01 Aug राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की चौथी वर्षगाँठ
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ शिक्षा में सरकारी नीतियों एवं हस्तक्षेपों का महत्त्व और महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित मुद्दे ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020, मध्याह्न भोजन योजना, भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL), राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन, सतत विकास लक्ष्य 4 ’ खंड से संबंधित है। इसमें PLUTUS IAS टीम के सुझाव भी शामिल हैं। यह लेख ‘ दैनिक कर्रेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की चौथी वर्षगाँठ ’ से संबंधित है।)
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने “शिक्षा सप्ताह” नामक एक सप्ताह के विशेष अभियान के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की चौथी वर्षगाँठ मनाई।
- यह विशेष अभियान NEP 2020 की मुख्य उपलब्धियों और उसके मुख्य उद्देश्यों को बढ़ावा देने और उनका उत्सव मनाने के लिए आयोजित किया गया था।
शिक्षा सप्ताह के तहत शुरू की गई प्रमुख पहल :
विद्यांजलि कार्यक्रम :
- सन 2021 में शुरू की गई इस पहल का संचालन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाता है।
- विद्यांजलि एक ऑनलाइन पोर्टल प्रदान करता है जो समुदाय के सदस्यों और स्वयंसेवकों को सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों से जोड़ता है।
- यह पोर्टल पूर्व छात्रों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों और अन्य विशेषज्ञों को भारत के विभिन्न स्कूलों में सेवाओं, सामग्रियों, या विशेषज्ञता का योगदान देने की सुविधा देता है।
- इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप स्कूलों, स्वयंसेवकों और समुदाय के बीच समन्वय स्थापित करके भारत में शिक्षा के माहौल को बेहतर बनाना है।
तिथि भोजन :
- भारत के मौजूदा शिक्षा – व्यवस्था के इस पहल के तहत, समुदाय के लोग मिड डे मील योजना में योगदान करके बच्चों के जन्म, विवाह, जन्मदिन आदि जैसे महत्वपूर्ण अवसरों का उत्सव मनाते हैं।
- तिथि भोजन मिड डे मील योजना का विकल्प नहीं है, बल्कि इसे इसका पूरक माना जाता है।
- शिक्षा – व्यवस्था के इस पहल के अंतर्गत, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर पाक कला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिससे नवीनतम मेनू को बढ़ावा और प्रोत्साहन दिया जाता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 :
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए 21वीं सदी के लक्ष्यों और सतत् विकास लक्ष्य 4 (SDG4) को पूरा करने के लिए शिक्षा प्रणाली में सुधार करना है, ताकि भारत की उभरती विकास आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
- इस नीति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 का स्थान लिया है, जिसे 1992 में भी संशोधित किया गया था।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की मुख्य विशेषताएँ :
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित है –
सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करना :
- NEP 2020 प्री-स्कूल से लेकर माध्यमिक स्तर तक स्कूली शिक्षा के सार्वभौमिक अभिगम पर ध्यान केंद्रित करती है।
प्रारंभिक बाल शिक्षा पर विशेष ध्यान देना :
- भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत 10+2 संरचना को बदलकर 5+3+3+4 प्रणाली में स्थानांतरित किया जाएगा।
- इसमें 3-6 वर्ष के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के अंतर्गत लाया जाएगा और प्रारंभिक बाल्यकाल देखभाल और शिक्षा (Early Childhood Care and Education – ECCE) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बहुभाषावाद के तहत मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा पर ध्यान देना :
- भारत में कक्षा 5 तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा होगी, जिसमें संस्कृत और अन्य भाषाओं के विकल्प भी शामिल होंगे।
- भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) को मानकीकृत किया जाएगा।
समावेशी शिक्षा को विशेष प्रोत्साहन देना :
- सामाजिक एवं आर्थिक रूप से वंचित समूहों (SEDG) को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा।
- दिव्यांग बच्चों के लिए सहायता प्रदान की जाएगी और “बाल भवन” की स्थापना की जाएगी।
सकल नामांकन अनुपात (GER) में वृद्धि होना :
- वर्ष 2035 तक सकल नामांकन अनुपात को 26.3% से बढ़ाकर 50% करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 3.5 करोड़ नए नामांकन जोड़े जाएंगे।
अनुसंधान को बढ़ावा देना :
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अनुसंधान संस्कृति और क्षमता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन का निर्माण किया जाएगा।
भाषा को संरक्षण प्रदान करना :
- भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब अनुवाद और व्याख्या संस्थान (IITI) सहित भारतीय भाषाओं के लिए समर्थन और भाषा विभागों को मजबूत किया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना :
- भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और शीर्ष क्रम वाले विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में आगमन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- उदाहरण के लिए, वर्ष 2023 में UGC ने विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर स्थापित करने की अनुमति दी गई है।
शिक्षा में सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देना :
- भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा में सार्वजनिक निवेश को सकल घरेलू उत्पाद के 6% तक बढ़ाने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।
परख मूल्यांकन केंद्र की स्थापना करना :
- राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र के रूप में परख (समग्र विकास के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण) की स्थापना की जाएगी, जिससे शिक्षा में योग्यता को आधार बनाने और समग्र मूल्यांकन को सुनिश्चित किया जाएगा।
लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करना :
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 लिंग समावेशन निधि की शुरुआत करती है, जो शिक्षा में लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करती है और वंचित समूहों को सशक्त बनाने के प्रयासों का समर्थन करती है।
विशेष शिक्षा के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच की नीति अपनाना :
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 वंचित क्षेत्रों और समूहों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेष शिक्षा क्षेत्रों की कल्पना की गई है, जो सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच की नीति की प्रतिबद्धता को बढ़ावा देती है।
निपुण भारत मिशन :
- निपुण भारत मिशन, जिसे नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा शिक्षा मंत्रालय के तहत शुरू की गई है।
- इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों की बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल को विकसित करना है।
- यह योजना वर्ष 2026-27 तक प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में तीसरी कक्षा तक के छात्रों को पढ़ने, लिखने और अंकगणित सीखने की क्षमता प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।
निपुण भारत मिशन की उपलब्धियाँ :
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की एक प्रमुख सिफारिश थी कि बच्चों को कक्षा 3 तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल प्राप्त करना सुनिश्चित किया जाए। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए, केंद्र ने 2021 में “निपुण भारत मिशन” की शुरुआत की, जो बेहतर समझ और संख्यात्मक ज्ञान के साथ शिक्षा में प्रवीणता के लिए एक राष्ट्रीय पहल है।
- नामांकन में वृद्धि : सर्व शिक्षा अभियान के प्रभाव के कारण 6-14 वर्ष के बच्चों के नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2000 के दशक के प्रारंभ में ग्रामीण भारत में 90% से अधिक हो गई।
- शिक्षा प्राप्त माताओं की संख्या में वृद्धि : सन 2010 और 2022 के बीच, 4-8 वर्ष की आयु वाले बच्चों की माताओं में कक्षा 5 से आगे शिक्षा प्राप्त करने का प्रतिशत 35% से बढ़कर लगभग 60% हो गया है। इसी प्रकार, 10 वर्ष से अधिक स्कूली शिक्षा प्राप्त माताओं का अनुपात 10% से बढ़कर 20% से अधिक हो गया है।
- महिला श्रमबल भागीदारी में कमी : भारत में शिक्षा में वृद्धि के बावजूद, महिला श्रमबल भागीदारी मात्र 37% पर स्थिर है, और 15-29 वर्ष की युवा महिलाओं की भागीदारी दर और भी कम है।
- पारिवारिक और शिक्षित माताओं की भूमिका का महत्व : शिक्षित माताएँ अपने बच्चों की शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां युवा पुरुषों की कार्यबल में अधिक भागीदारी है।
- कोविड-19 का प्रभाव : महामारी ने अभिभावकों की शिक्षा में भागीदारी को बढ़ावा दिया है और एक नई मिसाल कायम की है। इन उपलब्धियों से यह स्पष्ट होता है कि निपुण भारत मिशन के अंतर्गत शिक्षा में सुधार और बुनियादी साक्षरता तथा संख्यात्मक कौशल के विकास पर ध्यान दिया गया है, और यह मिशन भविष्य में और भी सफल परिणाम देने की दिशा में अग्रसर है।
स्त्रोत – द हिन्दू एवं पीआईबी ।
Download plutus ias current affairs Hindi med 01st Aug 2024
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. निपुण भारत मिशन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसके तहत महिला श्रमबल भागीदारी में कमी आई है।
- सर्व शिक्षा अभियान के कारण 6-14 वर्ष के बच्चों के नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- इसके अंतर्गत बुनियादी साक्षरता तथा संख्यात्मक कौशल के विकास पर ध्यान दिया गया है।
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर का चुनाव कीजिए।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर – (d)
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से NEP 2020 में कौन-कौन से उपाय प्रस्तावित किए गए हैं? चर्चा कीजिए कि सामाजिक एवं आर्थिक रूप से वंचित समूहों (SEDG) को समर्थन देने के लिए यह योजना कैसे कार्यान्वित करती है? ( UPSC – 2020 शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
No Comments