भारत में श्रीनगर को ‘ विश्व शिल्प शहर ’ का मान्यता मिलना

भारत में श्रीनगर को ‘ विश्व शिल्प शहर ’ का मान्यता मिलना

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 1 के अंतर्गत ‘ भारतीय इतिहास , कला एवं संस्कृति , भारतीय विरासत,  मूर्तिकला, शिल्प कला ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ लोक कला, शिल्प कला, विश्व शिल्प परिषद, विश्व शिल्प शहर, यूनेस्को क्रिएटिव सिटी नेटवर्क ’ खंड से संबंधित है। इसमें PLUTUS IAS टीम के सुझाव भी शामिल हैंयह लेख दैनिक कर्रेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘ भारत में श्रीनगर को विश्व शिल्प शहर का मान्यता मिलना ’  से संबंधित है।)

 

खबरों में क्यों ? 

 

 

  • श्रीनगर को हाल ही में विश्व शिल्प परिषद (World Craft Council- WCC) द्वारा ‘ विश्व शिल्प शहर ’ (World Craft City- WCC)’ के रूप में मान्यता प्राप्त हुआ है। 
  • यह चौथा भारतीय शहर है जिसको यह मान्यता मिला है। 
  • भारत के तीन शहरों को इससे पहले ही विश्व शिल्प शहरों के रूप में मान्यता मिल चुकी है। 
  • वर्ष 2021 में श्रीनगर को यूनेस्को क्रिएटिव सिटी नेटवर्क (UNESCO Creative City Network- UCCN) के एक हिस्से के रूप में एक रचनात्मक शहर के रूप में नामित किया गया था। 
  • यहाँ कागज की लुगदी, अखरोट की लकड़ी पर नक्काशी, कालीन, सोज़नी कढ़ाई, पश्मीना और कानी शॉल जैसे शिल्प उत्पाद बनाए जाते हैं।

 

विश्व शिल्प शहर (World Craft City- WCC) कार्यक्रम क्या है ? 

 

  • विश्व शिल्प शहर (World Craft City) कार्यक्रम विश्व भर में शिल्प के क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। 
  • इस कार्यक्रम के तहत, विभिन्न शहरों को ‘विश्व शिल्प शहर’ के रूप में मान्यता दी जाती है, जो शिल्पकारों, स्थानीय अधिकारियों और समुदायों के योगदान को महत्वपूर्ण मानते हैं।
  • WCC-इंटरनेशनल की स्थापना वर्ष 1964 में हुई थी।
  • भारत की श्रीमती कमलादेवी चट्टोपाध्याय, जो WCC-इंटरनेशनल की संस्थापक सदस्यों में से एक थीं, प्रथम WCC आम सभा में शामिल हुई थीं। 
  • उन्होंने भारत की शिल्प विरासत को संरक्षित करने और बढ़ाने के लिए भारतीय शिल्प परिषद की स्थापना की थी।
  • विश्व के किसी भी शहर को इस प्रकार की मान्यता मिलने से शिल्पकारों की कठिन मेहनत और उसकी असाधारण प्रतिभा को प्रोत्साहित किया जाता है, जो शिल्प और हस्तकला क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देते हैं। 
  • यह कार्यक्रम शिल्पकारों के लिए नए बाजार और उनके द्वारा बनाए गए शिल्प उत्पादों के लिए नए अवसर को खोलने में मदद करता है और उन्हें उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का लाभ मिलता है। 
  • इसके साथ ही, यह पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा देता है और यह सांस्कृतिक और शिल्प विरासत के क्षेत्र में  रुचि रखने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

 

श्रीनगर शहर को शिल्प और लोक कला के क्षेत्र में एक रचनात्मक शहर के रूप में नामित करने का महत्व: 

 

  • श्रीनगर शहर को शिल्प और लोक कला के क्षेत्र में एक रचनात्मक शहर के रूप में नामित किया गया है। 
  • राजस्थान के शहर जयपुर के बाद श्रीनगर शहर इस श्रेणी में भारत का दूसरा शहर बन गया है। 
  • यह नामांकन न केवल श्रीनगर को वैश्विक पहचान दिलाएगा बल्कि अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग, शिल्प विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग और उत्पाद प्रोत्साहन में भी मदद करेगा।
  • इसके अलावा, जम्मू और कश्मीर की राजधानी, श्रीनगर, अब विश्व के 295 ‘रचनात्मक शहरों के नेटवर्क’ का हिस्सा बन गई है। 
  • यूनेस्को हर वर्ष विश्व के विभिन्न शहरों को अपनी ‘यूसीसीएन’ परियोजना (UCCN Project) में शामिल करने के लिए आवेदन मांगता है। 
  • भारत से यह आवेदन संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से भेजे जाते हैं।

 

यूनेस्को का रचनात्मक शहरों का नेटवर्क (UCCN) :

 

  • यूनेस्को का रचनात्मक शहरों का नेटवर्क (UCCN) वर्ष 2004 में प्रारंभ किया गया था। 
  • इसका मुख्य उद्देश्य वे शहर हैं जो अपने शहरी विकास में रचनात्मकता को महत्वपूर्ण कारक के रूप में पहचानते हैं। 
  • यह नेटवर्क सतत् विकास लक्ष्य-11 (Sustainable Development Goal-11) के तहत आता है, जो सतत् शहरों और समुदायों से संबंधित है।
  • इस नेटवर्क के तहत सात रचनात्मक क्षेत्र शिल्प एवं लोक कला, मीडिया कला, फिल्म, डिज़ाइन, गैस्ट्रोनॉमी, साहित्य और संगीत शामिल हैं।

 

UCCN में शामिल भारतीय शहरों की सूची निम्नलिखित है – 

 

 

  1. श्रीनगर : शिल्प और लोक कला (2021)
  2. मुंबई : फिल्म (2019)
  3. हैदराबाद : गैस्ट्रोनॉमी (2019)
  4. चेन्नई : संगीत का रचनात्मक शहर (2017)
  5. जयपुर : शिल्प और लोक कला (2015)
  6. वाराणसी : संगीत का रचनात्मक शहर (2015)

ये शहर अपनी विशेष रचनात्मक परंपराओं, कला, और सांस्कृतिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

 

यूनेस्को (UNESCO) का परिचय एवं कार्य : 

 

 

  • यूनेस्को (UNESCO) एक विशेष प्रकार एजेंसी है जो संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के तहत कार्य करती है। 
  • यह शिक्षा, विज्ञान, और संस्कृति के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति स्थापित करने का प्रयास करती है। 
  • यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में स्थित है।

यूनेस्को की प्रमुख पहलें निम्नलिखित हैं – 

  1. मैन एंड बायोस्फीयर प्रोग्राम : यह प्रोग्राम प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए काम करता है।
  2. विश्व धरोहर कार्यक्रम : यह कार्यक्रम ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और प्राकृतिक स्थलों की संरक्षा के लिए जिम्मेदार है।
  3. ग्लोबल जिओ पार्क नेटवर्क : यह नेटवर्क प्राकृतिक जीवन के संरक्षण और शिक्षा के लिए विशेष स्थलों को शामिल करता है।
  4. रचनात्मक शहरों का नेटवर्क : यह नेटवर्क शहरी स्थलों की सांस्कृतिक और रचनात्मक विरासत को सुरक्षित रखने के लिए काम करता है।
  5. एटलस ऑफ द वर्ल्ड्स लैंग्वेजेज़ इन डेंजर : यह एटलस भाषाओं की खतरे में पड़ी हुई जानकारी को दर्शाता है।

 

यूनेस्को द्वारा जारी होने वाली प्रमुख रिपोर्ट : 

 

 

  • यूनेस्को द्वारा जारी की जाने वाली प्रमुख रिपोर्ट्स विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान को बढ़ाने, विकास करने और बांटने के लिए महत्वपूर्ण हैं। 
  • ये रिपोर्टें विश्व के सभी हिस्सों के बीच ज्ञान को बढ़ाने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। कुछ रिपोर्टें सामान्य जनता को सूचित करने के उद्देश्य से जारी की जाती हैं, जबकि कई रिपोर्टें विशेषज्ञों को यूनेस्को के क्षेत्रों की विशेषज्ञ ज्ञान से परिचय करवाती हैं। 
  • ये विविध प्रकार की प्रकाशन और सह-संपादन, 70 से अधिक भाषाओं में अनुवादित कर, विश्व में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य को पूरा करती हैं।
  • यूनेस्को की प्रमुख विश्व रिपोर्टें विभिन्न विषयों पर होती हैं, जैसे शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति, संचार और सूचना। ये रिपोर्टें विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी प्रदान करती हैं।
  • यूनेस्को की विज्ञान रिपोर्ट : यूनेस्को की विज्ञान रिपोर्ट नियमित रूप से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार शासन (STI) के खाका को तैयार करती है। 
  • यूनेस्को ने भारत में विकलांग बच्चों की शिक्षा स्थिति के बारे में एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि भारत में समावेशी शिक्षा को लागू करना जटिल कार्य है और विभिन्न संदर्भों में बच्चों और उनके परिवारों की विविध आवश्यकताओं की एक अच्छी समझ विकसित करने की आवश्यकता है। 
  • वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट : वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट भी विश्वभर में शिक्षा के क्षेत्र में विकास की स्थिति को जांचने के लिए जारी की जाती है। यह रिपोर्ट विभिन्न शैक्षिक मुद्दों पर जानकारी प्रदान करती है और शिक्षा के विकास के लिए सुझाव देती है।
  • स्टेट ऑफ द एजुकेशन रिपोर्ट इन इंडिया : यह भारत में शिक्षा की स्थिति को विस्तृत रूप से जांचने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकता है।

 

स्रोत –  इंडियन एक्सप्रेस

 

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q. 1. निम्नलिखित सूची को सुमेलित कीजिए ।

       शहर                                 UCNN का रचनात्मक क्षेत्र 

  1. श्रीनगर       :                      शिल्प और लोक कला (2021)
  2. मुंबई           :                      फिल्म (2019)
  3. चेन्नई            :                     संगीत का रचनात्मक शहर (2017)
  4. जयपुर          :                     शिल्प और लोक कला (2015)

उपरोक्त शहरों से किस का रचनात्मक क्षेत्र सुमेलित है ? 

A. केवल 1, 2 और 3 

B. केवल 2, 3 और 4 

C. इनमे से कोई नहीं ।

D. उपरोक्त सभी।

उत्तर – D

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. विश्व शिल्प शहर कार्यक्रम से आप क्या समझते हैं? भारत में शिल्प के क्षेत्र में विद्यमान चुनौतियाँ क्या है और उसका समाधान किस प्रकार किया जा सकता है ? तर्कसंगत चर्चा कीजिए। ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 ) 

 

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