सीमाओं की सुरक्षा और शिखरों की निगरानी : सीमाई और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए अरुणाचल की नई बटालियन

सीमाओं की सुरक्षा और शिखरों की निगरानी : सीमाई और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए अरुणाचल की नई बटालियन

पाठ्यक्रम – सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 3 – आंतरिक सुरक्षा – चोटियों / सीमाओं पर पुलिस व्यवस्था : सीमा और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए अरुणाचल की नई बटालियन का गठन

प्रारंभिक परीक्षा के लिए : 

अरुणाचल प्रदेश के लिए आंतरिक सुरक्षा क्यों महत्वपूर्ण है? इसे और मज़बूत बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

मुख्य परीक्षा के लिए : 

सीमावर्ती क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था सुधारने में अरुणाचल सशस्त्र पुलिस बटालियन (AAPBN) की क्या भूमिका है?

 

ख़बरों में क्यों ?

 

 

  • हाल ही में अरुणाचल प्रदेश सरकार ने एक नई अरुणाचल सशस्त्र पुलिस बटालियन (AAPBN) के गठन को मंज़ूरी दी है। 
  • इस बटालियन का उद्देश्य राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) पर निर्भरता को कम करना है। 
  • यह एक इंडिया रिज़र्व बटालियन होगी, जिसे आवश्यकतानुसार गृह मंत्रालय पूरे भारत में तैनात कर सकता है। इस निर्णय से राज्य की पुलिसिंग क्षमता में वृद्धि होगी, सुरक्षा खतरों पर तेज़ प्रतिक्रिया संभव हो पाएगी और दूरदराज़ व संवेदनशील क्षेत्रों में सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। 
  • इसके साथ ही अरुणाचल सशस्त्र पुलिस बटालियन (AAPBN) स्थानीय युवाओं के लिए सुरक्षा क्षेत्र में रोज़गार के अवसर भी पैदा करेगी।

 

आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता क्यों है?

 

  1. बाहरी खतरों के प्रति संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय सीमाएँ : अरुणाचल प्रदेश की चीन, म्यांमार और भूटान से लगभग 1600 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है, जिससे यह राज्य अवैध घुसपैठ, तस्करी और बाहरी खतरों के प्रति संवेदनशील है।
  2. चीनी क्षेत्रीय दावे : चीन बार-बार अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को “दक्षिण तिब्बत” बताकर दावा करता है, जिससे इस क्षेत्र की रणनीतिक संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
  3. विद्रोही गतिविधियों का प्रभाव : नागालैंड, असम और म्यांमार जैसे पड़ोसी क्षेत्रों से उग्रवादी समूह अरुणाचल में शरण लेने या रास्ता बनाने के लिए प्रवेश करते हैं।
  4. स्थानीय पुलिस व्यवस्था की कमजोरी : दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित आधारभूत ढांचे के कारण दूरस्थ क्षेत्रों में पुलिस की उपस्थिति प्रभावी नहीं है।
  5. सीमावर्ती गांवों में सुरक्षा की कमी : सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त और सुरक्षा तंत्र कमजोर है, जिससे ये इलाके बाहरी प्रभाव और प्रवासन के लिए संवेदनशील हो जाते हैं।
  6. जातीय संघर्ष और असंतोष : कई जनजातियाँ स्वायत्तता की मांग करती रही हैं, जो समय के साथ सुरक्षा संकट में बदल सकती हैं।
  7. त्वरित प्रतिक्रिया बल की आवश्यकता : स्थानीय स्तर की सशस्त्र पुलिस बल, दूर स्थित CAPFs की तुलना में तेज़ प्रतिक्रिया दे सकती है।
  8. विकास परियोजनाओं को सुरक्षा देना : सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास और संपर्क परियोजनाओं के सुचारु संचालन के लिए आंतरिक सुरक्षा का मजबूत होना आवश्यक है।

 

अरुणाचल सशस्त्र पुलिस बटालियन (AAPBN) की मुख्य भूमिका : 

 

  1. भीड़ नियंत्रण और दंगा प्रबंधन : यह बटालियन विरोध-प्रदर्शनों, त्योहारों और सामुदायिक तनावों के दौरान व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेगी।
  2. विद्रोह विरोधी अभियान : इसे जंगलों और ऊँचाई वाले क्षेत्रों में उग्रवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
  3. सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त : यह बटालियन ऐसे संवेदनशील और विवादास्पद क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान करेगी जहाँ नागरिक पुलिस की उपस्थिति कम है।
  4. आपदा राहत और बचाव कार्य : भूस्खलन, बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं के समय यह बटालियन लॉजिस्टिक और सुरक्षा सहयोग प्रदान कर सकेगी।
  5. विशेष सुरक्षा दायित्व : यह वीवीआईपी, प्रमुख प्रतिष्ठानों और महत्वपूर्ण परियोजनाओं (जैसे हाईवे और जलविद्युत) की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
  6. नागरिक प्रशासन को सहायता : कानून व्यवस्था में विफलता या आपात स्थिति में यह जिला पुलिस और प्रशासन को मदद प्रदान करेगी
  7. CAPFs पर निर्भरता में कमी : इस बटालियन के ज़रिए अरुणाचल आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा सकेगा।
  8. सार्वजनिक विश्वास में वृद्धि : प्रशिक्षित बलों की दृश्य उपस्थिति आम जनता में सुरक्षा के प्रति विश्वास बढ़ाएगी।

 

इंडिया रिज़र्व बटालियन (IRB) मॉडल की मुख्य विशेषताएँ : 

 

  1. यह बटालियन केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित होती है और राज्य सरकारें इसे स्थापित करती हैं।
  2. इन्हें आवश्यकता अनुसार राज्य के भीतर और भारत के किसी भी भाग में तैनात किया जा सकता है।
  3. इन बटालियनों को BSF और CRPF जैसे CAPFs के समकक्ष प्रशिक्षण दिया जाता है।
  4. केंद्र सरकार इनकी बुनियादी ढांचे, हथियारों और वेतन के लिए प्रारंभिक वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  5. राष्ट्रीय संकट के समय अन्य राज्यों की IR बटालियनों को जम्मू-कश्मीर, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और दंगा प्रभावित स्थानों पर तैनात किया गया है।
  6. इनका ढांचा तेज़ गति से संचालन और तैनाती की अनुमति देता है।
  7. यह राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करने वाला पूरक बल है।

 

सार्वजनिक सुरक्षा और प्रशासनिक प्रभाव : 

 

  1. AAPBN की स्थापना से दूरस्थ क्षेत्रों में पुलिसिंग करना अत्यंत आसान होगा।
  2. यह बटालियन त्वरित प्रतिक्रिया बल के रूप में कार्य करेगी और आपात परिस्थितियों से निपटेगी।
  3. यह चुनावों, त्योहारों और सुरक्षा अभियानों के दौरान लॉजिस्टिक और मानव संसाधन सहयोग प्रदान करेगी।
  4. सीमाई इलाकों में AAPBN की उपस्थिति से तस्करी, मानव तस्करी और नशीली दवाओं के व्यापार पर रोक लगेगी।
  5. शहरी क्षेत्रों में कानून व्यवस्था में सुधार होगा और पारंपरिक पुलिस पर दबाव कम होगा।
  6. यह बटालियन स्थानीय खुफिया तंत्र को मज़बूत बनाएगी और समुदाय से संवाद को बढ़ावा देगी।
  7. AAPBN की उपस्थिति पर्यटकों के लिए सुरक्षा का भरोसा बढ़ाएगी, जिससे राज्य में साहसिक और पारिस्थितिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  8. इससे खासकर आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्रों में अपराधों की तेज़ जांच और समाधान संभव होगा 

रोजगार और स्थानीय युवाओं का सशक्तिकरण : 

 

  1. AAPBN में स्थानीय जनजातियों से युवाओं की भर्ती को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे समावेशिता सुनिश्चित होगी।
  2. सुरक्षा क्षेत्र में रोज़गार से स्थायी आय और कौशल विकास संभव होगा।
  3. प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं में अनुशासन, संप्रेषण कौशल और आधुनिक पुलिसिंग कौशल विकसित करेंगे।
  4. युवाओं की पुलिस सेवा में भागीदारी से विद्रोह की ओर झुकाव कम होगा।
  5. रोज़गार प्राप्त युवा अपने परिवारों की सहायता कर सकेंगे, जिससे ग्रामीण विकास में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  6. सफल युवा अधिकारी अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे।
  7. महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती से लैंगिक समावेशिता में सुधार होगा।
  8. सरकारी सेवा से पेंशन, आवास और शिक्षा जैसी सुविधाएँ मिलेंगी, जिससे दीर्घकालिक कल्याण सुनिश्चित होगा।

 

भारत के लिए अरुणाचल प्रदेश की रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्व :

 

  1. चीन के साथ भू-राजनीतिक तनाव और पीएलए की घुसपैठ से यह क्षेत्र सुरक्षा दृष्टि से महत्वपूर्ण बन गया है।
  2. तवांग क्षेत्र की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए AAPBN की उपस्थिति निगरानी को बेहतर बनाएगी।
  3. भारत की “फॉरवर्ड पॉलिसी” के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय सुरक्षा को मज़बूत करना आवश्यक है।
  4. यह बटालियन चीनी दुष्प्रचार और प्रभाव को सीमित करने में सहायक होगी।
  5. फ्रंटियर हाईवे और सीमा विकास परियोजनाओं जैसी रणनीतिक परियोजनाओं को सुरक्षा मिलेगी।
  6. प्रशिक्षित राज्य पुलिस सेना के साथ समन्वय में मार्ग-साफ़ करने जैसे कार्यों में सहायता करेगी।
  7. उत्तर–पूर्व की सुरक्षा “एक्ट ईस्ट नीति” के तहत दक्षिण-पूर्व एशिया से संपर्क के लिए आवश्यक है।
  8. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत विकसित हो रहे **आदर्श गांवों में कानून व्यवस्था बनाए रखने में AAPBN सहयोग करेगा।

 

कार्यान्वयन की प्रमुख चुनौतियाँ : 

 

  1. बटालियन की स्थापना और संचालन में उच्च वित्तीय व्यय की आवश्यकता होगी।
  2. कठिन भूगोल और सड़क नेटवर्क की कमी लॉजिस्टिक्स को प्रभावित कर सकती है।
  3. प्रशिक्षकों की कमी विशेषकर ऊँचाई वाले क्षेत्रों, जंगल युद्ध और तकनीक आधारित पुलिसिंग के लिए चुनौती है।
  4. दूरस्थ क्षेत्रों के युवा राज्य के बाहर अवसर तलाश सकते हैं, जिससे बल की स्थिरता पर असर होगा।
  5. विभिन्न एजेंसियों में समन्वय की आवश्यकता होगी – जैसे सिविल पुलिस, AAPBN, सेना और CAPFs।
  6. अत्यधिक सैन्यीकरण से नागरिकों में अविश्वास या मानवाधिकार उल्लंघन की आशंका हो सकती है।
  7. सांस्कृतिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर कार्रवाई करनी होगी।
  8. राजनीतिक इच्छाशक्ति और निरंतर समर्थन बटालियन की दीर्घकालिक सफलता के लिए आवश्यक है।

 

आगे की राह : 

 

  1. तकनीक का समावेश : ड्रोन, बॉडीकैम, GPS आधारित गश्त और AI निगरानी से प्रभावशीलता बढ़ाई जा सकती है।
  2. विशेष प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना : उत्तर–पूर्व में विशेष पुलिस प्रशिक्षण अकादमी की आवश्यकता है।
  3. सामुदायिक पुलिसिंग : जनजातीय बुज़ुर्गों, स्थानीय नेताओं और शांति समितियों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
  4. महिला भागीदारी को बढ़ावा : अधिक महिलाओं की भर्ती से समावेशिता और विश्वास बढ़ेगा।
  5. राज्य–केंद्र आपसी समन्वय : नियमित संयुक्त अभ्यास और सूचना साझा करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
  6. प्रदर्शन की नियमित समीक्षा : स्वतंत्र ऑडिट और जन प्रतिक्रिया से बटालियन की कार्यक्षमता का मूल्यांकन किया जाए।
  7. स्मार्ट पुलिसिंग से एकीकरण : CCTNS जैसे प्लेटफॉर्म से जोड़कर आधुनिक प्रणाली अपनाई जाए।
  8. विकेन्द्रीकृत सुरक्षा रणनीति : स्थानीय इकाइयों को सशक्त बनाकर खुफिया आधारित पुलिसिंग को प्राथमिकता दी जाए।

 

निष्कर्ष : 

 

  • अरुणाचल सशस्त्र पुलिस बटालियन (AAPBN) का गठन आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने, केंद्रीय बलों पर निर्भरता घटाने और सीमावर्ती खतरों का समाधान करने की दिशा में एक रणनीतिक पहल है। 
  • यह बटालियन न केवल स्थानीय पुलिसिंग को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि युवाओं को सशक्त करेगा और भारत के रणनीतिक हितों को संरक्षित करेगा। 
  • यदि अरुणाचल सशस्त्र पुलिस बटालियन (AAPBN) का क्रियान्वयन, प्रशिक्षण और सामुदायिक सहभागिता सही तरीके से सुनिश्चित की जाए, तो यह बटालियन उत्तर–पूर्व भारत में जवाबदेह, विकेन्द्रीकृत और प्रभावी सुरक्षा तंत्र का मजबूत स्तंभ बन सकती है।

 

स्त्रोत – पी. आई. बी एवं द हिन्दू।

 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :


Q.1. भारत रिज़र्व बटालियनों (IRBs) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :

  1. इन्हें राज्य सरकारों द्वारा गृह मंत्रालय की वित्तीय सहायता से गठित किया जाता है।
  2. इन्हें केवल उसी राज्य में तैनात किया जा सकता है जिसने इन्हें गठित किया हो।
  3. ये केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs) का हिस्सा होती हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा कथन सही उत्तर है?
A. केवल 1
B. केवल 1 और 2
C. केवल 1 और 3
D. केवल 2 और 3

उत्तर – A

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

 

Q.1. भारत रिज़र्व बटालियनों की राज्य स्तरीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में भूमिका का विश्लेषण कीजिए। ये बल आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) की भूमिका को कैसे पूरक बनाते हैं? (250 शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )

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