भारत – अमेरिका संबंधों में अवैध प्रवासियों का मुद्दा और उसके समाधान

भारत – अमेरिका संबंधों में अवैध प्रवासियों का मुद्दा और उसके समाधान

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ अंतर्राष्ट्रीय संबंध , भारत – अमेरिकी द्विपक्षीय संबंध , भारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव, द्विपक्षीय समूह और समझौते , अमेरिकी नीति में परिवर्तन और भारत पर इसका प्रभाव ’ खण्ड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ अमेरिका में अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या में वृद्धि , आंतरिक और बाहरी प्रवासन, वैश्विक प्रवास , अल्पसंख्यक समुदाय, भेदभाव , अवैध प्रवासन के मुख्य कारण और सरकारी नीतियों का प्रभाव ’ खण्ड से संबंधित है। )

 

खबरों में क्यों ? 

 

 

  • हाल ही में, 104 भारतीय नागरिकों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान, पंजाब के अमृतसर में उतरा।अमेरिकी सैन्य विमान में यात्रा के दौरान, कई निर्वासितों ने हथकड़ी लगाए जाने और शौचालयों तक सीमित पहुँच की शिकायत की है।
  • अमेरिका ने अवैध भारतीय अप्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। 
  • जनवरी 2025 के बाद, ट्रंप प्रशासन ने आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) की कार्रवाई को तेज कर दिया है। 
  • वर्ष 2024 के मध्य में, 1,60,000 व्यक्तियों को 495 उड़ानों के माध्यम से विभिन्न देशों में निर्वासित किया गया, जिसमें अवैध भारतीय अप्रवासी भी शामिल है।
  • इस प्रक्रिया ने वैश्विक स्तर पर चर्चाएं उत्पन्न की हैं, खासकर भारतीय नागरिकों के निर्वासन पर, जिनमें से अधिकांश गुजरात और पंजाब जैसे उच्च प्रवासन वाले राज्य से हैं। 
  • यह घटना अमेरिकी आव्रजन नीति में हुए कठोर बदलाव को दर्शाती है, जो भारत-अमेरिका रिश्तों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार पर भी असर डाल सकती है।
  • अवैध प्रवासन और निर्वासन के कारणों को समझना, कानूनी उपायों और नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाता है, ताकि सीमा सुरक्षा और मानवाधिकार के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके।

 

प्रवासन : परिभाषा और प्रकार : 

 

 

प्रवासन का अर्थ है – “ लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक या पर्यावरणीय कारणों से स्थानांतरित होना। ”  इसे मुख्य रूप से दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • वैध प्रवासन : इसमें वे लोग शामिल होते हैं जो वीजा, कार्य परमिट या स्थायी निवास जैसी कानूनी अनुमतियों के तहत देश में प्रवेश करते हैं।
  • अवैध प्रवासन : इसमें वे लोग आते हैं जो बिना अनुमति के किसी देश में प्रवेश करते हैं या वीजा की वैधता समाप्त होने के बाद भी वहां रहते हैं। भारत के नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत, अवैध प्रवासी वह व्यक्ति है जो बिना वैध दस्तावेजों के या निर्धारित समय से अधिक समय तक भारत में रहता है।
  • अमेरिका में अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या का आंकलन : अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) के अनुसार, 20-24 नवंबर तक 20,407 भारतीय नागरिक या तो हिरासत में थे या निष्कासन आदेशों का सामना कर रहे थे। इनमें से 17,940 को निष्कासन आदेश मिल चुका था, जबकि 2,467 लोग अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) की हिरासत में थे। पिछले वर्ष करीब 1,100 भारतीय नागरिकों को विशेष चार्टर उड़ानों से अमेरिका से निर्वासित किया गया।
  • सैन एंटोनियो, टेक्सास से अमेरिकी सैन्य सी-17 विमान द्वारा हालिया निर्वासन उड़ान में भारतीय नागरिकों को भारत भेजा गया। निर्वासन की लागत काफी अधिक है, जैसे ग्वाटेमाला के लिए एक सैन्य उड़ान की लागत प्रति प्रवासी $4,675 तक होता है।

 

भारत से अवैध प्रवास के प्रमुख कारण : 

 

 

  1. आर्थिक संकट और बेरोजगारी : भारत में बेरोजगारी और कम वेतन के कारण, लोग बेहतर जीवन के लिए अवैध प्रवास का विकल्प चुनते हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका में कम वेतन वाली नौकरी भी भारत में अच्छे वेतन से बेहतर होती है।
  2. कृषि संकट और ग्रामीण प्रवास में बढ़ते कर्ज का होना : भारत का अधिकांश कार्यबल कृषि पर निर्भर है, लेकिन कृषि आय में स्थिरता नहीं है। पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में कृषि संकट और बढ़ते कर्ज के कारण लोग जमीन बेचकर अवैध प्रवास का रास्ता अपनाते हैं।
  3. वेतन असमानता और रोजगार के बेहतर अवसर का होना : भारत में औसत वेतन अमेरिकी वेतन के मुकाबले बहुत कम है, जिससे बेहतर वेतन और बेहतर जीवन की तलाश में लोग विदेशों का रुख करते हैं। वर्ष 2024 की विश्व बैंक रिपोर्ट के अनुसार, भारत से धन प्रेषण में वृद्धि इसका प्रत्यक्ष प्रमाण प्रस्तुत करता है।
  4. सामाजिक प्रतिष्ठा और सफलता के स्थिति का प्रतीक होना : भारत के पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में परिवारों के विदेश में बसे सदस्य को सफलता और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है, जिससे लोग अवैध मार्गों का चुनाव करते हैं।
  5. मानव तस्करी और फर्जी ट्रैवल एजेंट रैकेट का होना : मानव तस्करी और नकली वीजा रैकेट भी अवैध प्रवास को बढ़ावा देते हैं। दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2024 में एक बड़े नकली वीजा रैकेट का पर्दाफाश किया था।
  6. अमेरिका में नागरिकता प्राप्त करने के लिए कानूनी और नौकरशाही बाधाओं का होना : अमेरिकी वीजा प्राप्त करने के लिए लंबी प्रतीक्षा अवधि और ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए वीजा प्रतिबंधों के कारण कई भारतीय अवैध प्रवास की ओर अग्रसर होते हैं।
  7. राजनीतिक अस्थिरता और धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ना : भारत में कुछ अल्पसंख्यक समुदायों को सामाजिक भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, जिससे वे शरणार्थी के रूप में विदेशों में अवैध प्रवेश करते हैं।
  8. ‘डंकी रूट’ प्रवृत्ति का बढ़ता प्रचलन : अमेरिका में अवैध प्रवास के लिए ‘डंकी रूट’ का चलन बढ़ रहा है, जहां लोग मैक्सिको की सीमा से अमेरिका में प्रवेश करते हैं, विशेष रूप से पंजाब और गुजरात के युवा इसमें शामिल हैं।

 

समाधान / आगे की राह :

 

 

  1. पुराने उत्प्रवास अधिनियम, 1983 में आवश्यक बदलाव किए जाने की जरूरत : प्रवास की प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए पुराने उत्प्रवास अधिनियम, 1983 में आवश्यक बदलाव किए जाने चाहिए। यह संशोधन प्रवास की समुचित निगरानी सुनिश्चित करेगा और प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा करेगा। इसके अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों के प्रवासियों के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश, सुरक्षा उपाय और वीजा नीति के सुधार की आवश्यकता है।
  2. वीजा आवेदन की प्रक्रिया को सरल और बनाने की जरूरत : अवैध प्रवास को नियंत्रित करने के लिए, वीजा आवेदन की प्रक्रिया को सरल और शीघ्र बनाने की जरूरत है। विशेष रूप से, यू.एस. वीजा जैसी लंबी प्रतीक्षा अवधि (जो कि 600 से अधिक दिनों तक हो सकती है) को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाए, ताकि अवैध प्रवास के प्रयासों को रोका जा सके।
  3. मानव तस्करी और नकली एवं धोखाधड़ी एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता : मानव तस्करी और नकली प्रवास एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। इसके लिए, सभी प्रवास सलाहकारों को सरकार द्वारा पंजीकृत किया जाए और उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जाए। इसके अलावा, ऐसे एजेंटों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, जो प्रवासियों को धोखा देते हैं।
  4. वीजा आवेदकों की धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक सत्यापन प्रणाली का उपयोग करने की जरूरत : वीजा आवेदकों की धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए हवाई अड्डों पर AI-आधारित ट्रैकिंग सिस्टम और बायोमेट्रिक सत्यापन प्रणाली का इस्तेमाल किया जाए, जिससे संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान तुरंत की जा सके और सुरक्षा में सुधार हो।
  5. रोजगार सृजन और कौशल विकास कार्यक्रमों पर जोर देने की आवश्यकता : उच्च प्रवास वाले राज्यों जैसे पंजाब, गुजरात, हरियाणा, और आंध्र प्रदेश में रोजगार सृजन और कौशल विकास कार्यक्रमों पर जोर दिया जाए, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके और प्रवास पर निर्भरता कम हो सके।
  6. अवैध प्रवास के लिए उच्च ब्याज दरों पर वित्तीय लोन लेने से बचाव करने की जरूरत : अवैध प्रवास के लिए उच्च ब्याज दरों पर ऋण लेने से परिवारों को बचाने के लिए वित्तीय साक्षरता और जागरूकता अभियानों की शुरुआत की जानी चाहिए। साथ ही, उन परिवारों को इस बारे में जानकारी दी जाए, जो अवैध प्रवास के लिए ऋण लेने का सोच रहे हैं, ताकि वे इसके खतरों से अवगत हो सकें।
  7. पारगमन देशों के साथ सीमा सुरक्षा समझौतों को और मजबूत करने की जरूरत : मानव तस्करी को रोकने के लिए पारगमन देशों जैसे मैक्सिको, ग्वाटेमाला, और इक्वाडोर के साथ सीमा सुरक्षा समझौतों को और मजबूत किया जाए। इन देशों के साथ सहयोग बढ़ाने से तस्करी और अवैध प्रवास को नियंत्रित किया जा सकेगा।
  8. अवैध प्रवास के खतरों के बारे में जन जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत : अवैध प्रवास के खतरों और कानूनी प्रवास के रास्तों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं। इसके तहत, उच्च प्रवास जिलों में प्रवासियों को डंकी नेटवर्क के बारे में जागरूक किया जाए और कानूनी प्रवास विकल्पों पर जानकारी प्रदान की जाए।
  9. प्रवासियों के सहायता के लिए सरकारी हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल की स्थापना करने की जरूरत : प्रवासियों को वास्तविक समय में जरूरी जानकारी देने के लिए सरकारी हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल की स्थापना की जाए, जिससे वे कानूनी मार्गों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें और अपने प्रश्नों का समाधान पा सकें।
  10. सीमा सुरक्षा और हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच को सुदृढ़ बनाने की जरूरत : सीमा सुरक्षा और हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच को बढ़ाने के लिए AI-आधारित प्रोफाइलिंग तकनीकों का उपयोग किया जाए, जिससे उच्च जोखिम वाले यात्रियों की पहचान और जांच अधिक सटीक तरीके से की जा सके।
  11. खुफिया जानकारियों को आपस में साझा करने की जरूरत : अवैध प्रवास पर नियंत्रण पाने के लिए विभिन्न पारगमन देशों जैसे मैक्सिको, कनाडा, यूएई और तुर्की के साथ खुफिया जानकारी साझा की जाए, जिससे अवैध प्रवास के प्रयासों को प्रभावी ढंग से रोका जा सके।
  12. निर्वासित प्रवासियों के लिए सामाजिक पुनः एकीकरण के कार्यक्रमों की शुरुआत करने की जरूरत : निर्वासित प्रवासियों के लिए कौशल प्रशिक्षण, रोजगार सहायता और सामाजिक पुनः एकीकरण के कार्यक्रमों की शुरुआत की जाए, ताकि वे वैध तरीके से रोजगार प्राप्त कर सकें और पुनः अवैध प्रवास का प्रयास न करें।
  13. आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की जरूरत : निर्वासित प्रवासियों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाए, ताकि वे आर्थिक कठिनाइयों से उबर सकें और जीवन यापन की स्थितियों को सुधार सकें।

 

निष्कर्ष :

  • अवैध प्रवास एक जटिल और बहुआयामी समस्या है, जो आर्थिक संकट, व्यक्तिगत आकांक्षाओं और तस्करी नेटवर्क द्वारा प्रोत्साहित होती है। इस मुद्दे से निपटने के लिए भारत को मानव तस्करी और अवैध प्रवास की रोकथाम के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए, साथ ही कानूनी प्रवास मार्गों को प्रभावी और सुलभ बनाना चाहिए। भारत को रोजगार सृजन, कौशल विकास और कड़ी निगरानी के माध्यम से अवैध प्रवास को नियंत्रित करने के उपायों को लागू करना चाहिए, ताकि यह समस्या कम हो सके और प्रवासियों को सुरक्षित और वैध तरीके से अपने जीवन की दिशा तय करने का अवसर मिले।

 

स्त्रोत – द हिन्दू। 

Download Plutus IAS Current Affairs (Hindi) 12th Feb 2025

 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. अवैध प्रवासन के संदर्भ में ‘डंकी रूट’ प्रवृत्ति के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?

  1. यह प्रवृत्ति अमेरिका में अवैध प्रवास के लिए एक नया मार्ग है।
  2. यह प्रवृत्ति केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है।
  3. यह प्रवृत्ति विशेष रूप से मैक्सिको की सीमा से जुड़ी है।
  4. यह प्रवृत्ति केवल यूरोपीय देशों में प्रचलित है।

नीचे दिए गए कूट के माध्यम से सही विकल्प का चयन करें : 

A. केवल 1 और 4 

B. केवल 2 और 4 

C. केवल 1 और 3 

D. केवल 2 और 3 

उत्तर – C
व्याख्या : 

  1. यह प्रवृत्ति अमेरिका में अवैध प्रवास के लिए एक नया मार्ग है
  2. यह प्रवृत्ति विशेष रूप से मैक्सिको की सीमा से जुड़ी हैअतः विकल्प C सही उत्तर है। 

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

 

Q.1. अवैध भारतीय अप्रवासियों को निर्वासित करने के प्रमुख कारण क्या हैं, और इससे भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्तों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ सकता है? चर्चा कीजिए कि अवैध प्रवासन और निर्वासन की समस्या से निपटने के लिए भारत को नीति निर्माण, वीजा प्रक्रियाओं, रोजगार सृजन और मानव तस्करी के खिलाफ क्या कदम उठाने चाहिए ? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 ) 

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