19 Feb मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू : लोकतंत्र की सुरक्षा या जनादेश की अवहेलना?
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ भारतीय राजनीति एवं शासन व्यवस्था, भारतीय संविधान, संवैधानिक संशोधन, केंद्र – राज्य संबंध, संघवाद, आपातकालीन प्रावधान, राष्ट्रपति शासन और न्यायिक व्याख्या से संबंधित संवैधानिक प्रावधान ’ खण्ड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ राष्ट्रपति शासन, अनुच्छेद 356, 44वाँ संशोधन अधिनियम 1978, राष्ट्रीय आपातकाल, निर्वाचन आयोग, राज्यपाल, अनुच्छेद 355, साधारण बहुमत, राज्य समेकित निधि, कुकी-ज़ो-मार और मैतेई ’ खण्ड से संबंधित है।)
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में मणिपुर में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, नई सरकार के गठन में विफलता के कारण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का निर्णय लिया है।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का प्रभाव :
- राज्य का प्रशासन और शासन व्यवस्था केंद्र सरकार के नियंत्रण में आ जाना : राष्ट्रपति शासन लागू होने पर राज्य का प्रशासन केंद्र सरकार के नियंत्रण में आ जाता है। राज्यपाल, जो राष्ट्रपति के प्रतिनिधि होते हैं, राज्य के प्रशासन का संचालन करते हैं। मुख्य सचिव इस प्रक्रिया में राज्यपाल की सहायता करते हैं।
- राज्य की विधानसभा को निलंबित या भंग किया जाना और विधानसभा की स्थिति : राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य की विधानसभा को निलंबित या भंग किया जा सकता है, जिससे राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पूरी तरह से केंद्र सरकार के नियंत्रण में आ जाती है।
- राष्ट्रपति को राज्य प्रशासन से संबंधित अध्यादेश जारी करने का अधिकार होना : भारत में जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है, तब राष्ट्रपति को राज्य प्रशासन से संबंधित अध्यादेश जारी करने का अधिकार होता है, ताकि राज्य में जरूरी प्रशासनिक निर्णय लिए जा सकें।
भारत में राष्ट्रपति शासन लागू करने से संबंधित संवैधानिक पहलू :
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन तब लागू किया जाता है जब राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों का पालन करने में असमर्थ होती है। ऐसे में केंद्र सरकार राज्य का प्रत्यक्ष नियंत्रण अपने हाथ में ले लेती है और राज्य के मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद को पद से हटा दिया जाता है। साथ ही राज्य की विधानमंडल को निलंबित या भंग किया जा सकता है।
राष्ट्रपति शासन लागू करने के प्रमुख कारण :
- शासन व्यवस्था में अस्थिरता का होना : जब राज्य में गठबंधन सरकार टूट जाती है और कोई भी दल या गठबंधन नई सरकार बनाने में सक्षम नहीं होता, तो राष्ट्रपति शासन लागू किया जाता है।
- राज्य में संवैधानिक तंत्र का विफल हो जाना या संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन होना : यदि राज्यपाल अपनी रिपोर्ट में यह बताता है कि राज्य सरकार संविधान के अनुसार कार्य करने में असमर्थ है और राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है, तो राष्ट्रपति शासन की आवश्यकता होती है।
- राज्य में चुनाव होने की असमर्थता की स्थिति का होना : युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं, या महामारी जैसी स्थिति में चुनाव कराना संभव नहीं हो पाता, जिसके कारण राष्ट्रपति शासन लागू किया जाता है।
राष्ट्रपति शासन लागू करने से संबंधित प्रमुख आलोचनाएँ और सुझाव :
- राज्य के शासन में हस्तक्षेप करने या शासन के दुरुपयोग की आशंका : भारतीय संविधान के कुछ विशेषज्ञों का यह मानना है कि अनुच्छेद 356 का प्रयोग केंद्र सरकार द्वारा राज्य के शासन में हस्तक्षेप करने के रूप में किया जाता है, जो संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाता है।
- भारत में राष्ट्रपति शासन से संबंधित सरकारिया आयोग की मुख्य सिफारिश : सन 1983 में सरकारिया आयोग ने सुझाव दिया था कि राष्ट्रपति शासन को केवल अंतिम उपाय के रूप में लागू किया जाए, जब अन्य सभी विकल्प समाप्त हो गए हों।
- एस.आर. बोम्मई मामला (1994) : इस मामले में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए कड़े दिशा-निर्देश तय किए गए, ताकि भारत में राष्ट्रपति शासन लगाने के प्रावधानों के तहत केन्द्र सरकार की शक्तियों का दुरुपयोग न हो।
भारत में राष्ट्रपति शासन के प्रमुख उदाहरण :
- जम्मू और कश्मीर : हाल ही में वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था ।
- मणिपुर : मणिपुर में अब तक 11 बार राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है, जो किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे अधिक है।
- छत्तीसगढ़ और तेलंगाना : भारत के इन राज्यों में अब तक एक बार भी राष्ट्रपति शासन लागू नहीं किया गया है।
मणिपुर में जातीय हिंसा :
- मणिपुर में मई 2023 से जारी जातीय हिंसा राज्य की अस्थिरता का एक प्रमुख कारण बन गई है।
- मणिपुर में यह जातीय संघर्ष मुख्य रूप से दो समुदायों—बहुसंख्यक मैतेई और अल्पसंख्यक कुकी-जो—के बीच हुआ था।
- बहुसंख्यक मैतेई और अल्पसंख्यक कुकी-जो समुदायों के बीच का यह तनाव मणिपुर उच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद उत्पन्न हुआ, जिसमें मैतेई समुदाय को कुछ विशेष अधिकार दिए जाने की सिफारिश की गई थी।
- इस आदेश ने दोनों समुदायों के बीच असंतोष को बढ़ा दिया था, क्योंकि मैतेई समुदाय मुख्य रूप से मैदानी क्षेत्रों में बसा हुआ है, जबकि कुकी-जो समुदाय पहाड़ी इलाकों में निवास करता है।
- इस हिंसा के परिणामस्वरूप राज्य में कई घटनाएँ घटीं, जिनमें आगजनी, तोड़फोड़ और अन्य गंभीर अपराध शामिल थे, जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा।
- आपसी जातीय संघर्ष के परिणामस्वरूप मणिपुर राज्य में कानून-व्यवस्था में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिसके कारण वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है।
आगे की राह / निष्कर्ष :
- मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का लागू होना राज्य के प्रशासनिक विफलता और निरंतर चल रहे अशांति को दर्शाता है।
- मणिपुर में इस स्थिति की निरंतर निगरानी की जा रही है और शांति तथा स्थिरता को बहाल करने के लिए विभिन्न हितधारकों द्वारा सक्रिय प्रयास किए जा रहे हैं।
- राष्ट्रपति शासन का उद्देश्य राज्य में तटस्थ प्रशासन प्रदान करना, कानून-व्यवस्था बनाए रखना, और राजनीतिक संवाद को सुगम बनाकर स्थिरता को पुनः स्थापित करना है।
- भारत में पिछले कुछ न्यायिक फैसलों और आयोग की सिफारिशों में हालांकि, यह महत्वपूर्ण सुझाव दिया गया है कि अनुच्छेद 356 का प्रयोग सतर्कता के साथ और कम – से – कम किया जाए, ताकि केंद्र सरकार द्वारा अपनी राजनीतिक शक्ति के दुरुपयोग को रोका जा सके और भारत में केन्द्र – राज्य संबंधों के परिप्रेक्ष्य में “ संघवाद की अवधारणा ” का सम्मान बना रहे।
स्त्रोत – पी. आई. बी एवं इंडियन एक्सप्रेस।
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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. मणिपुर में राष्ट्रपति शासन संविधान के किस अनुच्छेद के तहत लागू किया गया है ?
A. अनुच्छेद 356
B. अनुच्छेद 352
C. अनुच्छेद 378
D. अनुच्छेद 346
उत्तर – A
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. “ भारत में केन्द्र – राज्य संबंधो के परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रपति शासन राज्यों के लोकतांत्रिक जनादेश को बाधित तो करता है किन्तु राज्य सरकार को संविधान के प्रावधानों के अनुसार संकट के समय यह संवैधानिक स्थिरता भी सुनिश्चित करता है।” इस कथन का मूल्यांकन उपयुक्त उदाहरणों के साथ करें। ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
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