जीएसटी परिषद : सहकारी संघवाद की धुरी

जीएसटी परिषद : सहकारी संघवाद की धुरी

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 के अंतर्गत ‘ भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास , जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय , जीएसटी परिषद , भारतीय संविधान की धारा 279A , भारत के 101वें संविधान संशोधन अधिनियम से संबंधित प्रावधान ’ खंड से संबंधित है।)

 

खबरों में क्यों ? 

 

  • हाल ही में 09 सितम्बर 2024 को केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में नई दिल्ली में 54वीं जीएसटी परिषद की बैठक आयोजित की गई। 
  • इस बैठक में विभिन्न केंद्रीय और राज्य अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी, गोवा और मेघालय के मुख्यमंत्री, और अन्य राज्यों के वित्त मंत्री शामिल थे।
  • नई दिल्ली में जीएसटी परिषद की इस 54वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका उद्देश्य जीएसटी प्रणाली को सरल और अधिक प्रभावी बनाना है।

 

54वीं जीएसटी परिषद की बैठक में की गई मुख्य सिफारिशें :

 

जीएसटी दरों में बदलाव :

  1. नमकीन और स्वादिष्ट खाद्य उत्पाद : नमकीन और स्वादिष्ट खाद्य उत्पादों पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 12% की जाएगी।
  2. कैंसर की दवाओं पर : कैंसर की दवाओं पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% की जाएगी।
  3. धातु स्क्रैप पर : अपंजीकृत व्यक्ति द्वारा पंजीकृत व्यक्ति को धातु स्क्रैप की आपूर्ति पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) लागू होगा। बी2बी आपूर्ति में 2% का टीडीएस लागू होगा।
  4. रेलवे के एयर कंडीशनिंग मशीनों पर : रेलवे के एयर कंडीशनिंग मशीनों पर जीएसटी दर 28% होगी।
  5. कार और मोटरसाइकिलों की सीटों पर : कार और मोटरसाइकिलों की सीटों पर जीएसटी की दर 18% से बढ़ाकर 28% की जाएगी।

 

सेवाओं पर जीएसटी :

 

  1. जीवन और स्वास्थ्य बीमा : जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर एक मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन किया जाएगा।
  2. हेलीकॉप्टर द्वारा यात्रियों का परिवहन : हेलीकॉप्टर द्वारा यात्रियों के परिवहन पर 5% जीएसटी लागू होगी, जबकि हेलीकॉप्टर चार्टर पर 18% जीएसटी लागू रहेगा।
  3. उड़ान प्रशिक्षण पाठ्यक्रम : डीजीसीए द्वारा अनुमोदित उड़ान प्रशिक्षण पाठ्यक्रम जीएसटी के शुल्क से मुक्त होंगे।
  4. अनुसंधान संस्थानों और विकास सेवाएं : सरकारी या अनुसंधान संस्थानों द्वारा अनुसंधान और विकास सेवाओं की आपूर्ति को छूट देने की सिफारिश की गई है।

 

व्यापार को सुविधाजनक बनाने के उपाय :

  1. सीजीएसटी अधिनियम की धारा 128A : वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत कर मांगों से संबंधित ब्याज या जुर्माना से छूट की प्रक्रिया की सिफारिश की गई है।
  2. सीजीएसटी नियम 2017 में संशोधन : सीजीएसटी नियम 2017 के नियम 89 और 96 में संशोधन और निर्यात पर आईजीएसटी रिफंड के संबंध में स्पष्टीकरण प्रदान किया जाएगा।

 

अन्य उपाय :

  1. बी2सी ई-इनवॉयसिंग : व्यवसाय दक्षता और ग्राहक पारदर्शिता में सुधार के लिए चयनित क्षेत्रों में बी2सी ई-इनवॉयसिंग के लिए पायलट कार्यक्रम ई-चालान शुरू करने की सिफारिश की गई है।
  2. चालान प्रबंधन प्रणाली और नए लेजर : चालान प्रबंधन प्रणाली (आईएमएस) की शुरुआत और नई लेजर के लिए करदाताओं को 31 अक्टूबर, 2024 तक शुरुआती बैलेंस घोषित करने का अवसर दिया जाएगा। इन सिफारिशों को लागू करने के लिए संबंधित परिपत्रों और अधिसूचनाओं के माध्यम से कानूनी रूप दिया जाएगा।

 

जीएसटी परिषद का संरचनात्मक स्वरुप और प्रमुख कार्य :

 

संरचनात्मक स्वरुप :

  • जीएसटी परिषद (GST Council) भारतीय संविधान की धारा 279A के तहत गठित की गई है। जीएसटी परिषद भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को संचालित और विनियमित करने वाली एक महत्वपूर्ण संस्था है। 
  • भारत में इसका गठन 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के तहत किया गया था। 
  • वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली भारत में कराधान सुधार का एक प्रमुख पहल है, जिसे 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। 
  • यह परिषद भारत सरकार और राज्य सरकारों के बीच वस्तु और सेवा कर ( Goods and Services Tax- GST) के मामलों पर विचार विमर्श करने और निर्णय लेने के लिए एक प्रमुख निकाय है। इसका संरचनात्मक स्वरुप निम्नलिखित है – 
  • अध्यक्ष : जीएसटी परिषद का अध्यक्ष भारत के वित्त मंत्री होते हैं।
  • सदस्य : परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं। केंद्रशासित प्रदेशों के लिए, उनके प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
  • विशेष प्रतिनिधि : परिषद में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व केंद्र के वित्त मंत्रालय के राजस्व सचिव द्वारा किया जाता है।
  • समिति : इस परिषद के अंतर्गत कुछ विशेष समितियाँ भी कार्य करती हैं जो जीएसटी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सलाह देती हैं और अपना सुझाव प्रस्तुत करती हैं।

 

जीएसटी परिषद का प्रमुख कार्य :

 

  1. जीएसटी की दरों को निर्धारित करना और दरों की संरचनाओं की सिफारिश करना : जीएसटी परिषद की प्रमुख जिम्मेदारी वास्तु और सेवाओं पर जीएसटी की दरों और संरचनाओं को निर्धारित करना है। यह विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरों की सिफारिश करती है ताकि पूरे भारत में एक समान कर व्यवस्था लागू हो सके।
  2. राजस्व आवंटन की समीक्षा करना : यह परिषद केंद्र और राज्य सरकारों के बीच जीएसटी राजस्व का वितरण और आवंटन सुनिश्चित करती है। यह सुनिश्चित करती है कि राज्यों को न्यायपूर्ण रूप से उनके कर का हिस्सा मिले।
  3. कानूनी और प्रशासनिक मुद्दों पर निर्णय लेना : जीएसटी परिषद जीएसटी कानून में आवश्यक संशोधनों और उससे अद्यतनों पर निर्णय करती है। यह जीएसटी कानून और नियमों के प्रवर्तन से संबंधित प्रशासनिक मुद्दों पर भी चर्चा करती है।
  4. कर से संबंधित विवादों का समाधान करना : यह परिषद जीएसटी से संबंधित विवादों के समाधान में सहायता करती है और यह सुनिश्चित करती है कि कर नीतियाँ पारदर्शी और निष्पक्ष हों।
  5. संविधान में संशोधन की सिफारिश करना : परिषद आवश्यकतानुसार संविधान के संशोधन के लिए सिफारिश कर सकती है ताकि जीएसटी के प्रवर्तन और कार्यान्वयन में सुधार किया जा सके।
  6. नियामक और कार्यान्वयन से संबंधित नियामक दिशा-निर्देश प्रदान करने के कार्य करना : परिषद जीएसटी के कार्यान्वयन से संबंधित नियामक दिशा-निर्देश प्रदान करती है और इससे जुड़े कार्यकारी मुद्दों पर निगरानी रखती है।

 

भारत में जीएसटी परिषद की बैठक से संबंधित आगे की राह : 

 

जीएसटी दरों में तर्कसंगतता और संभावित संशोधन की जरूरत :

  • वर्तमान परिदृश्य : हाल की बैठक में जीएसटी दरों में संशोधन की चर्चा की गई है, जिसमें आवश्यक वस्तुओं पर दरों में कमी और विलासिता की वस्तुओं पर दरों में वृद्धि की गई है।
  • आगे की राह : जीएसटी परिषद को दरों के संशोधन की प्रक्रिया को निरंतर निगरानी में रखना होगा और बाजार की स्थिति तथा उपभोक्ता मांग के आधार पर समय-समय पर समायोजन करना होगा। इससे कर प्रणाली को अधिक न्यायसंगत और प्रभावी बनाया जा सकेगा।

 

इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) प्रणाली में सुधार करना :

  • वर्तमान परिदृश्य : ITC के नियमों में बदलाव के माध्यम से केवल उन वस्तुओं और सेवाओं पर क्रेडिट मिलेगा जो व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती हैं।
  • आगे की राह : जीएसटी परिषद को ITC प्रणाली के कार्यान्वयन और निगरानी को सुनिश्चित करने के लिए सख्त मानक और प्रक्रियाएं विकसित करनी होंगी। यह कर चोरी को रोकने और प्रणाली की पारदर्शिता को बढ़ाने में सहायक होगा।

 

उन्नत और नई तकनीकों का उपयोग कर डिजिटल सुधार की ओर बढ़ना :

  • वर्तमान परिदृश्य : केंद्र सरकार द्वारा उन्नत एवं नई तकनीकों और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर अनुपालन को सरल बनाने की योजना है।
  • आगे की राह : जीएसटी परिषद को डिजिटल प्लेटफार्मों और तकनीकी सुधारों को तेज़ी से अपनाने और अपडेट रखने की आवश्यकता होगी। इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और संसाधनों का विकास और स्थिरता सुनिश्चित करना होगा।

 

राजस्व सृजन और कर से संबंधित विवादों का समाधान करना :

  • वर्तमान परिदृश्य : भारत में कर से संबंधित विवादों के त्वरित समाधान के लिए नई प्रक्रियाएं और तंत्र स्थापित करने की योजना बनाई गई है।
  • आगे की राह : जीएसटी परिषद को विवाद समाधान के लिए सुलभ और प्रभावी तंत्रों की स्थापना करनी होगी। इसके अलावा, यह आवश्यक है कि परिषद राजस्व सृजन के लिए नीतियों को समय पर संशोधित करे ताकि कर अनुपालन को बढ़ावा मिले और व्यापारिक वातावरण को सुलभ बनाया जा सके।

 

राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय स्थापित करना :

  • वर्तमान परिदृश्य : जीएसटी प्रणाली में केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय महत्वपूर्ण है।
  • आगे की राह : जीएसटी परिषद को राज्यों के साथ बेहतर संवाद और समन्वय स्थापित करने की दिशा में काम करना होगा। इससे राज्यों की वित्तीय स्थिति को सशक्त किया जा सकेगा और कर व्यवस्था में समानता और न्याय सुनिश्चित किया जा सकेगा।

 

निष्कर्ष : 

  • जीएसटी परिषद की आगामी दिशा और योजनाएं भारत की कराधान प्रणाली को सुधारने और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। भारत में केंद्र सरकार को कर की दरों में तर्कसंगतता, ITC प्रणाली में सुधार, तकनीकी और डिजिटल स्तर पर सुधार, कर से संबंधित केंद्र और राज्यों के बीच होने वाले विवादों का समाधान करते हुए केंद्र-राज्य समन्वय जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर, जीएसटी परिषद को एक समग्र और प्रभावी कर प्रणाली की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। इन सुधारों का सफल कार्यान्वयन भारत में न केवल कराधान की पारदर्शिता और न्यायसंगतता को बढ़ाएगा, बल्कि देश की आर्थिक स्थिरता और विकास में भी योगदान देगा।

 

स्त्रोत – पीआईबी एवं द हिन्दू।

 

प्रारंभिक परीक्षा से संबंधित अभ्यास प्रश्न : 

Q.1. भारत में जीएसटी परिषद के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. जीएसटी परिषद का अध्यक्ष भारत के वित्त मंत्री होते हैं।
  2. इस परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल होते हैं। 
  3. इसमें केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
  4. इसे भारतीय संविधान की धारा 279A के तहत गठित की गई है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा कथन सही है ? 

A. केवल 1 और 3 

B. केवल 2 और 4 

C. इनमें से कोई नहीं।

D. उपरोक्त सभी।

उत्तर – D

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. पिछले छह वर्षों में जीएसटी के कार्यान्वयन का मूल्यांकन करते हुए चर्चा कीजिए कि भारत में जीएसटी परिषद जीएसटी कार्यान्वयन को और अधिक सुचारू और परेशानी-मुक्त बनाने के लिए क्या उपाय कर रही है? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 ) 

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