09 Sep रणनीतिक तालमेल : 21वीं सदी में भारत- खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) संबंधों का विस्तार
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ अंतर्राष्ट्रीय संबंध , महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संगठन और भारत के हित्तों से संबंधित महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संधि और समझौते ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ 21वीं सदी में भारत- खाड़ी सहयोग परिषद , पश्चिमी हिंद महासागर में भू-रणनीतिक सहयोग, खाड़ी सहयोग परिषद, क्षेत्रीय संतुलन ’ खंड से संबंधित है।)
खबरों में क्यों?
- हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर 8 और 9 सितंबर 2024 को आयोजित होने वाले भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (India-Gulf Cooperation Council) की बैठक में भाग लेने के लिए सऊदी अरब पहुंचे।
- सऊदी अरब की राजधानी रियाद में प्रोटोकॉल मामलों के उप मंत्री अब्दुल मजीद अल स्मारी ने उनका स्वागत किया।
- एस. जयशंकर इस यात्रा के दौरान गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।
- हाल के वर्षों में GCC भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में उभरा है और इसके साथ – ही – साथ भारत के राजनीतिक, व्यापारिक और ऊर्जा सहयोग जैसे क्षेत्रों में अत्यंत गहरे संबंध हैं।
क्या है खाड़ी सहयोग परिषद ?
- खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council – GCC) एक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1981 में की गई थी।
- यह संगठन मुख्यतः उन देशों से संबंधित है जिनकी सीमाएँ फारस की खाड़ी से लगती हैं।
- वर्तमान समय में खाड़ी सहयोग परिषद में कुल 6 सदस्य देश शामिल हैं। जिसमें मुख्य रूप से सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, बहरीन और ओमान शामिल है।
- इसका मुख्यालय सऊदी अरब की राजधानी रियाद में स्थित है।
- हाल के वर्षों में, यमन, जॉर्डन, और मोरक्को को GCC में शामिल करने की मांग उठती रही है, लेकिन अभी तक ये देश खाड़ी सहयोग परिषद ( GCC ) के सदस्य नहीं बने हैं।
खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council – GCC) की स्थापना का मुख्य उद्देश्य :
खाड़ी सहयोग परिषद के चार्टर में इसे एक राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रीय संगठन के रूप में परिभाषित किया गया है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
- वित्तीय और आर्थिक समन्वय की स्थापना करना : सदस्य देशों के बीच वित्त, अर्थव्यवस्था, सीमा शुल्क, व्यापार, पर्यटन, प्रशासन और कानून में समान नियम और नीतियों की स्थापना करना।
- वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग : कृषि, खनन, उद्योग, पशुपालन और जल संसाधनों के क्षेत्रों में वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना।
- सदस्य देशों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना : सदस्य देशों के लिए एक एकीकृत सैन्य बल की स्थापना करना जिससे सदस्य देशों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
- वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्रों की स्थापना और उन्हें प्रोत्साहित करना : इसका एक प्रमुख उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्रों की स्थापना और उन्हें प्रोत्साहित करना है , ताकि इन सदस्य देशों के बीच ज्ञानिक अनुसंधान केंद्रों से प्राप्त ज्ञान का आपस में उपयोग किया जा सके।
- निजी क्षेत्र का सहयोग : GCC सदस्य देशों के बीच के संयुक्त उद्यमों के माध्यम से निजी क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना, ताकि अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में ये तेजी से गति कर सके।
- इन उद्देश्यों के माध्यम से, GCC सदस्य देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक एकता को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय स्थिरता को सुनिश्चित करने की कोशिश करता है।
खाड़ी सहयोग परिषद ( Gulf Cooperation Council) का संरचनात्मक स्वरूप :
खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) की संरचना तीन मुख्य भागों में विभाजित है। जो निम्नलिखित है –
- सुप्रीम काउंसिल : यह परिषद की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है, जिसमें सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होते हैं। यह साल में एक बार मिलती है और अपने निर्णय बहुमत से लेती है।
- मिनिस्टीरियल काउंसिल : इसमें सदस्य देशों के विदेश मंत्री शामिल होते हैं। यह काउंसिल हर तीन महीने में एक बार मिलती है और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करती है
- सेक्रेटेरिएट जनरल : यह इकाई बजट तैयार करने से लेकर विभिन्न रिपोर्टों को संकलित करने का कार्य करती है। इसके अलावा, यह सदस्य देशों के बीच लिए गए सभी निर्णयों को लागू करने में भी मदद करती है। इस प्रकार, GCC की संरचना और कार्यशैली इसे एक प्रभावी क्षेत्रीय संगठन बनाती है।
भारत के लिए खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) का महत्त्व :
- भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के सदस्य देशों के बीच राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा सहयोग और सांस्कृतिक क्षेत्र में अत्यंत गहरे संबंध हैं। खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के देशों में करीब 8.9 मिलियन भारतीय प्रवासी रहते हैं।
आर्थिक कारण :
- तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था : खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के देश दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं। इसके सदस्य देशों की कुल अर्थव्यवस्था 1.638 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है।
- ऊर्जा आपूर्ति : GCC देशों का भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान है। भारत के कुल क्रूड ऑयल का 34 प्रतिशत हिस्सा GCC देशों से आता है, जो भारत के ऊर्जा स्रोतों की विविधता और स्थिरता को सुनिश्चित करता है।
- व्यापारिक संबंध : वित्तीय वर्ष 2022-23 में खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के साथ भारत का व्यापार, कुल व्यापार का 15.8% था। 2020-21 में भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) सदस्य देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 87.35 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जो 2023-24 में 161.59 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
- निर्यात और आयात में आपसी हिस्सेदारी : भारत के कुल निर्यात में GCC देशों की हिस्सेदारी 11% से ज्यादा है, जबकि कुल आयात में यह हिस्सेदारी करीब 18% है।
सामरिक कारण :
- भौगोलिक स्थिति : ओमान पश्चिमी हिंद महासागर तक पहुंचने का मार्ग प्रदान करता है, जबकि ईरान (जो GCC का सदस्य नहीं है) अफगानिस्तान, मध्य एशिया और यूरोप तक पहुंचने का मार्ग उपलब्ध कराता है।
- क्षेत्रीय संतुलन और राजनीतिक समर्थन : GCC के सदस्य देश क्षेत्रीय संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का रुख भारत के सामरिक और राजनीतिक दृष्टिकोण के लिए महत्वपूर्ण है। भारत के जम्मू और कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर इस्लामिक देशों में विभाजन देखने को मिलता है। तुर्की और पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ रुख अपनाया है, जबकि UAE ने भारत के महत्वपूर्ण निर्णयों पर सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भारतीय निर्णय पर GCC देशों का दृष्टिकोण सकारात्मक रहा है, जो भारत के लिए सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सांस्कृतिक और सामाजिक महत्त्व :
- प्रवासी भारतीय समुदाय का निवास करना : खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के सदस्य देशों में लगभग 8.9 मिलियन प्रवासी भारतीय निवास करते हैं, जो भारत और GCC के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत करते हैं। ये प्रवासी भारतीय केवल आर्थिक योगदान ही नहीं करते बल्कि दोनों पक्षों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देते हैं।
- सांस्कृतिक सहयोग : भारत और GCC देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भारतीय संस्कृति, खाद्य पदार्थ और कला GCC देशों में बहुत लोकप्रिय हैं, जो भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के सदस्य देशों के बीच के आपसी समझ और सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं।
निष्कर्ष:
- भारत के लिए खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) का महत्त्व आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। GCC देशों के साथ भारत के मजबूत संबंध न केवल ऊर्जा सुरक्षा और व्यापारिक लाभ प्रदान करते हैं, बल्कि सामरिक और क्षेत्रीय संतुलन को भी बनाए रखने में सहायक होते हैं। इस प्रकार, GCC के साथ भारत के संबंधों को सुदृढ़ और स्थिर बनाए रखना दोनों पक्षों के लिए लाभकारी है। अतः GCC के साथ मजबूत और स्थिर संबंध भारत के लिए आर्थिक विकास, सामरिक सुरक्षा और सांस्कृतिक समृद्धि को सुनिश्चित करने में सहायक है।
स्त्रोत – पीआईबी एवं द हिन्दू।
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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. निम्नलिखित देशों में से कौन सा देश खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) का सदस्य देश नहीं हैं?
- ईरान
- कतर
- ओमान
- यमन
- इराक
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चुनाव करें:
A. केवल 1 और 2
B. केवल 2 और 4
C. केवल 1, 3 और 4
D. केवल 1, 4 और 5
उत्तर – D
व्याख्या :
- वर्ष 1981 में हस्ताक्षरित खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के चार्टर के अनुसार, खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) फारस की खाड़ी से घिरे देशो का एक क्षेत्रीय समूह है। जिसके सदस्य देश सऊदी अरब, ओमान, कतर, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन है और इसका मुख्यालय सऊदी अरब के रियाद में स्थित है। जबकि इराक, ईरान और यमन खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के सदस्य देश नहीं हैं।
- सऊदी अरब और ओमान एक पूर्ण राजतंत्र देश है, वहीं कुवैत, कतर और बहरीन संवैधानिक राजतंत्र एवं संयुक्त अरब अमीरात एक संघीय राजतंत्र है।
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. वर्तमान में भारत और खाड़ी देशों के बीच संबंध केवल तेल व्यापार तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि हाल के वर्षों में कई क्षेत्रों में इनका विस्तार हुआ है। चर्चा कीजिए कि किन मुद्दों के कारण इनके आपसी संबंधों को चुनौती मिल रही है, और इन मुद्दों से निपटने की तत्काल आवश्यकता क्यों है ताकि इनके संबंधों को सुचारू और स्वस्थ बनाया जा सके? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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