महिलाओं में होने वाले ओवेरियन कैंसर : लक्षण, निदान और उपचार

महिलाओं में होने वाले ओवेरियन कैंसर : लक्षण, निदान और उपचार

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ भारतीय संविधान और राजव्यवस्था , सार्वजानिक स्वास्थ्य से संबंधित प्रमुख सरकारी पहल और सरकारी हस्तक्षेप , महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ ओवेरियन कैंसर, राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (NCG), ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) वैक्सीन , राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस ,  स्तन कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर ’ खंड से संबंधित है। )

 

खबरों में क्यों ?

 

  • हाल ही में अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च, जो विश्व की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी व्यावसायिक संस्था है, ने सितंबर माह को डिंबग्रंथि (ओवेरियन) कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाने के लिए मान्यता प्रदान की है, जिसका उद्देश्य यह माह इस घातक स्त्री रोग संबंधी कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
  • भारत में प्रत्येक वर्ष 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना और इसके शीघ्र निदान को प्रोत्साहित करना है। 
  • मानव जीवन के स्वास्थ्य से संबंधित इस प्रकार के जागरूकता अभियानों का मुख्य उद्देश्य लोगों को कैंसर के लक्षणों, जोखिम कारकों और उसके शीघ्र निदान एवं उपचार के महत्व के बारे में जानकारी देना है, जिससे इस रोग से ग्रसित लोगों का समय पर उपचार संभव हो सके और उसके जीवन बचाया जा सके।

 

ओवेरियन कैंसर क्या है ?

 

  • डिंबग्रंथि (ओवेरियन) कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो अंडाशय (डिंबग्रंथि) के ऊतकों में उत्पन्न होता है। अंडाशय महिलाओं के जनन अंगों का एक युग्म है, जो डिंब और महिला हार्मोन का निर्माण या उत्पादन करता है। कैंसर की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब शरीर की कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का निर्माण करती हैं। अतः महिलाओं में होने वाली ओवेरियन कैंसर, कैंसर की एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें शरीर की असामान्य कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़कर ट्यूमर का रूप ले लेती हैं।

 

भारत में ओवेरियन कैंसर की स्थिति : 

 

  • भारत में महिलाओं में होने वाले सभी प्रकार के कैंसर में ओवेरियन कैंसर का योगदान 6.6% है। यह कैंसर अक्सर विलंबित निदान की समस्या से ग्रस्त होता है, जो जीवित रहने की दर को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
  • ओवेरियन कैंसर भारत में महिलाओं को प्रभावित करने वाले शीर्ष 3 कैंसरों में से एक प्रमुख कैंसर है जिसमें से अन्य दो प्रमुख कैंसर स्तन कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर हैं।
  • वर्ष 2022 में इस रोग से संबंधित सांख्यिकी के अनुसार भारत में ओवेरियन कैंसर के 47,333 नए मामले सामने आए और इस बीमारी के कारण 32,978 लोगों/ रोगियों की मृत्यु हो गई थी।
  • ओवेरियन कैंसर की शीघ्र पहचान और प्रभावी उपचार की आवश्यकता को दर्शाता है, ताकि इसके गंभीर प्रभावों को कम किया जा सके और इस रोग से ग्रसित रोगियों की जीवन रक्षा दर को बेहतर बनाया जा सके।

 

डिंबग्रंथि/ओवेरियन कैंसर के प्रमुख लक्षण : 

डिंबग्रंथि कैंसर के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित है – 

  • पेट फूलना : पेट में सूजन या खिंचाव महसूस होना।
  • पैल्विक (श्रोणि) दर्द होना : श्रोणि क्षेत्र में असहजता कि स्थिति उत्पन्न होना या दर्द होना।
  • भूख न लगना : खाने की इच्छा में कमी आ जाना।
  • बार-बार पेशाब आना : लगातार पेशाब करने के लिए जाना।
  • अपच और कब्ज होना : पाचन में समस्या और कब्ज की शिकायत रहना।
  • पीठ में दर्द होना : अक्सर निचली पीठ में दर्द होना।
  • लगातार थकान महसूस करना : सामान्य से अधिक थकावट महसूस होना।
  • वजन कम हो जाना : बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन में कमी होना।
  • रजोनिवृत्ति के बाद योनि से रक्तस्राव : महिलाओं की रजोनिवृत्ति के बाद भी योनि से रक्तस्राव होना। इस तरह के लक्षण अक्सर अन्य सामान्य स्थितियों के साथ मेल खाते हैं, जिससे रोग का सही निदान कठिन हो सकता है और उपचार में देरी हो सकती है।

 

ओवेरियन कैंसर के प्रकार :

यह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – 

  1. प्रकार I – यह सामान्यतः शीघ्र और बेहतर निदान योग्य होता है।
  2. प्रकार II – यह अधिक गंभीर होता है और आमतौर पर बाद के चरण में पता चलता है, जिससे ओवेरियन कैंसर से होने वाली अधिकांश मौतों के लिए जिम्मेदार होता है।

जीवित रहने की दर : 

  • इस रोग से ग्रसित महिलाओं में यह बहुत हद तक उस चरण पर निर्भर करता है, जिस चरण में इस कैंसर का पता चलता है। शोध से पता चलता है कि गंभीर ओवेरियन कैंसर से पीड़ित लगभग 20% रोगी, जिन्हें समय पर उचित उपचार प्राप्त हो जाता है, वह लगभग 10 वर्षों में इस रोग से रोग-मुक्त हो सकते हैं।

ओवेरियन कैंसर के लिए स्क्रीनिंग चुनौतियाँ : 

  • महिलाओं में होने वाले स्तन कैंसर या सर्वाइकल कैंसर के विपरीत, ओवेरियन कैंसर के लिए कोई प्रभावी स्क्रीनिंग टेस्ट अभी तक उपलब्ध नहीं है। निदान किए गए मामलों की मॉनिटरिंग के लिए CA125 रक्त परीक्षण उपयोगी होते हुए भी इसकी सीमित विशिष्टता और गलत सकारात्मक परिणाम की संभावना के कारण रूटीन स्क्रीनिंग के लिए इसको इस रोग के उपचार के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता है।

आनुवंशिक कारक : 

  • ओवेरियन कैंसर में एक प्रबल आनुवंशिक घटक होता है, जिसमें 65-85% आनुवंशिक मामले BRCA1 और BRCA2 जीन उत्परिवर्तन से जुड़े होते हैं। इन उत्परिवर्तनों वाली महिलाओं को ओवेरियन कैंसर होने का खतरा काफी अधिक होता है।

 

जीवनशैली कारक : 

  • टैल्कम पाउडर और केश-उत्पादों में पाए जाने वाले रसायनों के संपर्क सहित कुछ जीवनशैली विकल्पों को ओवेरियन कैंसर के संभावित जोखिम कारकों के रूप में चर्चा की गई है। इसके अतिरिक्त, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT), जो रजोनिवृत्ति के दौरान वासोमोटर और योनि असुविधा के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए की जाती है, से भी इस कैंसर के होने का जोखिम बढ़ जाता है।

 

भारत में कैंसर के उपचार से संबंधित विभिन्न सरकारी पहलें :  

कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPCDCS) : 

  • भारत सरकार ने विभिन्न गैर-संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिसमें कैंसर भी शामिल है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कैंसर की रोकथाम के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्क्रीनिंग, जागरूकता अभियानों, और स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा दिया जाता है। इसमें तंबाकू नियंत्रण, पोषण और जीवनशैली में सुधार, और नियमित स्वास्थ्य जांच को प्रोत्साहित किया जाता है ताकि कैंसर की संभावनाओं को कम किया जा सके और समय पर निदान हो सके।

राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (NCG) को अपनाना : 

  • राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड एक नेटवर्क है जो देशभर के कैंसर केंद्रों, अनुसंधान संस्थानों और चिकित्सा कॉलेजों को जोड़ता है। इसका उद्देश्य कैंसर के उपचार में समानता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। यह ग्रिड कैंसर के उपचार के लिए मानक प्रोटोकॉल विकसित करता है और अनुसंधान को प्रोत्साहित करता है।

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाना : 

  • भारत में प्रत्येक वर्ष 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को कैंसर के बारे में जागरूक करना और इसके रोकथाम के उपायों के बारे में जानकारी देना है। इस दिन विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम, स्वास्थ्य शिविर और स्क्रीनिंग कैंप आयोजित किए जाते हैं।

HPV वैक्सीन का उपयोग करना : 

  • भारत सरकार ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) वैक्सीन को शामिल किया है। यह वैक्सीन 9-14 आयु वर्ग की बालिकाओं को दी जाती है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 2023 में स्वदेशी HPV वैक्सीन ‘CERVAVAC’ लॉन्च की थी। इन पहलों के माध्यम से भारत सरकार कैंसर की रोकथाम, पहचान और उपचार में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

 

ओवेरियन कैंसर के जोखिमों को कम करने के प्रमुख उपाय :

  • जेनेटिक काउंसलिंग : ओवेरियन या स्तन कैंसर से जुड़े पारिवारिक इतिहास या BRCA1/BRCA2 उत्परिवर्तन वाली महिलाओं के लिए, जो जोखिम प्रबंधन और निवारक उपायों पर मार्गदर्शन प्रदान करता है।
  • स्वस्थ आहार शैली अपनाना : फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है।
  • शारीरिक गतिविधियों एवं व्यायाम करना : आहार और व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ शारीरिक वजन बनाए रखना इस कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।
  • नियमित स्त्री रोग संबंधी जाँच की आवश्यकता होना : इस रोग का पता लगाने के लिए जनन स्वास्थ्य की निगरानी और नियमित स्त्री रोग से संबंधित जाँच की आवश्यकता होती है।
  • इन उपायों को अपनाकर ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है और रोग के निदान एवं उपचार में सुधार किया जा सकता है।

स्रोत – द हिंदू। 

 

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

Q.1. महिलाओं में ओवेरियन कैंसर के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?

  1. ओवेरियन कैंसर की शुरुआत अक्सर पेट के नीचे के हिस्से में दर्द और सूजन से होती है।  
  2. ओवेरियन कैंसर की पहचान के लिए सबसे प्रभावी निदान विधि एकमात्र रक्त परीक्षण (CA-125 स्तर) है।  
  3. ओवेरियन कैंसर का इलाज सर्जरी और कीमोथेरपी के संयोजन से किया जा सकता है।  
  4. शुरुआती अवस्था में ओवेरियन कैंसर के लक्षण अक्सर कम स्पष्ट होते हैं।  

 

उत्तर – B 

व्याख्या : 

  • ओवेरियन कैंसर की पहचान के लिए सबसे प्रभावी निदान विधि एकमात्र रक्त परीक्षण (CA-125 स्तर) है। यह कथन गलत है, क्योंकि CA-125 स्तर रक्त परीक्षण ओवेरियन कैंसर का निदान करने में सहायक हो सकता है, लेकिन यह एकमात्र विधि नहीं है। ओवेरियन कैंसर की पहचान के लिए सबसे प्रभावी अन्य निदान विधियों में अल्ट्रासोनोग्राफी, कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (CT) स्कैन और कभी-कभी PET स्कैन भी शामिल होते हैं। अतः विकल्प B सही उत्तर है।

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

Q.1. “ महिलाओं में ओवेरियन कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है।” इस कथन के संदर्भ में, चर्चा कीजिए कि ओवेरियन कैंसर के प्रमुख लक्षण और संकेत क्या हैं? इसके निदान के लिए वर्तमान में उपलब्ध परीक्षण विधियाँ कौन-कौन सी हैं और इन परीक्षण विधियों के संभावित प्रभाव क्या हो सकते हैं? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )

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