भारत में मगरमच्छ संरक्षण परियोजना बनाम विश्व मगरमच्छ दिवस 2024

भारत में मगरमच्छ संरक्षण परियोजना बनाम विश्व मगरमच्छ दिवस 2024

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 के अंतर्गत ‘ पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रदूषण ’  खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ विश्व मगरमच्छ दिवस 2024 , भारत में मगरमच्छ संरक्षण परियोजना. जैव-विविधता और पर्यावरण संरक्षण खंड से संबंधित है। इसमें PLUTUS IAS टीम के सुझाव भी शामिल हैंयह लेख ‘ दैनिक कर्रेंट अफेयर्सके अंतर्गत ‘ भारत में मगरमच्छ संरक्षण परियोजना बनाम विश्व मगरमच्छ दिवस 2024 ’ से संबंधित है।)

 

ख़बरों में क्यों ?

 

  • विश्व मगरमच्छ दिवस, जिसे विश्व मगर दिवस के रूप में भी जाना जाता है, को संपूर्ण विश्व में हर साल 17 जून को मनाया जाता है। 
  • विश्व मगरमच्छ दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में लुप्तप्राय मगरमच्छों और घड़ियालों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने और उनकी दुर्दशा को उजागर करने का एक वैश्विक अभियान होता है।
  • वार्षिक सरीसृप जनगणना 2023 के अनुसार भारत में भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के आस – पास के क्षेत्रों में खारे पानी के मगरमच्छों की संख्या में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है।
  • भारत में ओडिशा का केंद्रपाड़ा जिला एकमात्र ऐसा जिला है जहां मगरमच्छ की तीनों प्रमुख प्रजातियाँ पाई जाती हैं। 

 

मगरमच्छ संरक्षण परियोजना क्या है ?

 

 

  • मगरमच्छ संरक्षण परियोजना भारत में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के पारित होने के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र और भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी। 
  • इसका प्रमुख उद्देश्य प्राकृतिक आवासों की रक्षा करना, कैप्टिव ब्रीडिंग के माध्यम से मगरमच्छों की संख्या को बढ़ावा देना और प्राकृतिक वातावरण में नवजात शिशु के जीवित रहने की कम दर का समाधान करना है। 
  • इस परियोजना के तहत भारत में 34 स्थानों पर प्रजनन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें खारे पानी मगरमच्छों या समुद्री मगरमच्छों (क्रोकोडाइलस पोरोसस) का विशेष ध्यान रखा गया है, जैसे कि भारत में भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान। 
  • यह परियोजना मगरमच्छों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके तहत वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति हमारी जिम्मेदारी और मगरमच्छ के संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

 

भारत में मगरमच्छों की वर्तमान संख्या और उसका वितरण :

  • मगरमच्छ, जिन्हें अर्ध-जलीय सरीसृपों का एक गण / या यह अर्ध-जलीय सरीसृपों के समूह की एक प्रजाति माना जाता है, जो वर्तमान समय में दुनिया भर में लुप्तप्राय हो रहे हैं। भारत में भी इनकी संरक्षण की आवश्यकता है। इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित है – 

भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में मगरमच्छों की संख्या :

  • भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में खारे जल के मगरमच्छों की संख्या वर्ष 1975 में 95 थी।
  • भारत में वार्षिक नवीनतम सरीसृप जनगणना रिपोर्ट (2023) के अनुसार अब इसकी संख्याँ बढ़कर 1,811 हो गई है।
  • भारत में मगरमच्छ की तीन प्रमुख प्रजातियाँ मगर या मार्श मगरमच्छ (क्रोकोडाइलस पलुस्ट्रिस) : यह अर्ध-जलीय सरीसृप भारत में पाए जाते हैं।
  • एस्टुआरिन या खारे पानी का मगरमच्छ (क्रोकोडाइलस पोरोसस) : यह भारतीय खारे पानी वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं या रहते हैं।
  • घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस) : यह भी भारत में पाए जाते हैं।

 

मानव – मगरमच्छ के बीच बढ़ता संघर्ष :

  • भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में मगरमच्छों की बढ़ती संख्या के कारण मगरमच्छों और मनुष्यों के साथ संघर्ष बढ़ गया है।
  • वर्ष 2014 से अब तक, 50 मौतें हो चुकी हैं, जिसके कारण अधिकारियों को हमलों को रोकने के लिए  120 नदी तटों पर बैरिकेड्स लगाने पड़े हैं।
  • इस तरह के तमाम सुरक्षात्मक उपायों के बावजूद भी मानव और मगरमच्छों के बीच संघर्ष जारी है और मगरमच्छों की सुरक्षा के लिए नदी तटों पर कई उपाय अपनाए जा रहे हैं।

 

भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के बारे में मुख्य तथ्य :

 

भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान एक महत्वपूर्ण और अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र है। उड़ीसा में स्थित इस पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित है – 

 

भूगोल और वन्यजीवों का आवास :

  • भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान उड़ीसा में 672 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। 
  • यह सुंदरबन के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र है।
  • इसकी मिट्टी लवणों से समृद्ध है और यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय अंतःज्वारीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली वनस्पतियों और प्रजातियों के लिए आवास है।
  • यहां खारे पानी के मगरमच्छों का प्रजनन स्थल भी है।

 

गहिरमाथा समुद्र तट :

  • भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के पूर्वी सीमा पर गहिरमाथा समुद्र तट है।
  • यहां ओलिव रिडले समुद्री कछुओं की सबसे बड़ी कॉलोनी स्थित है।

 

वन्यजीवों की प्रजातियाँ :

  • भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान किंगफिशर पक्षियों की आठ प्रजातियों का भी आवास – स्थल है, जो एक दुर्लभ प्रजाति है।
  • भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान ने भारतीय वन्यजीव संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • यह वन्यजीवों के आवास की सुरक्षा और उनके प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण है।

 

भारत में मगरमच्छ संरक्षण परियोजना के तहत लुप्तप्राय मगरमच्छों और घड़ियालों के संरक्षण में समाधान / आगे की राह : 

 

  • भारत में मगरमच्छ संरक्षण परियोजना को 1975 में विभिन्न राज्यों में शुरू किया गया था। 
  • इस परियोजना के तहत घड़ियाल और खारे पानी के मगरमच्छ के संरक्षण कार्यक्रम को पहली बार ओडिशा में लागू किया गया था। 
  • दक्षिण एशिया में सीमा पार सहयोग की अधिक संभावना है और इसकी आवश्यकता भी है।
  • एक देश से दूसरे देश में या एक राज्य से दूसरे राज्य में जहां भी जानवरों की सीमा पार आवाजाही हो, वहां एक दूसरे के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान होना चाहिए।
  • जैव विविधता संरक्षण में प्रकृति के लिए आवश्यक विभिन्न प्रजातियों और जीवों का संरक्षण शामिल है। 
  • जैव विविधता संरक्षण के प्राथमिक उद्देश्यों में प्रजातियों की विविधता को संरक्षित करना, पारिस्थितिक तंत्रों का सतत उपयोग सुनिश्चित करना और व्यक्तिगत प्रजातियों के सतत उपयोग को बढ़ावा देना शामिल है। 
  • इसके अतिरिक्त, जैविक विविधता का संरक्षण खाद्य श्रृंखलाओं की अखंडता और आवश्यक पारिस्थितिक समृद्धि को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

 

स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस एवं पीआईबी।

 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत में मगरमच्छ संरक्षण परियोजना के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. यह भारत में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत आता है।
  2. भारत में खारे जल के मगरमच्छों की संख्या वर्ष 1975 में 95 थी।
  3. भारत में केंद्रपाड़ा जिले में  मगरमच्छ की तीनों प्रमुख प्रजातियाँ पाई जाती हैं। 
  4. घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस) भारत में नहीं पाया जाता है।

उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ? 

A. केवल 1, 2 और 3 

B. केवल 2, 3 और 4 

C. इनमें से कोई नहीं।

D. उपरोक्त सभी। 

उत्तर – A

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत में मगरमच्छ संरक्षण परियोजना के महत्त्व को रेखांकित करते हुए इसके के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा कीजिए। भारत की समृद्ध जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में उन उपायों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन कीजिए ( UPSC- 2019 शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )

 

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