राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2024

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2024

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा KE सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 के अंतर्गत ‘ भारतीय अर्थव्यवस्था में डेयरी और पशुधन क्षेत्र की भूमिका ,पशुपालन का अर्थशास्त्र और भारत में पशुपालन और डेयरी उद्योग से संबंधित मुद्दे और इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई विभिन्न पहलें ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ राष्ट्रीय गोकुल मिशन, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र,  पशुधन संजीवनी , ई – पशुधन हाट, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ’ खंड से संबंधित है। इसमें PLUTUS IAS टीम के सुझाव भी शामिल हैंयह लेख ‘ दैनिक करेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘ राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार – 2024 ’ से संबंधित है।)

 

खबरों में क्यों ?

 

 

  • भारत में हाल ही में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार – 2024 के लिए नामांकन 15 जुलाई से शुरू हो गया है। 
  • यह पुरस्कार भारत में प्रतिवर्ष 26 नवंबर को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर प्रदान किया जाता है। 
  • इसके तहत, विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, डेयरी सहकारी समिति और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन को पुरस्कार दिया जाता है।

 

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार : 

  • राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार हर साल दूध उत्पादक किसानों, डेयरी सहकारी समितियों, दूध उत्पादक कंपनियों, डेयरी किसान उत्पादक संगठनों और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदान किया जाता है। 
  • यह राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) के तहत मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा दिया जाता है।
  • वर्ष 2021 से, पशुपालन और डेयरी विभाग हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार प्रदान कर रहा है। 
  • इसका उद्देश्य दुग्ध उत्पादक किसानों, डेयरी सहकारी समितियों/एमपीसी/एफपीओ और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों (एआईटी) को प्रोत्साहित करना है।

 

पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य : 

  • इस पुरस्कार का उद्देश्य स्वदेशी गोजातीय नस्लों के संरक्षण और विकास को बढ़ावा देना है, जो भारत में डेयरी क्षेत्र की स्थिरता प्रदान करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

 

पुरस्कार के अन्य पहलू : 

  • विशेष मान्यता : भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) में डेयरी विकास गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष पुरस्कार श्रेणी शामिल की गई है।
  • नामांकन और मान्यता : इस पुरस्कार को पाने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2024 है। एनजीआरए के लिए नामांकन राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रस्तुत किए जाते हैं।

 

पुरस्कार की श्रेणियां : 

भारत में यह पुरस्कार तीन विभिन्न श्रेणियों में दिया जाता है। जो निम्नलिखित है – 

  1. स्वदेशी गाय/भैंस नस्ल का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान : इस श्रेणी में प्रथम आने वाले किसान को 5 लाख रुपये का इनाम दिया जाता है।
  2. इस श्रेणी में द्वितीय आने वाले को 3 लाख रुपये का इनाम दिया जाता है।
  3. इस श्रेणी में तीसरे स्थान पर आने वाले को 2 लाख रुपये का इनाम दिया जाता है।
  4. इस वर्ष से उत्तर पूर्वी क्षेत्र ( एनईआर ) राज्यों के लिए एक विशेष पुरस्कार शामिल किया गया है  ताकि उत्तर पूर्वी क्षेत्र में डेयरी विकास गतिविधियों को प्रोत्साहित और बढ़ावा दिया जा सके। इसके  तहत एनईआर के लिए विशेष पुरस्कार के तहत 2 लाख रुपये का इनाम दिया जाता है। 
  5. सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति (डीसीएस)/दूध उत्पादक कंपनी (एमपीसी)/डेयरी किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) : इस श्रेणी में भी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
  6. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) : इस श्रेणी में कोई नकद पुरस्कार नहीं दिया जाता है , लेकिन योग्यता प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह दिए जाते हैं।

 

राष्ट्रीय गोकुल मिशन :

  • भारत में राष्ट्रीय गोकुल मिशन को गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए दिसंबर 2014 में प्रारंभ किया गया था। 
  • इस मिशन को राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना के तहत 2021 से 2026 तक 2400 करोड़ रुपये के बजट के साथ विस्तारित किया गया है।

 

भारत में राष्ट्रीय गोकुल मिशन का मुख्य उद्देश्य :

राष्ट्रीय गोकुल मिशन का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं – 

  • देशी गोजातीय नस्लों की उत्पादकता को बढ़ावा देना : भारत में इस मिशन का उद्देश्य देशी गोजातीय नस्लों की उत्पादकता को बढ़ावा देना है, जिससे गोजातीय नस्लों की संख्या में स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
  • गर्भाधान कवरेज का विस्तार करना : भारत में मवेशियों के लिए प्रजनन नेटवर्क को मजबूत करना और कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं को किसानों के लिए आसानी से सुलभ बनाना इस मिशन का एक प्रमुख उद्देश्य है।
  • दूध उत्पादन में वृद्धि करना : इसके तहत भारत में कुशल गोजातीय प्रबंधन प्रथाओं के माध्यम से दूध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि करना मिशन का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है।
  • उच्च आनुवंशिक गुणवत्ता वाला प्रजनन में व्यापक योगदान और वृद्धि करना : भारत में यह मिशन मवेशियों के प्रजनन के लिए उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले बैलों के उपयोग करने पर केन्द्रित है, जिससे मवेशियों की आनुवंशिकी में सुधार में व्यापक योगदान और वृद्धि होता है।
  • समग्र संरक्षण प्रदान करना : यह मिशन स्वदेशी मवेशियों और भैंसों की नस्लों के वैज्ञानिक और व्यापक संरक्षण के लिए समर्पित है। अतः यह मिशन भारत में स्वदेशी मवेशियों और भैंसों की नस्लों को समग्र संरक्षण प्रदान करता है।  

 

भारत में पशुपालन और डेयरी से संबंधित चुनौतियाँ :

भारत में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के सामने कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं – 

रोग प्रबंधन और पशु स्वास्थ्य की देखभाल की आवश्यकता :

  • पशुओं के विकास में रोगों का प्रभाव एक महत्वपूर्ण चुनौती है। उचित रोग प्रबंधन और पशु स्वास्थ्य की देखभाल की आवश्यकता है।

चारे की उपलब्धता और गुणवत्ता :

  • भारत में चारे की उपलब्धता और गुणवत्ता के संकट के बावजूद, यह पशुपालन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में कार्य करता है।

आधुनिक बुनियादी ढाँचे और प्रौद्योगिकी का अभाव :

  • भारत में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में वर्तमान समय में आधुनिक बुनियादी ढाँचे और प्रौद्योगिकी की अत्यंत आवश्यकता है।

कुशल कर्मियों और पशु चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता की कमी :

  • भारत में वर्तमान समय में पशुओं की चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता और कुशल कर्मियों की अत्यंत आवश्यकता है।

वित्तीय बाधाएँ और ऋण तक सीमित पहुँच :

  • भारत में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में वित्तीय समस्याएं और ऋण की सीमित पहुँच भी एक चुनौती है।

विपणन और वितरण की चुनौतियाँ :

  • भारत में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र कमें डेयरी उत्पादों के विपणन और वितरण के क्षेत्र में भी सुधार की अत्यंत आवश्यकता है।

इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकार, कृषि वैज्ञानिकों, किसानों और उद्योगियों को साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

 

भारत में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में समाधान / आगे की राह : 

 

 

  1. पशु चिकित्सा सेवाएँ और बुनियादी ढाँचा को सुदृढ़ करने की जरूरत : 

  • भारत में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में टीकाकरण कार्यक्रमों एवं नियमित स्वास्थ्य जाँच को बढ़ावा देना होगा, ताकि पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में उत्पादन के स्तर पर सुधार हो सके।
  • भारत में पशुधन के रोगों का शीघ्र पता लगाने के लिए वर्तमान समय में एक प्रभावी प्रणाली विकसित करना होगा।

 

  1. उच्च गुणवत्ता वाली चारा फसलों की खेती को बढ़ावा देना :

  • भारत में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में वर्तमान समय की जरूरतों के अनुसार हाइड्रोपोनिक्स और साइलेज उत्पादन जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करना होगा ।
  • पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में वर्तमान समय के अनुरूप ही गुणवत्तायुक्त चारे की निरंतर आपूर्ति के लिए चारा प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना करना होगा।
  • हाइड्रोपोनिक्स : पोषक तत्वों से भरपूर जल का उपयोग करके मृदा रहित कृषि की एक विधि है।
  • साइलेज उत्पादन : उच्च नमी वाली चारा फसलों को किण्वित और संरक्षितकरने की एक विधि है।

 

  1. पशुधन फार्मों और डेयरी प्रसंस्करण इकाइयों का उन्नयन एवं आधुनिकीकरण करना :

  • भारत में वर्तमान समय की जरूरतों के आधार पर पशु चिकित्सालयों को उन्नत प्रौद्योगिकियों से लैस करना होगा ।
  • भारत में वर्तमान समय में पशुधन फार्मों और डेयरी प्रसंस्करण इकाइयों के लिए अनुसंधान एवं विकास में निवेश करना और नई तकनीकों को अपनाना होगा।

 

  1. सहायक नीतियों का निर्माण और क्रियान्वयन करना :

  • भारत में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत समर्थन प्रदान करना अत्यंत जरूरी है।
  • इस क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहन योजनाओं को लागू करना भी अत्यंत आवश्यक है।

 

इन कदमों से भारत में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में सुधार होगा और यह अधिक टिकाऊ और लाभ प्रदान करने वाला क्षेत्र में बदल सकता है।

 

स्त्रोत – द हिन्दू एवं पीआईबी।

 

Download plutus ias current affairs Hindi med 15th July 2024

 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. यह पुरस्कार राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) के तहत प्रदान किया जाता है।
  2. भारत में यह पुरस्कार मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा दिया जाता है।

उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा सही है ?

A. कथन 1 और कथन 2  दोनों सही हैं, और कथन 2  कथन 1 की सही व्याख्या है।

B. कथन 1 और कथन 2 दोनों सही हैं, और कथन 2 कथन 1 का सही स्पष्टीकरण नहीं है।

C. कथन 1 सही है, लेकिन कथन 2 गलत है।

D. कथन 1 गलत है, लेकिन कथन 2 सही है।

उत्तर – A

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन गैर – कृषि से संबंधित क्षेत्रों में लोगों को रोजगार और आय प्रदान करने की बड़ी क्षमता के क्षेत्र के रूप में है। चर्चा कीजिए कि भारत में इस क्षेत्र की मुख्य चुनौतियाँ क्या है और पशुपालन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त समाधानात्मक उपाय क्या हो सकता है ? ( UPSC CSE – 2015 शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )

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