22 Nov खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था ’ खंड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025, नीति – निर्माण में सरकारी हस्तक्षेप, महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी चैंपियनशिप, सामाजिक न्याय , भारत में खेल अवसंरचना का निर्माण , उन्नयन एवं विकास ’ खंड से संबंधित है।)
खबरों में क्यों ?
- भारत के केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने हाल ही में 21 नवंबर 2024 को यह घोषणा की है कि बिहार अप्रैल 2025 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स और पैरा गेम्स की मेजबानी करेगा।
- यह आयोजन ग्रीष्मकालीन ओलंपिक मॉडल पर आधारित होगा, जिसमें एक ही राज्य में दोनों खेलों का आयोजन किया जाएगा।
- भारत में यह पहली बार होगा जब ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के मॉडल पर दोनों खेल एक ही राज्य में आयोजित होंगे।
- इससे पहले, बिहार ने राजगीर में महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी चैंपियनशिप की मेजबानी की थी, जिसमें भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चीन को हराया था।
- डॉ. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य खेलो इंडिया गेम्स को पूरे देश में फैलाना है और बिहार इसका महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा।
- बिहार में वर्त्तमान में 38 खेलो इंडिया केंद्र और एक राज्य उत्कृष्टता केंद्र मौजूद हैं, जो खिलाड़ियों को बेहतरीन प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करते हैं।
- डॉ. मांडविया ने यह भी कहा कि आगामी खेलों के बारे में अधिक जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स का परिचय :
- यह खेल प्रतियोगिता भारत में स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की बहु – विषयक खेल प्रतियोगिता है।
- इस खेल प्रतियोगिता को प्रत्येक वर्ष जनवरी या फरवरी में आयोजित किया जाता है जो भारत सरकार की खेलो इंडिया यूथ गेम्स पहल का एक हिस्सा हैं।
- इस खेल प्रतियोगिता का उद्देश्य खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और ज़मीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को पहचान दिलाना है।
- इससे पहले इस खेलो इंडिया यूथ गेम्स प्रतियोगिता के पिछले 5 संस्करणों का आयोजन दिल्ली, पुणे, गुवाहाटी, पंचकुला और भोपाल में किया गया था।
प्रारूप :
- भारत में इस खेल प्रतियोगिता को दो श्रेणियों में आयोजित किया जाता है।
- इस खेल प्रतियोगिता के पहली श्रेणी में 17 वर्ष से कम उम्र के स्कूली छात्र भाग लेते हैं। जबकि
- दूसरी श्रेणी में 21 वर्ष से कम उम्र के कॉलेज के छात्रों के बीच आयोजित किया जाता है।
- इस खेल प्रतियोगिता को एक टीम के चैंपियनशिप प्रारूप में आयोजित किया जाता है, जिसमें एथलीटों के व्यक्तिगत प्रदर्शनों को या उससे संबंधित टीमों द्वारा अर्जित पदकों को उनके संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश (UT) की समग्र पदक तालिका में योगदान के रूप में दर्ज किया जाता है।
- इस खेल प्रतियोगिता के आयोजन के समापन पर, सबसे अधिक स्वर्ण पदक हासिल करने वाले राज्य या केंद्रशासित प्रदेश को विजेता घोषित किया जाता है।
- भारत में इस खेल प्रतियोगिता में महाराष्ट्र और हरियाणा राज्य को छोड़कर भारत की किसी भी अन्य राज्य की टीम ने आज तक खेलो इंडिया यूथ गेम्स का खिताब नहीं जीता है।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स या राष्ट्रीय खेल विकास कार्यक्रम की पृष्ठभूमि :
- भारत की युवा जनसंख्या दुनिया में सबसे सक्रिय और ऊर्जा से भरपूर मानी जाती है।
- यहां लगभग 65% लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं, और 15-29 वर्ष के युवाओं का प्रतिशत 27.5% है। ऐसे में खेलों में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलें शुरू की गई हैं।
- भारत सरकार ने युवाओं के खेलों में योगदान को बढ़ाने और उसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पहले से चल रही योजनाओं जैसे कि राजीव गांधी खेल अभियान (आरजीकेए) , शहरी खेल अवसंरचना योजना (यूएसआईएस) और राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज योजना (एनएसटीएसएस) को एकजुट कर एक नए कार्यक्रम का गठन किया, जिसे खेलो इंडिया : राष्ट्रीय खेल विकास कार्यक्रम नाम दिया गया है।
- राजीव गांधी खेल अभियान : इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खेल अवसंरचना का निर्माण करना और खेल संस्कृति को बढ़ावा देना था।
- शहरी अवसंरचना योजना : इसका लक्ष्य शहरी क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाले खेल सुविधाओं का निर्माण था, ताकि युवा प्रतिभाओं को अपनी क्षमता दिखाने का अवसर मिले।
- राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज योजना : इसका मुख्य उद्देश्य देशभर में खेल के प्रति उत्साही और समर्पित युवा खिलाड़ियों की पहचान करना था।
खेलो इंडिया कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य :
- यह योजना भारत सरकार द्वारा 100% वित्त पोषित और केंद्रीय स्तर पर कार्यान्वित एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य देश में खेलों को बढ़ावा देना है।
- इसके तहत हर साल 1000 युवा एथलीटों को खेल छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जो आठ वर्षों तक प्रति वर्ष पांच लाख रुपये प्राप्त करते हैं।
- यह योजना खिलाड़ियों को शिक्षा और खेल दोनों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करती है, और 20 विश्वविद्यालयों को खेल विशिष्टता के केंद्र के रूप में मान्यता देती है।
- इस कार्यक्रम में नवीनतम तकनीकों जैसे GIS, खेल पोर्टल, और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से खेलों का प्रसार किया जाएगा।
- इसके अतिरिक्त, शारीरिक फिटनेस ड्राइव और खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन से बच्चों को शारीरिक विकास में सहायता मिलेगी।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य खेल पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार, प्रतिभाओं की पहचान, कोचिंग व्यवस्था और खेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।
- यह कार्यक्रम विशेष रूप से वंचित और अशांत क्षेत्रों के युवाओं को खेल गतिविधियों में शामिल कर उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए तैयार किया गया है, ताकि वे राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें, जिससे देश की एकता और अखंडता की भावना को बढ़ावा मिले।
खेलो इंडिया कार्यक्रम का कार्यक्षेत्र :
भारत में खेलो इंडिया कार्यक्रम को 12 कार्यक्षेत्रों में विभाजित किया गया है। जिसमें शामिल है –
- शांति और विकास के लिए खेल – प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
- ग्रामीण और स्वदेशी या जनजातीय खेलों को प्रोत्साहन देना।
- राज्य स्तरीय खेलो इंडिया केंद्रों का निर्माण एवं विकास करना।
- राष्ट्रीय /क्षेत्रीय /राज्य खेल शिक्षाविदों को सहायता प्रदान करना।
- स्कूली विद्यार्थियों का शारीरिक स्वास्थ्य के फिटनेस के प्रति जागरूक करना।
- दिव्यांगों के मध्य खेल संस्कृति को प्रोत्साहन देना।
- महिलाओं के लिए खेल – प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
- प्रति वर्ष वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन करना।
- खेल प्रतिभाओं की खोज करना और उसका विकास करना।
- खेलों अवसंरचना का विकास और उन्नयन करना।
- खेल के मैदानों का विकास करना।
- सामुदायिक अनुशिक्षण (कोचिंग) के विकास में वित्त पोषण करना।
खेलो इंडिया कार्यक्रम का परिणाम एवं प्रभाव :
- खेलो इंडिया योजना ने देश भर में प्रतिस्पर्धी मंच और बुनियादी ढांचा प्रदान कर खेल प्रतिभाओं की पहचान और उनके कौशल विकास के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित किया।
- हर साल, खेलो इंडिया यूथ गेम्स और यूनिवर्सिटी गेम्स के माध्यम से, 17 और 21 वर्ष के युवा एथलीटों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है।
- वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च किया गया खेलो इंडिया मोबाइल ऐप अब तक 23 लाख से अधिक स्कूली बच्चों के फिटनेस मापदंडों का आकलन कर चुका है, जिससे 5 वर्ष की आयु से खेल प्रतिभाओं की पहचान की जा रही है।
- इसके अतिरिक्त, स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने विशेष योजनाएं बनाई हैं, जिसमें स्वदेशी खेलों के एथलीटों को आउट-ऑफ-पॉकेट भत्ता (ओपीए), शीर्ष केंद्रों में प्रशिक्षण सुविधाएं और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
- महिलाओं की खेलों में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए विशिष्ट योजनाएं लागू की गई हैं।
- खेलो इंडिया यूथ गेम्स के माध्यम से दिव्यांग एथलीटों के लिए बेहतर प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और अन्य योजनाओं के माध्यम से उनका समर्थन किया जा रहा है।
निष्कर्ष / समाधान की राह :
खेलो इंडिया कार्यक्रम न केवल भारत में युवा खेल प्रतिभाओं की वर्तमान स्थिति को सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि इसका भविष्य भी बेहद उज्ज्वल है। इसे सफल बनाने के लिए भारत सरकार को निम्नलिखित पहलें अपनानी चाहिए-
- खेल अवसंरचना का उन्नयन एवं विकास करना : सरकार को देश के सभी राज्यों के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर ग्रामीण, जनजातीय, पूर्वोत्तर राज्यों और आकांक्षी जिलों में खेल सुविधाओं का निर्माण और उन्नयन तथा विकास करना चाहिए।
- खेलो इंडिया केंद्र एवं खेल अकादमियों की स्थापना करना : सरकार को प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को गुणवत्तापूर्ण कोचिंग, प्रशिक्षण, उपकरण, पोषण, चिकित्सा सहायता तथा छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु देश भर में और अधिक खेलो इंडिया केंद्र एवं खेल अकादमियाँ स्थापित करनी चाहिए ।
- फिट इंडिया मूवमेंट : सरकार को फिट इंडिया मूवमेंट को एक जन अभियान के रूप में बढ़ावा देना चाहिए तथा फिट इंडिया मूवमेंट को व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए ताकि हर वर्ग में शारीरिक गतिविधियों और फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़े।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी : सरकार को खेल अवसंरचना के विस्तार के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र की साझेदारी, कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) और सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) जैसी योजनाओं का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए।
- खेल प्रतियोगिताएँ एवं प्रतिभा विकास : सरकार को युवा एथलीटों को प्रदर्शन एवं अवसर प्रदान करने हेतु स्कूल, जिला, राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर जैसे विभिन्न स्तरों पर अधिक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करना चाहिए ।
- खेल के माध्यम से समावेशिता को बढ़ावा देना : सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खेल समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से लड़कियों, महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों, अल्पसंख्यकों तथा हाशिये के समूहों हेतु सस्ती एवं सुलभ हो। सरकार द्वारा इन समूहों के बीच भागीदारी एवं उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष प्रोत्साहन, आरक्षण और पुरस्कार भी प्रदान किया जाना चाहिए।
स्त्रोत – पीआईबी एवं द हिन्दू।
Download Plutus IAS Current Affairs HINDI 22nd Nov 2024
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. खेलो इंडिया यूथ गेम्स के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत में इस खेल प्रतियोगिता को दो श्रेणियों में आयोजित किया जाता है।
- बिहार अप्रैल 2025 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स और पैरा गेम्स दोनों की मेजबानी करेगा।
उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2 दोनों
D. न तो 1 और न ही 2
उत्तर – C
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. खेलो इंडिया कार्यक्रम के प्रमुख विशेषताओं को बताते हुए यह चर्चा कीजिए कि भारत में खेल अवसंरचना का निर्माण, उन्नयन और सभी का समावेशन सुनिश्चित करने के लिए किस प्रकार के कदम उठाए जा सकते हैं ? तर्कसंगत समाधान प्रस्तुत कीजिए। ( शब्द सीमा 250 अंक – 15 )
No Comments