23 Dec राष्ट्रीय किसान दिवस 2024
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 1 के अंतर्गत ‘ भारतीय समाज , भारतीय कृषि, महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व , सामाजिक न्याय , कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ राष्ट्रीय किसान दिवस 2024 , भारत रत्न , भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह , “समृद्ध राष्ट्र के लिए ‘अन्नदाताओं’ को सशक्त बनाना।”, नई कृषि तकनीक और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना, भूमि जोत अधिनियम, 1960, किसान घाट , डिजिटल कृषि मिशन ’ खंड से संबंधित है।)
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में, किसानों के सम्मान और श्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में पूरे देश में 23 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय किसान दिवस ( किसान दिवस ) मनाया गया।
- भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, जिन्हें ‘किसान नेता’ के रूप में सम्मानित किया जाता है, के भारतीय कृषि और ग्रामीण विकास में उनके योगदान के लिए वर्ष 2001 से ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
- यह दिवस हर साल 23 दिसंबर को किसानों के योगदान को सम्मानित करने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
- राष्ट्रीय किसान दिवस 2024 का मुख्य थीम है – “समृद्ध राष्ट्र के लिए ‘अन्नदाताओं’ को सशक्त बनाना।”
राष्ट्रीय किसान दिवस का इतिहास :
- चौधरी चरण सिंह, जो भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे, ने अपनी नीतियों को मुख्यतः ग्रामीण विकास और कृषि सुधारों पर केंद्रित किया।
- किसानों की समस्याओं को हल करने और उनके कल्याण में सुधार करने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिनसे भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद मिली।
- अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल (1979-1980) के दौरान, चौधरी चरण सिंह ने कृषि और ग्रामीण समुदायों के लिए कई नीतियाँ और कार्यक्रम लागू किए।
- भारत, जो कृषि प्रधान देश है, में लगभग 50% जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। उनके असाधारण योगदान को सम्मानित करने के लिए, सरकार ने वर्ष 2001 में उनकी जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
- तब से, 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देशभर में किसानों के महत्व और उनके योगदान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम और अभियान चलाए जाते हैं।
चौधरी चरण सिंह : जीवन और योगदान :
- चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में हुआ।
- एक किसान परिवार से आने के कारण, वे हमेशा ग्रामीण और कृषि विकास के पक्षधर रहे।
- उनका मुख्य उद्देश्य कृषि को भारत की योजना प्रक्रिया का केंद्रीय हिस्सा बनाना था।
प्रमुख योगदान :
- ऋण राहत अधिनियम, 1939 : चौधरी चरण सिंह ने इस अधिनियम को तैयार करने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसका उद्देश्य किसानों को साहूकारों के शिकंजे से राहत देना था।
- जमींदारी प्रथा का उन्मूलन (1952) : उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री के रूप में उन्होंने जमींदारी प्रथा को समाप्त किया और किसानों के भूमि स्वामित्व अधिकारों को सुरक्षित किया।
- भूमि जोत अधिनियम, 1960 : इस कानून ने भूमि वितरण में समानता को बढ़ावा दिया और कृषि भूमि के जोत सीमाओं को मानकीकरण किया।
- किसान ट्रस्ट की स्थापना (1978) : चौधरी चरण सिंह ने एक गैर-राजनीतिक और गैर-लाभकारी संगठन के रूप में किसान ट्रस्ट की स्थापना की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण समुदायों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उनके बीच एकजुटता बढ़ाना था।
सामाजिक योगदान :
- चौधरी चरण सिंह ने महात्मा गांधी के साथ मिलकर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। उन्होंने जातिवाद के खिलाफ संघर्ष किया और अंतर्जातीय विवाहों को बढ़ावा दिया और इसके साथ – ही – साथ उन्होंने किसानों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई।
- उन्होंने कृषकों के आश्रितों के लिए कोटा का समर्थन करके सामाजिक न्याय की वकालत की, जो कि डॉ. बी.आर. अंबेडकर के एकीकृत सामाजिक और आर्थिक सुधारों के दृष्टिकोण से मेल खाता था।
- उन्होंने कई प्रभावशाली पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें ‘जमींदारी उन्मूलन’, ‘किसान स्वामित्व या श्रमिकों के लिए भूमि’, ‘कोऑपरेटिव फार्मिंग एक्स-रेड’, ‘प्रिवेंशन ऑफ डिविजन ऑफ होल्डिंग बिलो अ सर्टेन मिनिमम’ और ‘भारत की गरीबी और उसका समाधान’ प्रमुख हैं।
व्यक्तित्व और नेतृत्व :
- चौधरी चरण सिंह, उत्तर प्रदेश के विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्य करते हुए अपनी ईमानदारी, अनुशासन और भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता के कारण व्यापक पहचान बनाई।
- एक दूरदर्शी नेता और प्रभावशाली वक्ता के रूप में, उन्होंने लाखों किसानों के बीच अपार सम्मान प्राप्त किया।
- भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 में, उन्हें अन्य चार प्रमुख व्यक्तित्वों के साथ भारत रत्न से सम्मानित किया गया, जिनमें कर्पूरी ठाकुर, एम.एस. स्वामीनाथन, पी.वी. नरसिम्हा राव, और लाल कृष्ण आडवाणी शामिल हैं।
- उनकी सेवाओं और योगदान को सराहते हुए, सरकार ने वर्ष 2008 में लखनऊ हवाई अड्डे का नाम बदलकर “चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा” रख दिया गया है।
- चौधरी चरण सिंह का निधन 29 मई 1987 को हुआ, और उनका स्मारक जिसे ‘किसान घाट’ कहा जाता है, नई दिल्ली में अवस्थित है।
शिक्षा और दृष्टि :
- चौधरी चरण सिंह का दृढ़ विश्वास था कि भारत की समृद्धि और विकास के लिए किसानों का उत्थान आवश्यक है।
- उनकी नीतियों में छोटे और सीमांत किसानों की प्राथमिकता हमेशा बनी रही।
- उनका योगदान भारतीय कृषि और किसानों की बेहतरी के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत रहा है।
- उनके दृष्टिकोण के कुछ प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है :
- किसानों को ऋण-मुक्त बनाना।
- फसलों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना।
- सिंचाई और कृषि अवसंरचनाओं का विकास करना।
किसान दिवस (राष्ट्रीय किसान दिवस) का उद्देश्य :
- भारत सरकार ने वर्ष 2014 के बाद से कृषि क्षेत्र के बजट में महत्वपूर्ण वृद्धि की है, जो उसकी इस क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- वित्तीय वर्ष 2013-14 में कृषि और किसान कल्याण विभाग का बजट 21,933.50 करोड़ रुपए था, जिसे बढ़ाकर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,22,528.77 करोड़ रुपए किया गया है।
- यह वृद्धि कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देने, किसानों की समस्याओं का समाधान करने और सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीतिक बदलाव को प्रदर्शित करती है।
- बढ़े हुए बजट का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना, नई कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना, ऋण की उपलब्धता को आसान बनाना और विभिन्न कृषि योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
किसान दिवस (राष्ट्रीय किसान दिवस) का मुख्य उद्देश्य है :
- किसानों के संघर्ष और उनके योगदान को मान्यता देना।
- किसानों की समस्याओं को उजागर करना और उनके समाधान के लिए चर्चा को प्रोत्साहित करना।
- कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और सुधारों को अपनाने को बढ़ावा देना।
- युवाओं को कृषि क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रेरित करना।
किसान दिवस (राष्ट्रीय किसान दिवस) का महत्व :
- भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ लगभग 60% जनसंख्या अपनी जीवनयापन के लिए कृषि पर निर्भर है। देश की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए किसानों का योगदान अनिवार्य है।
- राष्ट्रीय किसान दिवस का उद्देश्य न केवल किसानों के समर्पण और संघर्ष को सम्मानित करना है, बल्कि उनके सामाजिक और आर्थिक कल्याण के बारे में जागरूकता फैलाना भी है।
यह दिन निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित करता है:
- किसानों को नई और उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करना।
- कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए नवीनतम जानकारी साझा करना।
- समाज और सरकार को किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने और उनके समाधान खोजने के लिए एक मंच प्रदान करना।
विभिन्न देशों में किसान दिवस :
- भारत : भारत में राष्ट्रीय किसान दिवस हर वर्ष 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह ने भारतीय किसानों के कल्याण के लिए कई सुधारात्मक नीतियाँ बनाई। इस दिन देश भर में विभिन्न कार्यक्रम जैसे सेमिनार, वाद-विवाद, कार्यशालाएँ और निबंध प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका : अमेरिका में राष्ट्रीय किसान दिवस प्रतिवर्ष 12 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो किसानों की कड़ी मेहनत और योगदान को सम्मानित करने का अवसर है।
- घाना : घाना में यह दिवस दिसंबर के पहले शुक्रवार को मनाया जाता है, जहाँ किसानों और मछुआरों के योगदान को मान्यता दी जाती है।
- नेपाल : नेपाल में यह दिवस किसान नेता देव धवल द्वारा शुरू किया गया और नेपाली कैलेंडर के ज्येष्ठ महीने के दूसरे दिन मनाया जाता है, जिसमें विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संगठन शामिल होते हैं।
- जाम्बिया : जाम्बिया में राष्ट्रीय कृषक दिवस हर वर्ष अगस्त के पहले सोमवार को मनाया जाता है।
निष्कर्ष :
- किसान दिवस केवल सम्मान का प्रतीक नहीं है; यह कृषि और किसानों की देश की प्रगति में निभाई गई अहम भूमिका को रेखांकित करता है। चौधरी चरण सिंह की कृषि से संबंधित नीतियाँ और विचार आज भी कृषि विकास की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
- भारत सरकार द्वारा किसान कल्याण और कृषि क्षेत्र के सतत विकास के लिए शुरू की गई योजनाएँ इस क्षेत्र के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
- पीएम-किसान, पीएमएफबीवाई और नमो ड्रोन दीदी जैसी योजनाएँ किसानों को वित्तीय सुरक्षा और बाजार तक बेहतर पहुंच प्रदान करती हैं, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो रही है।
- अनाज उत्पादन में हासिल की गई सफलता, बुनियादी ढांचे का विस्तार और डिजिटल कृषि मिशन जैसी पहलें एक लचीला और समृद्ध कृषि पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने की दिशा में कारगर साबित हो रही हैं।
- भारत में किसानों की स्थिति में सुधार और उनकी मेहनत को सम्मानित करने के लिए इस दिशा में निरंतर प्रयास जरूरी हैं।
- इस दिन हमें अपने किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए दृढ़ संकल्पित होने की आवश्यकता है, ताकि वे न केवल सशक्त हों, बल्कि भारत के विकास के अभिन्न हिस्से के रूप में हमेशा प्रगति करते रहें।
स्त्रोत – पीआईबी एवं इंडियन एक्सप्रेस।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. राष्ट्रीय किसान दिवस 2024 का मुख्य थीम क्या है और चौधरी चरण सिंह के द्वारा लिखी गई पुस्तक का नाम क्या है?
- कृषि सुधार और समृद्धि और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष।
- भारत में हरित क्रांति और कृषि सुधार और ग्रामीण विकास।
- समृद्ध राष्ट्र के लिए अन्नदाताओं को सशक्त बनाना और भारत की गरीबी और उसका समाधान।
- किसानों के लिए बेहतर भविष्य और भारत में भूमि सुधार।
उपरोक्त विकल्पों में से कौन सा विकल्प सही है ?
A. केवल 1
B. केवल 3
C. केवल 1 और 3
D. केवल 2 और 4
उत्तर – B समृद्ध राष्ट्र के लिए अन्नदाताओं को सशक्त बनाना और भारत की गरीबी और उसका समाधान।
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. किसान दिवस (राष्ट्रीय किसान दिवस) का उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डालते हुए, यह बताइए कि भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में की गई बजटीय वृद्धि, नई कृषि योजनाओं और नीतियों के द्वारा किस प्रकार किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है? इसके अलावा, राष्ट्रीय किसान दिवस के आयोजन से कृषि क्षेत्र में सुधार, तकनीकी विकास और किसानों के कल्याण के लिए क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ रहे हैं? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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