26 Mar रायसीना डायलॉग 2025 : नए युग में वैश्विक नायक के रूप में भारत की भूमिका
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ अंतर्राष्ट्रीय संबंध, भारत की विदेश नीति , भारत और न्यूजीलैंड की द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय साझेदारी, नए युग में वैश्विक नायक के रूप में भारत की भूमिका ’ खण्ड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ रायसीना डायलॉग का दसवां संस्करण 2025, विदेश मंत्रालय, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, भारत – मध्य पूर्व – यूरोप आर्थिक गलियारा, हिंद महासागर क्षेत्र (IOR), G – 7 या ब्रिक्स – 10, G -20 समूह ’ खण्ड से संबंधित है। )
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में भारत में 17 से 19 मार्च 2025 के बीच नई दिल्ली में तीन दिवसीय ‘ रायसीना डायलॉग ’ के दसवें संस्करण का आयोजन किया गया।
- रायसीना डायलॉग के 10वें संस्करण का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में किया था, जिसमें न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन इस उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि थे।
- रायसीना डायलॉग भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत द्वारा आयोजित होने वाला एक प्रमुख सम्मेलन है।
- न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन की उपस्थिति भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय संवाद और सहयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
- रायसीना डायलॉग अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने आने वाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- वर्ष 2025 में आयोजित हुए इस संस्करण का मुख्य विषय – ‘ कालचक्र – पीपुल, पीस एंड प्लेनेट ’ ( “कालचक्र” (समय का पहिया) – जन , शांति और ग्रह ” ) है।
- भारत में आयोजित इस रायसीना डायलॉग के तीन दिवसीय संवाद – बैठक में विभिन्न देशों के विदेश मंत्रियों, रक्षा मंत्रियों और वित्त मंत्रियों, पूर्व राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों, सैन्य कमांडरों, शिक्षाविदों, पत्रकारों और विद्वानों सहित 125 से अधिक देशों के प्रतिनिधि ने भाग लिया था।
- वर्ष 2023 में G-20 की मेजबानी में भारत की भूमिका और भारत द्वारा इसका सफलतापूर्वक निर्वहन का भी रायसीना डायलॉग में बार-बार जिक्र किया गया। ब्राजील में जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक के चलते, सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य, महत्वपूर्ण G-7 या ब्रिक्स-10 देशों से किसी वरिष्ठ मंत्री स्तर की उपस्थिति नहीं हो सकी थी ।
- रायसीना डायलॉग के 10वें संस्करण न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री, माननीय क्रिस्टोफर लक्सन का मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होना और उनका उद्घाटन संबोधन में मुख्य अतिथि के रूप बोलने से भारत-न्यूज़ीलैंड द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और वैश्विक मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।
रायसीना डायलॉग का परिचय :
- नई दिल्ली में रायसीना पहाड़ी के साउथ ब्लॉक में भारत के विदेश – मंत्रालय का मुख्यालय अवस्थित है। अतः भारत के नई दिल्ली में स्थित रायसीना पहाड़ी के नाम पर ही इस बैठक को ‘ रायसीना डायलॉग ’ के नाम से जाना जाता है।
- भारत में वर्ष 2016 में रायसीना डायलॉग का प्रारंभ नई दिल्ली में किया गया था।
- यह भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने हेतु एक वार्षिक सम्मेलन है जिसका आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (Observer Research Foundation- ORF) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
- यह एक बहु-हितधारक, क्रॉस-सेक्टरल बैठक है जिसमें नीति-निर्माताओं एवं निर्णयकर्त्ताओं, विभिन्न राष्ट्रों के हितधारकों, राजनेताओं, पत्रकारों, उच्चाधिकारियों तथा उद्योग एवं व्यापार जगत के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है।
- इसके अंतर्गत विभिन्न देशों के विदेश, रक्षा और वित्त मंत्रियों को शामिल किया जाता है।
- भारत में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (Observer Research Foundation- ORF) की स्थापना वर्ष 1990 में की गई थी। जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है जो एक ‘ स्वतंत्र थिंक टैंक ’ के रूप में कार्य करता है।
- ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) एक दिल्ली स्थित गैर-लाभकारी संगठन है, जो भारतीय सरकार, राजनीतिक और व्यापारिक समुदायों के लिये नीतिगत अंतर्दृष्टि प्रदान करता है तथा बेहतर प्रशासन और जीवन की गुणवत्ता के लिये भारत की विदेश नीति का मार्गदर्शन करता है।
रायसीना डायलॉग 2025 का महत्व :
- भारत की वैश्विक शक्ति के रूप में भूमिका को सशक्त करना : रायसीना डायलॉग 2025 भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो देश की वैश्विक शक्ति के रूप में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। इस मंच पर भारत की सक्रिय भागीदारी न केवल उसकी विदेश नीति को सशक्त करती है, बल्कि वैश्विक कूटनीति में उसकी आवाज को और मजबूत बनाती है।
- भारत और उसके साझेदार देशों के बीच आपस में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों को मजबूत करना : रायसीना डायलॉग में नीति-निर्माताओं, उद्योग के प्रमुखों और वैश्विक नेताओं की भागीदारी से द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिलता है। यह विशेष रूप से व्यापार, रक्षा, जलवायु परिवर्तन और डिजिटल गवर्नेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देता है।
- वैश्विक शासन और नीति निर्माण में नवाचार को बढ़ावा देते हुए युवा नेताओं और थिंक टैंकों के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करना : रायसीना डायलॉग वैश्विक शासन और नीति निर्माण में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख मंच है, जहाँ युवा नेताओं, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को अपने विचार साझा करने का अवसर मिलता है। यह मंच वैश्विक विचार नेतृत्व को बढ़ावा देता है और भविष्य के नेताओं को तैयार करने में योगदान करता है।
रायसीना डायलॉग का मुख्य उद्देश्य :
- रायसीना डायलॉग का मुख्य उद्देश्य एशियाई एकीकरण के साथ – ही – साथ विश्व के शेष देशों के साथ एशिया के साथ बेहतर समन्वय हेतु संभावनाओं एवं अवसरों की तलाश करना है।
- रायसीना डायलॉग एक बहुपक्षीय सम्मेलन है जो वैश्विक समुदाय के सामने आने वाले चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध होने वाला मंच है।
- विश्व भर के नीतिगत, व्यापार, मीडिया और नागरिक समाज से संबंधित वैश्विक नेताओं को प्रति वर्ष व्यापक अंतर्राष्ट्रीय नीतिगत मामलों पर चर्चा करने के किए रायसीना डायलॉग में आमंत्रित किया जाता है।
रायसीना डायलॉग 2025 के मुख्य बिंदु :
- व्यापार और अर्थव्यवस्था का सैनिकीकरण के खिलाफ चिंता : भारत के विदेश मंत्री ने व्यापार संबंधों में टैरिफ, प्रतिबंधों और वित्तीय नियंत्रणों के माध्यम से सैनिकीकरण के खिलाफ चिंता व्यक्त की और इस संदर्भ में विश्वास आधारित साझेदारी की आवश्यकता को रेखांकित किया। इसके साथ ही, भारत अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के साथ चल रही वार्ताओं के बीच व्यापार साझेदारों का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है, ताकि विश्वसनीयता, पारदर्शिता और रणनीतिक संरेखण को प्राथमिकता दी जा सके।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामक समुद्री उपस्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करना : क्वाड रक्षा नेताओं ने हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन की बढ़ती आक्रामक समुद्री उपस्थिति पर गंभीर चिंता जताई। भारत ने छोटे द्वीपीय देशों और बाहरी साझेदारों के साथ मिलकर हिंद महासागर को एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित व्यापार मार्ग बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया। इसके साथ ही, फिलीपींस ने भारत से अनुरोध किया कि वह दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती रणनीतिक प्रभावी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए स्क्वाड गठबंधन (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस) में शामिल हो।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए एक मजबूत नियामक ढाँचा और डिजिटल संप्रभुता पर जोर देना : भारत व्यापार वार्ताओं में डेटा प्रवाह, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के विकास और डिजिटल विनियमन के प्रति अपनी सतर्कता को बढ़ा रहा है। बड़े डेटा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए एक मजबूत नियामक ढाँचा अब भारत की आर्थिक कूटनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, जो इसके वैश्विक डिजिटल प्रभाव को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
भारत को रायसीना डायलॉग से प्राप्त होने वाला लाभ :
- रायसीना डायलॉग सरकार को अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विभिन्न स्थितियों और मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने हेतु एक मंच प्रदान करता है।
- रायसीना डायलॉग से भारत सरकार की कूटनीतिक क्षमता में वृद्धि होती है।
समाधान / आगे की राह :
- वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना : रायसीना डायलॉग का उद्देश्य विभिन्न देशों के नेताओं, नीति निर्माताओं, और विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना है ताकि वे साझा चुनौतियों पर विचार-विमर्श कर सकें और समाधान खोज सकें। यह वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
- सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना : “कालचक्र – जन, शांति और ग्रह” की थीम सतत विकास के महत्व को दर्शाती है।रायसीना डायलॉग मुख्य रूप से सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा। इससे इस समस्या के समाधानात्मक उपायों में नवीकरणीय ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकी, और टिकाऊ विकास प्रथाओं को बढ़ावा देना शामिल हो सकता है।
- भू-राजनीतिक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करना : रायसीना डायलॉग भू-राजनीतिक चुनौतियों, जैसे कि संघर्ष, आतंकवाद, और क्षेत्रीय अस्थिरता पर चर्चा करने का एक मंच प्रदान करता है। यह संवाद और कूटनीति के माध्यम से विवादों को हल करने और शांति को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
- प्रौद्योगिकी के तहत साइबर सुरक्षा मानकों को मजबूत करना और डिजिटल शासन के द्वारा डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना : “डिजिटल प्लैनेट: एजेंट, एजेंसियां और अनुपस्थिति” विषय डिजिटल शासन, साइबर सुरक्षा, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नैतिक निहितार्थ जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करता है। इसके समाधानात्मक उपायों में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना, साइबर सुरक्षा मानकों को मजबूत करना, और डिजिटल शासन के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना शामिल हो सकता है।
- वैश्विक शासन में सुधार और बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता : “वैश्विक शासन 2.0: अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार” विषय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार और बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता को उजागर करता है। अतः इसके समाधानों में संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार, और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए नए शासन तंत्रों का विकास शामिल हो सकता है।
- सामाजिक न्याय, सतत विकास और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर वैश्विक समूहों का ध्यान केंद्रित करना : यह डायलॉग समावेशी विकास और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए समाधानों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। इससे इस समस्या के समाधानात्मक उपायों में गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार, और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना शामिल हो सकता है। रायसीना डायलॉग 2025 एक महत्वपूर्ण अवसर है जहां वैश्विक नेता और विशेषज्ञ मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए समाधान और आगे की राह पर विचार-विमर्श करेंगे।
स्त्रोत – पी. आई. बी एवं द हिन्दू।
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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. रायसीना डायलॉग के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- रायसीना डायलॉग के दसवें संस्करण का मुख्य विषय – ‘ कालचक्र – जन , शांति और ग्रह ’ है।
- रायसीना डायलॉग एक चतुर्थ वर्षीय बैठक कार्यक्रम होता है, जिसका आयोजन हर चार वर्ष में नई दिल्ली में किया जाता है।
- रायसीना डायलॉग का आरंभ भारत में वर्ष 2016 में नई दिल्ली में किया गया था।
- रायसीना डायलॉग का आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
A. केवल 1 और 3
B. केवल 2 और 3
C. केवल 1 और 4
D. केवल 2 और 4
उत्तर – A
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. रायसीना डायलॉग के दसवें संस्करण के मुख्य विषय को रेखांकित करते हुए यह चर्चा कीजिए कि वैश्विक स्तर पर बदलते भू – कूटनीतिक और रणनीतिक संबंधों के संदर्भ में रायसीना डायलॉग किस प्रकार प्रासंगिक है ? ( शब्द – सीमा – 250 अंक – 15 )
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