07 Feb नवीन जल समाधान : जल जीवन मिशन के द्वारा 2028 तक स्थिर जल प्रबंधन
सामान्य अध्ययन- 2 सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप जल जीवन मिशन, इसका महत्त्व और अब तक का प्रदर्शन, जल जीवन मिशन, विश्व स्वास्थ्य संगठन, अतिसार, विकलांगता समायोजित जीवन वर्ष, स्वयं सहायता समूह, सतत् विकास लक्ष्य-6
खबरों में क्यों ?
हाल ही में भारत की संसद में प्रस्तुत किये गए केंद्रीय बजट 2025-26 में शेष (20%) ग्रामीण परिवारों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन (JJM) की अवधि को वर्ष 2028 तक बढ़ा दिया गया है।
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक अध्ययन के आधार पर जल जीवन मिशन के संभावित प्रभावों के बारे में बताया है जिसमें इसके सामजिक-आर्थिक लाभों की चर्चा की गई है।
जल जीवन मिशन (JJM):
जल जीवन मिशन: JJM को वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पेयजल उपलब्ध कराना है।
प्रगति: वर्ष 2019 में केवल 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण परिवारों के पास नल जल कनेक्शन उपलब्ध थे।
वर्ष 2024 तक, इसमें 15 करोड़ परिवार (ग्रामीण भारत का 80%) शामिल किये गए।
फोकस: मिशन के विस्तार में बुनियादी ढाँचे की गुणवत्ता में सुधार लाने और ग्रामीण पाइप जलापूर्ति प्रणालियों के संचालन और रखरखाव को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें सार्वजनिक भागीदारी पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा।
समझौता ज्ञापन (MOU): स्थिरता और नागरिक-केंद्रित जल सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिये राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ नए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये जाएंगे।
जल जीवन मिशन का प्रभाव :
समय की बचत : विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि JJM से प्रतिदिन 5.5 करोड़ घंटे की बचत होगी, जो मुख्य रूप से महिलाओं के लिये पानी इकट्ठा करने में खर्च होता है।
स्वास्थ्य लाभ : JJM से डायरिया रोगों से होने वाली लगभग 400,000 मौतों को रोका जा सकता है तथा 14 मिलियन विकलांगता-समायोजित जीवन वर्षों (Disability-Adjusted Life Years-DALYs) को बचाया जा सकता हैं।
शिशु मृत्यु दर में कमी : शोध से पता चलता है कि सुरक्षित जल से शिशु मृत्यु दर में 30% की कमी आ सकती है, जिससे प्रतिवर्ष 136,000 लोगों की जान बच सकती है।
जल जीवन मिशन : वर्ष 2019 में शुरू किया गया यह मिशन वर्ष 2024 तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की परिकल्पना करता है।
जल जीवन मिशन पेयजल हेतु एक जन आंदोलन बनना चाहता है, जिससे यह हर किसी की प्राथमिकता बन जाए।
यह जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
लक्ष्य : इस मिशन का लक्ष्य मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों एवं जल कनेक्शन, जल गुणवत्ता निगरानी और परीक्षण के साथ-साथ सतत् कृषि की कार्यक्षमता सुनिश्चित करना है।
यह संरक्षित जल के संयुक्त उपयोग को सुनिश्चित करता है। इसके साथ ही यह पेयजल स्रोत में वृद्धि, पेयजल आपूर्ति प्रणाली, ग्रे जल उपचार और पुन: उपयोग को भी सुनिश्चित करता है।
जल जीवन मिशन की विशेषताएँ :
जल जीवन मिशन स्थानीय स्तर पर जल की एकीकृत मांग और आपूर्ति पक्ष प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करता है।
वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और पुन: उपयोग के लिये घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन जैसे अनिवार्य तत्त्वों के रूप में स्रोत सतत् उपायों हेतु स्थानीय बुनियादी ढाँचे का निर्माण अन्य सरकारी कार्यक्रमों/योजनाओं के साथ अभिसरण में किया जाता है।
यह मिशन जल के लिये सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है तथा मिशन के प्रमुख घटकों के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल हैं।
जल जीवन मिशन का कार्यान्वयन :
जल समितियाँ ग्राम जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, क्रियान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव करती हैं।
इनमें 10-15 सदस्य होते हैं, जिनमें कम-से-कम 50% महिला सदस्य एवं स्वयं सहायता समूहों के अन्य सदस्य, मान्यता प्राप्त सामाजिक और स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता (आशा), आंँगनवाड़ी, शिक्षक आदि शामिल होते हैं।
समितियाँ सभी उपलब्ध ग्राम संसाधनों को मिलाकर एक बारगी ग्राम कार्ययोजना तैयार करती हैं। योजना को लागू करने से पहले इसे ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित किया जाता है।
वित्तपोषण : केंद्र और राज्यों के बीच वित्तपोषण स्वरूप हिमालयन तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिये 90:10, अन्य राज्यों के लिये 50:50 है, जबकि केंद्रशासित प्रदेशों के मामलों में शत-प्रतिशत योगदान केंद्र द्वारा किया जाता है।
जल जीवन मिशन की प्रगति :
अब तक 12.3 करोड़ (62%) ग्रामीण घरों में पाइप के पानी के कनेक्शन हैं, जो वर्ष 2019 के 3.2 करोड़ (16.6%) से अधिक है।
पाँच राज्यों अर्थात् गुजरात, तेलंगाना, गोवा, हरियाणा, और पंजाब एवं 3 केंद्रशासित प्रदेशों- अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, दमन दीव तथा दादरा नगर हवेली और पुद्दुचेरी में 100% नल के पानी के कनेक्शन हैं।
निकट भविष्य में हिमाचल प्रदेश 98.87% उसके बाद बिहार 96.30% नल के पानी का कनेक्शन करने हेतु तैयार हैं।
जल जीवन मिशन (शहरी) :
वित्तीय वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में सतत् विकास लक्ष्य-6 (SDG-6) के अनुसार, सभी शहरों में कार्यात्मक नल के माध्यम से घरों में जल की आपूर्ति के सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करने हेतु केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत जल जीवन मिशन (शहरी) योजना की घोषणा की गई है।
यह जल जीवन मिशन (ग्रामीण) का पूरक है जिसके तहत वर्ष 2024 तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) के माध्यम से सभी ग्रामीण घरों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की परिकल्पना की गई है।
जल जीवन मिशन (शहरी) का उद्देश्य :
नल और सीवर कनेक्शन तक पहुँच सुनिश्चित करना।
जल निकायों का पुनरुत्थान।
चक्रीय जल अर्थव्यवस्था की स्थापना।
स्त्रोत – द हिन्दू ।
No Comments