संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन का वैश्विक व्यापार अपडेट 2024

संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन का वैश्विक व्यापार अपडेट 2024

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के अंतर्गत सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 2 के ‘ भारतीय शासन व्यवस्था के तहत अंतर्राष्ट्रीय संबंध और अंतर्राष्ट्रीय संगठन, UNCTAD और  सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 3 के ‘ भारतीय अर्थव्यवस्था, वृद्धि एवं विकास और संसाधनों का संग्रहण ’  खंड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ सकल घरेलू उत्पाद, व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन, इलेक्ट्रिक कार, उत्पादन – आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI), विकास और रोज़गार से संबंधित मुद्दे ’  खंड से संबंधित है।  इसमें PLUTUS IAS टीम के सुझाव भी शामिल हैंयह लेख दैनिक कर्रेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘ संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन का वैश्विक व्यापार अपडेट 2024’ से संबंधित है।)

 

ख़बरों में क्यों?

 

  • संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) ने हाल ही में अपना वैश्विक व्यापार अपडेट 2024 जारी किया है जिसमें यह बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर व्यापार में कई तिमाहियों की गिरावट के बाद भी  वर्ष 2024 में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पुनः वृद्धि की ओर अग्रसर है। 
  • इस अपडेट में वैश्विक आर्थिक विकास की दर 2.6% बताई गई है, जो मंदी के दौर की सामान्य दर 2.5% से थोड़ी अधिक है।
  • इसके अलावा, UNCTAD ने अपनी 60वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में खुद को “ संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास ” के रूप में पुनः ब्रांड किया है। 
  • इस नए ब्रांड के साथ, संगठन ने अपने नए नाम और लोगो को संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाओं में सभी आधिकारिक चैनलों पर अपनाने की घोषणा की है। 
  • यह परिवर्तन विकासशील देशों के पक्ष में अपनी आवाज को और अधिक प्रभावी बनाने और उनके हितों को वैश्विक आर्थिक निर्णयों में केंद्रीय बनाने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

वर्ष 2023 के संदर्भ में वैश्विक व्यापार की समीक्षा :

 

  • वर्ष 2023 में वैश्विक व्यापार की स्थिति : पिछले वर्ष की तुलना में, 2023 में वैश्विक व्यापार में 3% की कमी आई, जिससे यह 31 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पर आ गया। इस मंदी के पीछे मुख्य कारण विकसित देशों में घटती मांग और पूर्वी एशिया तथा लैटिन अमेरिका में अस्थिरता थी।
  • वस्तु और सेवा व्यापार का विश्लेषण : वस्तुओं के व्यापार में 5% की गिरावट देखी गई, जबकि सेवाओं के व्यापार में 8% की वृद्धि हुई, जिसमें पर्यटन और यात्रा संबंधित सेवाओं में 40% की बढ़ोतरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • विकासशील देशों की चुनौतियाँ : विकासशील देशों में आयात और निर्यात दोनों में क्रमशः 5% और 7% की कमी आई, जबकि विकसित देशों में आयात में 4% और निर्यात में 3% की गिरावट दर्ज की गई। अफ्रीका ने अंतर-क्षेत्रीय व्यापार में वृद्धि दर्ज की, जो एक सकारात्मक अपवाद था।
  • पर्यावरण अनुकूल व्यापार में वृद्धि : पर्यावरणीय अनुकूल उत्पादों, विशेषकर इलेक्ट्रिक कारों के व्यापार में 2% की वृद्धि हुई, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के व्यापार में 60% की बढ़ोतरी देखी गई।
  • वर्ष 2023 के अंत में व्यापार के क्षेत्र में स्थिरता के संकेत : वर्ष 2023 की अंतिम तिमाही में विकासशील क्षेत्रों में स्थिरता के संकेत दिखाई दिए गए हैं। वैश्विक स्तर पर व्यापार में अधिकांश क्षेत्रों में सुधार हुआ है , हालांकि परिधान उद्योग से संबंधित व्यापार में 13% की गिरावट जारी रही थी।

 

वर्ष 2024 के लिए वैश्विक व्यापार के संबंध में संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) का पूर्वानुमान :

 

 

 

  • संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) का वर्ष 2024 के लिए वैश्विक व्यापार पूर्वानुमान एक सकारात्मक और आशावादी रुख अपनाता है, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 3% की वृद्धि की संभावना जताई गई है।
  • वैश्विक व्यापर के संदर्भ में भू-राजनीतिक तनाव और क्षेत्रीय संघर्ष अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए लाल सागर, काला सागर, और पनामा नहर में नौवहन मार्गों में उत्पन्न नई बाधाएँ आर्थिक विकास के लिए जोखिम पैदा करती हैं, जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के तहत सामानों की लागत में वृद्धि और समय पर आपूर्ति शृंखला में व्यवधान का खतरा बना रहता है।
  • भू-राजनीतिक तनाव और क्षेत्रीय संघर्ष ऊर्जा और कृषि बाजारों में अनिश्चितता बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, ऊर्जा संक्रमण के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों की बढ़ती मांग कीमतों पर असर डाल सकती है और इन वस्तुओं के बाजार में अस्थिरता ला सकती है।
  • व्यापार और राजनीति के संदर्भ में, पिछले दो वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की भौगोलिक निकटता स्थिर रही है, जिससे निकट-तटीय या अपतटीय व्यापार की प्रवृत्ति कम देखी गई है। हालांकि, 2022 के उत्तरार्ध से व्यापार की राजनीतिक निकटता में वृद्धि हुई है, जिसका अर्थ है कि समान भू-राजनीतिक स्थितियों वाले देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार अधिक सुगम हो गया है। इसके साथ ही, प्रमुख व्यापार संबंधों के पक्ष में वैश्विक व्यापार का समर्थन बढ़ा है, यद्यपि यह प्रवृत्ति 2023 की अंतिम तिमाही में कम हो गई है।

 

व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) का परिचय :

 

 

  • संयुक्त राष्ट्र का एक स्थायी अंतरसरकारी निकाय होने के नाते, UNCTAD की स्थापना 1964 में हुई थी। 
  • इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है। 
  • इसका मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, निवेश, वित्त, और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से, विशेषकर विकासशील देशों में, सतत् विकास को बढ़ावा देना है।

व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) का कार्य क्षेत्र : 

UNCTAD के कार्य क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य शामिल हैं – 

  1. व्यापार एवं विकास को बढावा देना : वैश्विक व्यापार को समर्थन देना और विकासशील देशों के बीच व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ावा देना इसके कार्यक्षेत्र में शामिल है।
  2. निवेश एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करना : इसका एक प्रमुख कार्य वैश्विक स्तर पर व्यापारिक क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करना और उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
  3. तकनीक एवं नवाचारों को प्रोत्साहित करना :  इसका एक महत्वपूर्ण कार्य वैश्विक स्तर पर  नवीन प्रौद्योगिकी का विकास और उसका हस्तांतरण करना भी है ।
  4. समष्टि अर्थशास्त्र और विकास नीतियों का निर्माण और कार्यान्वयन करना : विकासशील देशों के लिए समष्टि आर्थिक नीतियों का निर्माण और उसके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में  UNCTAD  की महत्वपूर्ण भूमिका है।

इस प्रकार, UNCTAD विकासशील देशों के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है, जो उन्हें वैश्विक अर्थव्यवस्था में समान रूप से भाग लेने में सक्षम बनाती है।

 

व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) का भारत से संबंधित रिपोर्ट की मुख्य बातें क्या हैं?

 

भारत के संदर्भ में मुख्य अवलोकन : 

  • भारत ने चीन से अपनी आर्थिक निर्भरता कम करने के लिए Quality Control Orders (QCOs) और Production-Linked Incentive (PLI) योजनाओं को अपनाया। फिर भी, भारत का चीन से व्यापारिक आयात में वृद्धि देखी गई है। 
  • हाल में चल रहे रूस-यूक्रेन के बीच का युद्ध संघर्ष के परिणामस्वरूप, वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों के बीच व्यापारिक संबंधों का पुनर्निर्धारण हुआ है , जिसमें चीन पर रूस की निर्भरता 7.1% बढ़ी है, जबकि यूरोपीय संघ पर उसकी निर्भरता 5.3% घटी है। 
  • इसका मुख्य कारण रूसी तेल का यूरोपीय संघ से चीन और भारत की ओर स्थानांतरण करना था।

 

वैश्विक स्तर पर व्यापारिक संबंधों के तहत भारत सरकार का रुख : 

  • भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, वैश्विक स्तर पर भारत की अन्य देशों के साथ बढ़ती व्यापारिक निर्भरता प्रतिकूल और जटिल प्रतीत हो सकती है, परंतु इस संदर्भ में गहन और विस्तृत विश्लेषण करने से से सकारात्मक व्यापारिक गतिशीलता का पता चलता है।
  • वर्ष 2023 में यूरोपीय संघ से भारत के आयात में 9.7% की वृद्धि हुई थी , जिसमें पूंजीगत वस्तुओं और मध्यवर्ती वस्तुओं तथा कच्चे माल का योगदान सबसे महत्वपूर्ण रहा है। 
  • भारत का स्मार्टफोन निर्यात 2023 में 98.42% बढ़कर 14.27 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2022 में 7.19 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। 
  • इस प्रकार, 2023 में यूरोपीय संघ और चीन के साथ भारत के व्यापार संबंधों में सुधार हुआ है।

 

समाधान / आगे की राह :  

 

 

  1. वैश्विक व्यापार अपडेट 2024 के लिए संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) की रिपोर्ट ने 2023 में वैश्विक व्यापार में आई 3% की गिरावट के बावजूद, 2024 में सुधार की संभावना व्यक्त की है। 2023 में व्यापार का मूल्य 31 ट्रिलियन डॉलर था, जो कि 2022 के 32 ट्रिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर से 1 ट्रिलियन डॉलर कम है। 
  2. इस गिरावट के पीछे भू-राजनीतिक तनाव एवं अनिश्चितताएं और क्षेत्रीय संघर्ष की चुनौतियां प्रमुख कारण है। 
  3. वैश्विक व्यापर के संदर्भ में इन अस्थिरता के बावजूद भी वर्ष 2024 में वैश्विक व्यापार में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं – 
  4. मुद्रास्फीति में नरमी : मुद्रास्फीति की दरें स्थिर होने से व्यापार को प्रोत्साहन मिलता है, क्योंकि यह अनिश्चितता और लागत में उतार-चढ़ाव को कम करता है।
  5. आर्थिक विकास के बेहतर पूर्वानुमान व्यापार को बढ़ावा देना  : दुनिया भर में आर्थिक विकास के अनुकूल पूर्वानुमान व्यापार को बढ़ावा देते हैं।
  6. पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों की बढ़ती माँग : वैश्विक स्तर पर व्यापार में स्थिरता और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों की बढ़ती माँग से व्यापार में वृद्धि होती है।
  7. नौवहन मार्गों में व्यवधान, राजनीतिक संघर्ष, और आवश्यक खनिजों की ससमय आपूर्ति में कमी होना : वर्ष 2024 में वैश्विक स्तर पर व्यापार के सामने आने वाली चुनौतियां भी हैं, जैसे कि नौवहन मार्गों में व्यवधान, राजनीतिक संघर्ष, और आवश्यक खनिजों की आपूर्ति में कमी होना भी है। 
  8. इन चुनौतियों के बावजूद भी, संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) का अनुमान है कि 2024 में वैश्विक व्यापार के क्षेत्र में आवश्यक सुधार होगा।

स्रोत –  इंडियन एक्सप्रेस एवं पीआईबी।

 

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन का वैश्विक व्यापार अपडेट के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. वैश्विक व्यापार अपडेट विश्व बैंक के मुद्रा कोष के द्वारा जारी किया जाता है। 
  2. UNCTAD का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है। 
  3. इसका मुख्य उद्देश्य विकासशील देशों में, सतत् विकास को बढ़ावा देना है।
  4. UNCTAD ने अपनी 60वीं वर्षगाँठ पर अपना नाम संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास के रूप में नामित किया है।

उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ? 

A. केवल 1 और 3 

B. केवल 2 और 4 

C. केवल 1, 2 और 3 

D. केवल 2, 3 और 4 

उत्तर – D

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन का वैश्विक व्यापार अपडेट 2024 के प्रमुख निष्कर्षों को रेखांकित करते हुए यह चर्चा कीजिए कि UNCTAD का भारत के संदर्भ में मुख्य अवलोकन क्या है और उसका समाधान कैसे किया जा सकता है? तर्कसंगत मत प्रस्तुत कीजिए। ( UPSC CSE – 2022 शब्द सीमा – 250 अंक – 15)  

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