11 Jan विश्व हिन्दी दिवस 2025
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 2 के अंतर्गत ‘ भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था , भारतीय संविधान की अष्टम अनुसूची , संसदीय समिति , राजभाषा आयोग ’ खण्ड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ विश्व हिन्दी दिवस 2025 , गृह मंत्रालय , भारत का विदेश मंत्रालय , राष्ट्रपति , राजभाषा के रूप में हिन्दी , संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में हिन्दी की स्थिति , हिन्दी की उपभाषाएँ ’ खण्ड से संबंधित है।)
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में 10 जनवरी 2025 को ‘विश्व हिन्दी दिवस – 2025’ मनाया गया।
- यह दिन हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य हिन्दी भाषा को विश्वभर में फैलाना और इसे एक प्रमुख भाषा के रूप में प्रोत्साहित करना है।
- हिन्दी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि यह एक ऐसी भावना और एक ऐसी संपर्क भाषा है जो लाखों लोगों को एक साथ जोड़ती है।
- अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, हिन्दी ने विभिन्न भाषाओं से शब्द लेकर खुद को और भी समृद्ध और सरल बना लिया है।
- हिन्दी आज मीडिया ( जनसंचार ) और साहित्य के सृजन के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण भाषा बन चुकी है।
विश्व हिन्दी दिवस का वैश्विक उत्सव का आयोजनकर्ता :
- भारत का विदेश मंत्रालय (MEA) यह सुनिश्चित करता है कि विश्व हिन्दी दिवस को दुनियाभर में मनाया जाए।
- इसके तहत भारत का विदेश मंत्रालय विभिन्न देशों में भारतीय दूतावास और सांस्कृतिक केंद्र विविध कार्यक्रमों जैसे सांस्कृतिक आयोजनों, भाषा कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और चर्चाओं का आयोजन करता है।
- इन आयोजनों का मुख्य उद्देश्य हिन्दी की वैश्विक महत्ता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके योगदान को प्रदर्शित करना है।
विश्व हिन्दी दिवस 2025 का मुख्य विषय :
- विश्व हिन्दी दिवस 2025 का मुख्य विषय है – “वैश्विक एकता और सांस्कृतिक गौरव की आवाज़ हिन्दी।”
- यह विषय हिन्दी को वैश्विक एकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनाने पर जोर देता है।
हिन्दी का आधिकारिक भाषा बनने का इतिहास :
- भारत अपनी भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के साथ संविधान के निर्माण के समय एक ऐसी भाषा की तलाश में था, जो पूरे देश का प्रतिनिधित्व कर सके।
- महात्मा गांधी और अन्य राष्ट्रवादी नेताओं ने संविधान सभा की बैठक में हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का समर्थन किया था।
- 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया।
- हालांकि, संविधान ने कोई एक राष्ट्रीय भाषा स्वीकार नहीं की, लेकिन हिन्दी सहित 21 अन्य भाषाओं को आधिकारिक दर्जा प्राप्त हुआ।
- सन 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहले विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन किया, जो भारत, मॉरीशस, यूके, त्रिनिदाद और टोबैगो, अमेरिका आदि देशों में आयोजित किया गया।
- पहला सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में हुआ था, जिसमें 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- इसके बाद, 10 जनवरी 2006 को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने घोषणा की कि हर साल 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाएगा।
- तब से, भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेशों में भी इस दिन को मनाना शुरू किया और हर साल 10 जनवरी को भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा ‘ विश्व हिन्दी दिवस ’ को मनाने के माध्यम से हिन्दी का प्रचार और प्रसार वैश्विक स्तर पर किया जाता है।
विश्व हिन्दी दिवस 2025 का महत्व :
विश्व हिन्दी दिवस 2025 कई कारणों से विशेष महत्व रखता है। इस दिन के माध्यम से हिन्दी भाषा की सांस्कृतिक विरासत और उसकी वैश्विक पहचान को बढ़ावा मिलता है। इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- हिन्दी की विरासत का संरक्षण : विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों और चर्चाओं के आयोजन से हिन्दी को भावी पीढ़ियों तक संरक्षित किया जाता है।
- भाषाई विविधता को बढ़ावा देना : हिन्दी के साथ-साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग बढ़ता है, जिससे भाषाई विविधता को प्रोत्साहन मिलता है।
- वैश्विक संचार को बढ़ाना : हिन्दी, भारतीय प्रवासियों और अन्य देशों जैसे नेपाल, मॉरीशस, अफ्रीका, और मध्य पूर्व में संचार का प्रमुख माध्यम बनती है।
- अंतर-सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना : हिन्दी साहित्य, संगीत, फिल्म और कला को बढ़ावा देने से अंतर-सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाया जाता है।
- हिन्दी सीखने को प्रोत्साहित करना : इसके तहत आज वैश्विक स्तर पर हिन्दी सीखने में लोगों की रुचि बढ़ी है, और विश्व हिन्दी दिवस के माध्यम से गैर-देशी भाषियों को हिन्दी सीखने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- सांस्कृतिक और संचार माध्यम के रूप में हिन्दी की भूमिका : भूमंडलीकरण के परिणामस्वरूप जैसे-जैसे विश्व एक दूसरे से जुड़ रहा है, हिन्दी की भूमिका सांस्कृतिक और संचार माध्यम के रूप में और अधिक महत्वपूर्ण हो रही है, जिससे विश्व हिन्दी दिवस 2025 अत्यधिक आवश्यक हो गया है।
- हिन्दी का सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व : हिन्दी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि यह लाखों भारतीयों की सांस्कृतिक और भावनात्मक पहचान है। इसमें संस्कृत, उर्दू और अंग्रेजी जैसे भाषाओं से शब्दों को अपनाने की अद्वितीय क्षमता है, जिससे यह एक जीवंत और प्रगतिशील भाषा बन चुकी है।
हिन्दी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य :
- भाषायी जड़ें : हिन्दी इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार से संबंधित है और संस्कृत की वंशज है अर्थात यह संस्कृत से विकसित हुई है।
- वैश्विक पहुंच की स्थिति : विश्व की लगभग 4.46% जनसंख्या हिन्दी बोलती है, जो इसे चीनी, स्पेनिश और अंग्रेजी के बाद चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बनाती है।
- संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त होने की स्थिति : हिन्दी को अभी तक संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त नहीं है, लेकिन भारत इसके लिए वर्ष 2015 से लगातार प्रयास कर रहा है।
- लेखन प्रणाली : हिन्दी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
- हिन्दी की उपभाषाएँ : हिन्दी की उपभाषाओं के अंतर्गत लगभग 16 उपभाषाएँ जैसे अवधी, भोजपुरी, बुंदेली और खड़ीबोली शामिल हैं।
विश्व हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है?
- विश्व हिन्दी दिवस का उद्देश्य हिन्दी भाषा के सांस्कृतिक और वैश्विक महत्व को मान्यता देना और इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है।
विश्व हिन्दी दिवस का मुख्य उद्देश्य :
- हिन्दी वक्ताओं के योगदान को प्रदर्शित करना है।
- हिन्दी के प्रचार – प्रसार में आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है।
- अंतरराष्ट्रीय भाषायी आदान-प्रदान में हिन्दी भाषा के समावेशन को बढ़ावा देना है।
- हिन्दी को एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है।
हिन्दी की वैश्विक स्थिति :
- हिन्दी आज विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है।
- यह भारत की राजभाषा होने के साथ-साथ लगभग 43 देशों में बोली जाती है और पूरी दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा है।
- हिन्दी भाषा ने हिन्दी साहित्य, बॉलीवुड के फिल्मों और भारतीय प्रवासियों के कारण, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।
निष्कर्ष :
- विश्व हिन्दी दिवस केवल हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, धरोहर और पहचान को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
- यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारी भाषा केवल संवाद का एक साधन नहीं, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों, विचारों और भावनाओं का संवाहक भी है।
- हिन्दी ने सदियों से भारतीय समाज को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है और अब यह पूरे विश्व में अपनी पहचान बना रही है।
- विश्व हिन्दी दिवस के माध्यम से हम अपनी भाषा की महत्ता को समझने और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी महसूस करते हैं।
- यह दिन हमें यह भी प्रेरित करता है कि हम अपनी भाषा को न केवल घरों तक सीमित रखें, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करें, ताकि हिन्दी का सांस्कृतिक और वैश्विक महत्व निरंतर बढ़ता रहे।
- विश्व हिन्दी दिवस का आयोजन न केवल हिन्दी भाषियों के लिए गर्व का अवसर है, बल्कि उन सभी के लिए भी है जो हिन्दी को अपनी भाषा मानते हैं और उसे सीखने व समझने में रुचि रखते हैं।
- हिन्दी का प्रचार और प्रसार हमें अपने सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के साथ-साथ एकजुटता और विविधता के सम्मान की ओर भी प्रेरित करता है।
- इसलिए, विश्व हिन्दी दिवस 2025 और इसके बाद के हर आयोजन का महत्व अत्यधिक है, क्योंकि यह हमें आपस में एकजुट करता है और हमें अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़ने का एक सशक्त माध्यम प्रदान करता है।
स्त्रोत – भारत के गृह मंत्रालय की अधिकारिक वेबसाईट,पीआईबी एवं इंडियन एक्सप्रेस।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. हिन्दी भाषा के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- हिन्दी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
- हिन्दी केवल भारत में बोली जाती है।
- हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है।
- हिन्दी की लगभग 16 उपभाषाएँ हैं।
निम्नलिखित में से कौन सा तथ्य / कथन सही है?
A. केवल 1 और 3
B. केवल 1 और 4
C. इनमें से कोई नहीं।
D. उपरोक्त सभी।
उत्तर – B.
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. विश्व हिन्दी दिवस के महत्व, उद्देश्य, हिन्दी भाषा की वैश्विक स्थिति और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए यह चर्चा करें कि हिन्दी ने अन्य भाषाओं से शब्द लेकर कैसे खुद को समृद्ध किया है और वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख भाषा बनने में इसका क्या योगदान है? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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