15 Jan विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 : राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका और स्वामी विवेकानंद का योगदान
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 1 के अंतर्गत ‘ आधुनिक भारत का इतिहास , भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन , सामाजिक-सांस्कृतिक सुधार आंदोलन , महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व , राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका और स्वामी विवेकानंद का योगदान ’ खण्ड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ स्वामी विवेकानंद , वेदांत , योग , नव-वेदांत , रामकृष्ण मिशन , धर्म संसद , रामकृष्ण परमहंस , राष्ट्रीय युवा दिवस , सतत विकास लक्ष्य , राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 , राष्ट्रीय युवा नीति 2024 ’ खण्ड से संबंधित है।)
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती) के मौके पर ‘ विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 ‘ में भाग लिया।
- भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध महान आध्यात्मिक नेता, दार्शनिक और भारत के महान विचारक स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
विकसित भारत युवा नेता संवाद कार्यक्रम 2025 का परिचय :
- युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित यह एक ऐसा मंच है जिसका उद्देश्य भारतीय युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करना है।
- यह भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर किए गए आह्वान से जुड़ा है, जिसमें बिना किसी राजनीतिक दल से संबंधित 1 लाख युवाओं को राजनीति में भागीदारी के लिए प्रेरित किया गया था।
- इस कार्यक्रम में 15-29 वर्ष आयु के 3,000 युवाओं ने भाग लिया, जिनका चयन एक बहु-चरणीय प्रक्रिया (जिसे ‘विकसित भारत चैलेंज’ कहा जाता है) द्वारा किया गया।
- इस संवाद का मुख्य उद्देश्य भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर युवाओं के विचार जानना था।
- इस कार्यक्रम दौरान युवा नेताओं ने प्रौद्योगिकी, महिला सशक्तीकरण, स्थिरता, विनिर्माण और कृषि जैसे प्रमुख मुद्दों पर अपने विचार भी प्रस्तुत किया।
स्वामी विवेकानंद का परिचय और उनसे संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :
- व्यक्तिगत जीवन : स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। वे रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य, एक महान भारतीय संत और एक महान योगी थे। वर्ष 1893 में खेतड़ी राज्य के महाराजा अजीत सिंह के कहने पर उन्होंने अपना नाम ‘सच्चिदानंद’ से बदलकर ‘विवेकानंद’ रखा।
- आध्यात्मिक यात्रा और आत्मज्ञान की प्राप्ति : सन 1892 में स्वामी विवेकानंद ने कन्याकुमारी के तट से हिंद महासागर में एक विशाल शिला तक तैरकर यात्रा की। इस शिला पर तीन दिन और रातें बिताने के बाद उन्हें गहरे आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई। इस शिला को अब विवेकानंद रॉक मेमोरियल के रूप में जाना जाता है।
- आध्यात्मिकता और भौतिक प्रगति के बीच आपसी समन्वय और संतुलन आवश्यक : स्वामी विवेकानंद ने भारतीय दर्शन, विशेष रूप से वेदांत और योग को विश्वभर में प्रचारित किया। उन्होंने ‘नव-वेदांत’ का प्रचार किया, जो पश्चिमी दृष्टिकोण से हिंदू धर्म की व्याख्या करता था। उनका मानना था कि आध्यात्मिकता और भौतिक प्रगति के बीच आपसी समन्वय और संतुलन आवश्यक है।
- धार्मिक और सामाजिक विचार : स्वामी विवेकानंद का मानना था कि सेवा के माध्यम से समाज की उन्नति हो सकती है, और “जीव की सेवा करना शिव की उपासना के समान है।” उनका मानना था कि धर्म एक सार्वभौमिक सत्य है, जो असहिष्णुता और अंधविश्वास से मुक्त होना चाहिए।
- शिक्षा के माध्यम से भारतीय समाज और राष्ट्र का पुनर्निर्माण करने का आह्वान करना : स्वामी विवेकानंद ने शिक्षा के माध्यम से भारतीय समाज और राष्ट्र का पुनर्निर्माण करने का आह्वान किया। उन्होंने मानव-निर्माण और चरित्र निर्माण वाली शिक्षा को महत्व दिया। उनका मानना था कि छात्रों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए आत्मनिर्भर और चरित्रवान होना चाहिए।
- मानवता और करुणा के मूल्यों पर जोर देना : स्वामी विवेकानंद ने मानवता और करुणा के मूल्यों पर जोर दिया। उनका मानना था कि जीवन के चार मार्ग—राजयोग, कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग—के माध्यम से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।
- युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत : स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहने और चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित किया। उनका विचार था कि युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए, ताकि वे देश की प्रगति में योगदान दे सकें।
- राष्ट्रवाद और समाज सेवा के तहत समाज सुधार पर जोर देना : स्वामी विवेकानंद का राष्ट्रवाद मानवतावाद और सर्वहितवाद पर आधारित था, जिसमें समाज के कल्याण और स्वतंत्रता की बात की गई थी। उनका मानना था कि निस्वार्थ सेवा के माध्यम से समाज में सुधार और राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त की जा सकती है।
- नैतिकता और धर्म संबंधी विचार : स्वामी विवेकानंद के अनुसार, नैतिकता और धर्म एक व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म असल में परम सत्य का अनुभव है, जो असहिष्णुता, अंधविश्वास और पुरोहितवाद से मुक्त होना चाहिए।
- स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित संस्थाएं : सन 1897 में स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जो आज भी सेवा, शिक्षा और आध्यात्मिक उत्थान के आदर्शों को फैलाने के लिए कार्यरत है। उन्होंने बेलूर मठ की भी स्थापना की, जो बाद में उनका स्थायी निवास बन गया।
- भारतीय संस्कृति को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में उनका योगदान : सन 1893 में शिकागो धर्म संसद में उन्होंने हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया और पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति का परचम लहराया। इसके अलावा, जुलाई 1896 में उन्होंने लंदन में लंदन हिंदू एसोसिएशन के एक सम्मेलन को भी संबोधित किया।
स्वामी विवेकानंद का विभिन्न विषयों से संबंधित महत्वपूर्ण विचार :
- गरीबी और धर्म पर विचार : स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि जिस देश में लाखों लोग भूखे रहते हैं और कुछ लोग उनकी स्थिति सुधारने के बजाय उनका शोषण करते हैं, वह धर्म नहीं हो सकता। यह पिशाचों के नृत्य जैसा है। धर्म का उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना है।
- समानता और भाईचारे का संदेश : स्वामी विवेकानंद ने निम्न वर्ग के लोगों, जैसे अज्ञानी, गरीब, अनपढ़, और कामकाजी वर्ग के बारे में कहा कि ये सब हमारे भाई हैं। हमें उनके साथ समानता का व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि हम सब एक समान हैं।
- आध्यात्मिक राष्ट्रवाद पर विचार : सुभाष चंद्र बोस ने स्वामी विवेकानंद को आधुनिक राष्ट्रवादी आंदोलन का आध्यात्मिक जनक माना है। उनका मानना था कि स्वामी विवेकानंद ने भारतीय समाज और राष्ट्र के आध्यात्मिक उत्थान के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया है।
राष्ट्रीय युवा नीति (NYP) 2014 और 2024 :
NYP 2014 :
- यह नीति भारत के युवाओं को अपनी पूरी क्षमता हासिल करने और देश के विकास में सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए प्रेरित करती है।
- इसे भारत में युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया था।
NYP 2024 :
- भारत सरकार ने NYP 2014 की समीक्षा कर इसे अद्यतन किया है और नया प्रारूप NYP 2024 जारी किया है।
- यह वर्तमान नीति सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप है और युवाओं के समग्र विकास के लिए एक दस वर्षीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।
- यह मुख्यतः पाँच प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमे शिक्षा, रोज़गार, युवा नेतृत्व, स्वास्थ्य एवं सामाजिक न्याय, तथा सामाजिक समावेशन के प्रति प्रतिबद्धता शामिल है।
राष्ट्रीय युवा नीति का मुख्य उद्देश्य और उससे संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु :
- वर्ष 2030 तक युवा विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्पष्ट योजना तैयार करना।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साथ करियर और जीवन कौशल में सुधार करना।
- नेतृत्व और स्वयंसेवा के अवसर बढ़ाना, और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना।
- स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, और खेल तथा फिटनेस को बढ़ावा देना।
- हाशिये पर पड़े युवाओं के लिए सुरक्षा, न्याय और सहायता सुनिश्चित करना।
निष्कर्ष :
- विकसित भारत युवा नेता संवाद और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएँ युवाओं को सशक्त बनाने, नैतिक नेतृत्व, और समग्र विकास की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। राष्ट्रीय युवा नीति 2024 जैसी योजनाएँ इन पहलुओं के साथ मेल खाती हैं और उनका उद्देश्य युवाओं को शिक्षा, आत्मनिर्भरता, और तर्कसंगतता से सक्षम बनाना है। इसके माध्यम से, भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करते हुए, भारत के एक स्थायी और समृद्ध भविष्य की दिशा में कार्य किया जा सकता है।
स्त्रोत – पीआईबी एवं इंडियन एक्सप्रेस।
Download Plutus IAS Current Affairs (Hindi) 15th Jan 2025
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. राष्ट्रीय युवा दिवस और ‘ विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 ‘ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
- ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद’ का आयोजन भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
- ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025’ का आयोजन स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित होकर किया गया था।
- ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025’ में केवल 30 वर्ष और उससे अधिक आयु के युवाओं ने भाग लिया।
उपर्युक्त कथनों में से कितने कथन सही है ?
A. केवल एक
B. केवल दो
C. केवल तीन
D. उपरोक्त सभी।
उत्तर – C
व्याख्या :
- राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
- ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद’ का आयोजन भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
- ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025′ का आयोजन स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित होकर किया गया था।
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. स्वामी विवेकानंद के विचारों और योगदान को ध्यान में रखते हुए, ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025’ और राष्ट्रीय युवा नीति 2024 के अंतर्गत देश में युवाओं के समग्र विकास, नैतिक नेतृत्व और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका पर चर्चा करें। ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
No Comments