों देशों द्वारा असैन्य परमाणु सहयोग पर एक संयुक्त समिति का गठन किया गया था, जिसमें यूरेनियम आपूर्ति का भी प्रावधान है।
  4. व्यापार और वाणिज्य का क्षेत्र : भारत कनाडा का दसवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 5 बिलियन डॉलर का है। कनाडाई कंपनियों की भारत में सक्रियता और पेंशन फंड का बड़ा निवेश दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को मजबूत करता है।
  5. कनाडा द्वारा अपने गैर लाभकारी संगठनों द्वारा विकास के लिए सहयोग करना : कनाडा ने ग्रैंड चैलेंज कनाडा जैसे अपने गैर-लाभकारी संगठनों के माध्यम से भारत में 75 परियोजनाओं के लिए 2018-2019 में लगभग 24 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।
  6. शैक्षणिक क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग : भारत, कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत है, जिससे कनाडा के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को घरेलू छात्रों को रियायती शिक्षा प्रदान करने में मदद मिली है।
  7. कनाडा में प्रवासी भारतीयों की स्थिति : कनाडा में कुल 1.6 मिलियन भारतीय प्रवासी हैं, जो इसकी कुल आबादी का 3% से अधिक है। वर्तमान हाउस ऑफ कॉमन (कुल 338 की शक्ति के साथ) में भारतीय मूल के 22 सांसद हैं, जो कनाडा के राजनीति समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

 

भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंधों की मुख्य चुनौतियाँ :

  1. खालिस्तानी अलगाववादी कारक : यह भारत और कनाडा के बीच आपसी द्विपक्षीय संबंधों के बीच सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि कनाडा की वर्तमान सरकार की नीति सिखों के अधिकारों और भारत के साथ संबंधों के बीच संतुलन बनाने में असफल रही है।
  2. भारतीय वाणिज्य दूतावासों और प्रवासी भारतीयों पर हमले : गैर-सिख भारतीय प्रवासियों, वाणिज्य दूतावासों और मंदिरों पर हमलों ने दोनों देशों के बीच के संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है।
  3. व्यापारिक चुनौतियाँ : जटिल श्रम कानून, बाजार संरक्षणवाद और नौकरशाही से संबंधित बाधाएँ दोनों देशों के बीच के आपसी व्यापार संबंधों में रुकावट डाल रही हैं। सीईपीए और बीआईपीपीए जैसे द्विपक्षीय समझौतों पर बातचीत में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है, और जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले कनाडा ने भारत के साथ व्यापार वार्ता रोक दी है। ये तमाम कारकों ने भारत और कनाडा के बीच के द्विपक्षीय व्यापार को कम करने में योगदान दिया है।
  4. चीन और कनाडा के बीच घनिष्ठ संबंध : कनाडा की वर्तमान संघीय सरकार और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच के आपसी संबंधों ने भी भारत-चीन संबंधों में भी तनाव बढ़ाया है।

 

समाधान / आगे की राह : 

 

 

  1. कनाडा की धरती पर भारत विरोधी अलगाववादी आंदोलनों की अनुमति नहीं देना : भारत सरकार ने कनाडा के वर्तमान सरकार को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि है कि वे भारत विरोधी अलगाववादी आंदोलनों को कनाडा की धरती पर अनुमति नहीं दे सकते हैं। अगर भारत और कनाडा को आपस में द्विपक्षीय संबंधों को सुधारना है तो निम्नलिखित रणनीति भारत और कनाडा के बीच विवादों को कम करने और दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने में सहायक हो सकती है।
  2. दोनों देशों को रचनात्मक और सतत सहभागिता को बढ़ावा देना : भारत को सिख समुदाय के साथ रचनात्मक और स्थायी संबंध स्थापित करने होंगे और खालिस्तानी अलगाववादियों द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचनाओं का मुकाबला करना होगा, ताकि पंजाब में बढ़ रही असंतोष की भवना को रोका जा सके।
  3. आपस में सहयोग का नया और बेहतर ढांचा विकसित करना : भारत और कनाडा के आपसी द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक व्यावहारिक सहयोग ढांचा विकसित करना आवश्यक है, जो व्यापार, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और परिवहन जैसे लाभकारी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करे और दोनों देशों के परस्पर संबंधों को और अधिक मजबूत कर सके।
  4. आपस में द्विपक्षीय व्यापार वार्ता को पुनः शुरू करना : भारत और कनाडा को खालिस्तान मुद्दे और अपने व्यापार व निवेश संबंधों में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को डीहाइपन करना चाहिए, और आपस में द्विपक्षीय व्यापार वार्ता को पुनः शुरू करना चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच बढ़ रही कटुता और गलतफहमियों को दूर किया जा सके।
  5. नागरिक समाज संगठनों को बढ़ावा देकर सतत निगरानी कूटनीति का उपयोग करना : दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क, संवाद और संघर्ष से संबंधित समाधान के उपायों के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए नागरिक समाज संगठनों को बढ़ावा देकर सतत निगरानी कूटनीतिक पहलों को प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी सांस्कृतिक संबंध और मजबूत हो सके।
  6. मीडिया और सार्वजनिक कूटनीति को बढ़ावा देना : भारत और कनाडा के बीच के आपसी रिश्तों को सुधारने और मजबूत करने के लिए भड़काऊ मीडिया रिपोर्टिंग की जगह एक जिम्मेदार मीडिया रिपोर्टिंग को बढ़ावा देना चाहिए ताकि मीडिया कवरेज और सार्वजनिक संवाद संबंधों की जटिलताओं और इसे मजबूत करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को सटीक रूप से प्रतिबिंबित किया जा सके।

 

स्त्रोत – पीआईबी एवं द हिन्दू। 

 

Download plutus ias current affairs (HINDI) 21st Oct 2024

 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत और कनाडा के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) का क्या लाभ हो सकता है?

  1. व्यापार में वृद्धि और निवेश में बढ़ोतरी।
  2. कृषि क्षेत्र में सुधार और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी।
  3. सांस्कृतिक जागरूकता एवं पर्यटन प्रचार।
  4. तकनीकी नवाचार एवं वैज्ञानिक डेटा का आदान-प्रदान।

उपर्युक्त में से कौन सा कथन सही है ? 

A. केवल 1 और 3

B. केवल 2 और 4 

C. इनमें से कोई नहीं। 

D. उपरोक्त सभी। 

उत्तर – B

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों में अंतरिक्ष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग हेतु किए गए समझौता ज्ञापनों और व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते का विश्लेषण करते हुए, यह चर्चा कीजिए कि इन समझौतों के माध्यम से भारत-कनाडा संबंधों में संभावित चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा क्या हो सकती है? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 ) 

No Comments

Post A Comment