प्रधानमंत्री आवास योजना ( ग्रामीण और शहरी )

प्रधानमंत्री आवास योजना ( ग्रामीण और शहरी )

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ शासन व्यवस्था, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, PMAY की चुनौतियाँ, PMAY को मज़बूत करने के लिए आवश्यक कदम ’  खंड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी ), क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी, CAG, स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा, जल जीवन मिशन, उज्ज्वला योजना, NABARD, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, आवास बंधु खंड से संबंधित है। इसमें PLUTUS IAS टीम के सुझाव भी शामिल हैं। यह लेख ‘ दैनिक कर्रेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना ( ग्रामीण और शहरी ) ’  से संबंधित है।)

 

खबरों में क्यों ?

 

 

  • हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव 2024 के बाद केंद्र में बने अपनी नई सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में ही प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत तीन करोड़ ग्रामीण और शहरी घरों के निर्माण के लिए सहायता राशि प्रदान करने को मंजूरी दे दिया है।
  • इन तीन करोड़ मकानों में से दो करोड़ मकान प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-ग्रामीण)  के तहत तथा एक करोड़ मकान प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-शहरी )  के तहत बनाए जाएंगे।

 

भारत में प्रधानमंत्री आवास योजना क्या है?

प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण ( PMAY- G) :

 

 

  • शुभारंभ : 1 अप्रैल 2016 को, “सभी के लिए आवास” के उद्देश्य से इंदिरा आवास योजना (IAY) को ही  पुनर्गठित करके और उस योजना का नाम बदलकर कर प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G) के रूप में इसे शुरू किया गया था।
  • कार्यान्वयनकर्त्ता मंत्रालय : प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G) का कार्यान्वयनकर्त्ता मंत्रालय भारत का ग्रामीण विकास मंत्रालय है।
  • वर्तमान स्थिति : मार्च 2023 तक 2.85 करोड़ घर स्वीकृत और 2.22 करोड़ घर पूरे किए जा चुके हैं।
  • योजना का मुख्य उद्देश्य : मार्च 2022 तक सभी ग्रामीण बेघर परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराना था, जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है। अतः भारत के प्रधानमंत्री ने अपने तीसरे कार्यकाल में इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
  • लाभार्थी वर्ग : अनुसूचित जाति/जनजाति, मुक्त बंधुआ मजदूर, युद्ध में मारे गए रक्षा कर्मियों की विधवाएँ, पूर्व सैनिक, विकलांग व्यक्ति और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग।
  • लाभार्थियों का चयन का आधार : इस योजना में लाभार्थियों का चयन सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011, ग्राम सभा और जियो-टैगिंग के माध्यम से किया गया है।
  • लागत साझाकरण : इस योजना के तहत भारत के मैदानी क्षेत्रों में केंद्र और राज्य 60:40, पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी क्षेत्रों में 90:10, और केंद्रशासित प्रदेशों में केंद्र 100% लागत वहन करता है।

 

प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी ( PMAY – U) 

 

 

  • शुभारंभ : प्रधानमंत्री आवास योजना– शहरी (PMAY-U) को 25 जून 2015 को प्रारंभ की गई थी। इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्रों में सभी के लिए आवास उपलब्ध कराना था जो पूरा नहीं होने के कारण अभी भी इसको पूरा करने के लक्ष्य की दिशा में कार्यरत है।
  • कार्यान्वयनकर्त्ता मंत्रालय : प्रधानमंत्री आवास योजना– शहरी (PMAY-U) योजना का कार्यान्वयनकर्त्ता मंत्रालय आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय है।  
  • वर्तमान स्थिति : प्रधानमंत्री आवास योजना– शहरी (PMAY – U) के आधिकारिक वेबसाईट के अनुसार, 118.64 लाख मकान स्वीकृत किए  गए हैं, जिनमें से 83.67 लाख पूरे हो चुके हैं।

 

विशेषताएँ :

  • पात्र शहरी गरीबों के लिये पक्का मकान सुनिश्चित करके झुग्गीवासियों सहित शहरी गरीबों के बीच शहरी आवास की कमी को दूर करना।
  • मिशन में संपूर्ण शहरी क्षेत्र शामिल है, जिसमें सांविधिक कस्बे, अधिसूचित योजना क्षेत्र, विकास प्राधिकरण, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, औद्योगिक विकास प्राधिकरण या राज्य विधान के तहत कोई भी ऐसा प्राधिकरण शामिल है, जिसे शहरी नियोजन एवं विनियमन का कार्य सौंपा गया है।
  • मिशन महिला सदस्यों के नाम पर या संयुक्त नाम पर मकान का स्वामित्व प्रदान करके महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है।

 

इस योजना को चार खंडों में पूरा करने का लक्ष्य :

 

  1. इस योजना के तहत निजी भागीदारी के माध्यम से संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके मौजूदा झुग्गी निवासियों का यथास्थान पुनर्वास करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  2. ऋण लिंक्ड सब्सिडी : आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (Economically weaker Section- EWS), LIG और MIG-I एवं MIG-II के लोग घर खरीदने या बनाने के लिए  क्रमशः 6 लाख रुपए, 9 लाख रुपए और 12 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर 6.5%, 4% तथा 3% की ब्याज सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं
  3. साझेदारी में किफायती आवास (AHP) :  AHP के अंतर्गत, भारत सरकार द्वारा प्रति EWS आवास के लिये 1.5 लाख रुपए की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है।
  4. लाभार्थी-नेतृत्व वाले व्यक्तिगत आवास निर्माण/संवर्द्धन : व्यक्तिगत आवास निर्माण/संवर्द्धन के लिए आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (Economically weaker Section- EWS) श्रेणियों से संबंधित पात्र परिवारों को प्रति EWS आवास 1.5 लाख रुपए तक की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है।

भारत सरकार द्वारा आवास योजना के तहत शुरू किए गए अन्य नई पहलें :

  • किफायती किराये के आवास परिसर (ARHC)
  • PM-JANMAN
  • GHTC इंडिया
  • ANGIKAAR अभियान
  • वैश्विक आवास प्रौद्योगिकी चुनौती।

 

प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रमुख चुनौतियाँ : 

 

 

 

प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रमुख चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं – 

  • योजना के कार्यान्वयन में देरी : मार्च 2022 तक PMAY-G के अंतर्गत 29.5 मिलियन और PMAY-U के अंतर्गत 12 मिलियन आवास इकाइयों के निर्माण का लक्ष्य था, जिसे बाद में दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया।
  • योजना का अनुचित रूप से निष्पादन : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भारत के कुछ राज्यों द्वारा इस योजना के तहत आवंटित राशि को निर्गत करने में में देरी के कारण इसकी प्रगति भी प्रभावित हुई है । 2020 में नौ राज्यों ने लाभार्थियों को 2,915.21 करोड़ रुपए का भुगतान में देरी की।
  • अपर्याप्त सब्सिडी राशि : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भारत के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में 1.2/1.3 लाख की सब्सिडी राशि का भुगतान अपर्याप्त होता है, जिससे इन परिवारों को अतिरिक्त वित्त की आवश्यकता पड़ती है।
  • आवास की गुणवत्ता : CAG रिपोर्ट के अनुसार, PMAY-G में आवास की गुणवत्ता में कमी और पर्यवेक्षण का अभाव है।
  • जन जागरूकता का अभाव : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भारत के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में  वहां की स्थायी ग्रामीण निवासियों में PMAY के प्रति जागरूकता की कमी और दस्तावेज़ीकरण में अति जटिलता है। जिससे इस योजना का सफल रूप से क्रियान्वयन नहीं हो सका है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत आने वाले कुछ नीतिगत मुद्दे इस प्रकार हैं:
  • सोईघर का उपयोग : PMAY-G के तहत रसोईघर की व्यवस्था की गई है, परंतु कई लाभार्थी इस स्थान का उपयोग अतिरिक्त रहने के कमरे के रूप में करते हैं। इसका एक कारण यह हो सकता है कि लोग अभी भी बाहर खाना पकाने की परंपरागत प्रथा को जारी रखते हैं, जिससे PMUY (LPG Gas) का सीमित उपयोग होता है।
  • खाना पकाने का ईंधन : PMAY-G लाभार्थियों द्वारा LPG सिलेंडर का उपयोग न करने के पीछे की वजह बाहर खाना पकाने की आदत और रिफिल की उच्च लागत हो सकती है। इससे PMAY और PMUY कार्यक्रमों के बीच समन्वय में बाधा आती है।
  • शौचालय का उपयोग : PMAY-G योजना के तहत बनाए गए शौचालयों में से 10% का उपयोग नहीं हो रहा है। इसके पीछे की वजह समुदाय की आदतें या खराब निर्माण हो सकती है, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है।
  • पेयजल की उपलब्धता : राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (NRDWP) का लक्ष्य वर्ष 2022 तक अधिकांश ग्रामीण घरों में पाइप से जल उपलब्ध कराना था, लेकिन PMAY-G घरों में अभी भी साझा जल स्रोतों पर निर्भरता है और उचित अपशिष्ट प्रबंधन और जल निकासी की कमी है।
  • बैंक ऋण पहुंच में संभावित बाधा होना : इस योजना के तहत बैंक ऋण की जानकारी होने के बावजूद, अधिकांश PMAY-G लाभार्थी अतिरिक्त गृह निर्माण लागत को पूरा करने के लिए निजी स्रोतों से ऋण लेते हैं, जो बैंक ऋण पहुंच में संभावित बाधाओं को दर्शाता है। इन मुद्दों को समझने और समाधान करने के लिए नीति निर्माताओं और कार्यक्रम प्रबंधकों को गहन अध्ययन और भारत के विभिन्न समुदायों के साथ संवाद करने की अत्यंत आवश्यकता है।

 

समाधान / आगे की राह : 

 

 

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) को सशक्त बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं – 

  1. समय पर धनराशि जारी करना : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यह सुनिश्चित करना होगा कि राज्यों को समय पर धनराशि प्राप्त हो, ताकि योजना का क्रियान्वयन बिना किसी बाधा के हो सके। इसके लिए, मनरेगा की तरह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer – DBT) की प्रणाली को अपनाना लाभकारी हो सकता है।
  2. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष ऋण की सुविधा का विकास करना : इस आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष ऋण उत्पादों का विकास करना, जिससे उन्हें आवास ऋण प्राप्त करने में सहायता मिल सके। इसके लिए सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को प्रोत्साहित करना अत्यंत आवश्यक है।
  3. अधिक समावेशी और आवास समस्याओं का समाधानात्मक उपाय विकसित करना : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भूमिहीन ग्रामीण आबादी के लिए विशेष हस्तक्षेप तैयार करना, ताकि उनकी आवास समस्याओं का समाधान हो सके।
  4. निगरानी तंत्र को मजबूत करना : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गुणवत्ता निगरानी तंत्र को मजबूत करना और सामाजिक अंकेक्षण जैसे उपायों को अपनाना आवश्यक है , ताकि इस योजना के तहत आवास निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
  5. आवास बंधु का उपयोग योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए करना : भारत के प्रधानमंत्री की इस महत्वपूर्ण योजना के तहत आवास बंधु’ जैसे स्थानीय प्रेरकों को प्रशिक्षित करना और उनका उपयोग योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए करना आवश्यक है।

इन कदमों को उठाकर प्रधानमंत्री आवास योजना ( ग्रामीण और शहरी )  को और अधिक प्रभावी और समावेशी बनाया जा सकता है।

 

स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस एवं पीआईबी।

 

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत में प्रधानमंत्री आवास योजना ( ग्रामीण और शहरी ) के संदर्भ में गैर-वित्तीय ऋण में निम्नलिखित में से कौन सम्मिलित है ? ( UPSC – 2020)

  1. क्रेडिट कार्डों पर बकाया राशि
  2. परिवारों का बकाया गृह ऋण
  3. राजकोषीय बिल
  4. अपर्याप्त सब्सिडी राशि

उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ? 

A. केवल 1, 2 और 3

B. केवल 2, 3 और 4

C. इनमें से कोई नहीं। 

D. उपरोक्त सभी ।

 

उत्तर – D

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. प्रधानमंत्री आवास योजना के मुख्य उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए यह चर्चा कीजिए कि भारत में तीव्र शहरीकरण के फलस्वरूप इस योजना के सफल क्रियान्वयन की राह में प्रमुख चुनौतियाँ क्या है और उसका समाधानात्मक उपाय क्या हो सकता है? तर्कसंगत मत प्रस्तुत कीजिए। ( UPSC CSE- 2021 ) ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 ) 

 

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