20 May भारतीय – फ्रांसीसी संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति का 7वाँ संस्करण 2024
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के अंतर्गत सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के ‘ महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान और संगठन, अंतर्राष्ट्रीय संधि और समझौते ’ खंड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ भारतीय – फ्रांसीसी संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति का 7वाँ संस्करण, संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ वरुण ’, संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ गरुड़ ’ , राजपूत रेजिमेंट ’ खंड से संबंधित है। इसमें PLUTUS IAS टीम के सुझाव भी शामिल हैं। यह लेख ‘ दैनिक करेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘ भारतीय – फ्रांसीसी संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति का 7वाँ संस्करण 2024 ’ से संबंधित है। )
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में भारतीय और फ्रांसीसी सेना के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति का सातवां संस्करण 13 से 26 मई 2024 तक मेघालय के उमरोई में आयोजित हो रहा है।
- इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं की संयुक्त सामरिक क्षमताओं को बढ़ाना है।
- इस संयुक्त सैन्य अभ्यास के सातवें संस्करण 2024 के उद्घाटन समारोह में भारत में फ्रांसीसी राजदूत थिएरी माथौ, 24 माउंटेन ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर मयूर शेकतकर, और अन्य नागरिक और सेना से जुड़े अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
- इस संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति की विशेषता यह है कि यह द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो बारी-बारी से भारत और फ्रांस में आयोजित किया जाता है।
- इस संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति का छठा संस्करण 15-26 नवंबर 2021 तक फ्रांस में आयोजित किया गया था। इस प्रकार, अगले अभ्यास की मेजबानी करने की बारी भारत की थी। अतः भारतीय और फ्रांसीसी सेना के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति का सातवां संस्करण 13 से 26 मई 2024 तक भारत में आयोजित की जा रही है।
- इस बार के संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के पर्यवेक्षक भी शामिल हैं, और इसमें अर्ध – शहरी और पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है
- इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच अंतर-संचालन, सौहार्द और एक दूसरे को सहायता करने में सुविधा और आसानी होगी।
भारत – फ्रांसीसी संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति के 7वें संस्करण का मुख्य उद्देश्य :
- भारत और फ्रांस के बीच आयोजित होने वाले शक्ति सैन्य अभ्यास के सातवें संस्करण का मुख्य लक्ष्य युद्ध की परिस्थितियों में संयुक्त रणनीतिक योजना बनाने की दोनों सेनाओं की सामर्थ्य को बढ़ाना है।
- इस अभ्यास के द्वारा,दोनों देशों की सेनाएँ आपसी सहयोग, समझ और अंतर-संचालनीयता को मजबूत करने का प्रयास करेंगी।
- इस अभ्यास में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व राजपूत रेजिमेंट की एक बटालियन कर रही है, जबकि भारतीय नौसेना और वायुसेना ने पर्यवेक्षकों के रूप में अपने कर्मियों को भेजा है।
- फ्रांस की ओर से, 90 सदस्यीय दल का प्रतिनिधित्व मुख्यतः 13वीं फॉरेन लीजन हाफ-ब्रिगेड (13वीं डीबीएलई) के सैनिक कर रहे हैं।
- सातवें संस्करण में विशेष रूप से दोनों सेनाओं के संचालन पर समझ विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि वे एक-दूसरे की परिचालन प्रक्रियाओं के साथ साझा ज्ञान, जागरूकता और परिचितता का निर्माण कर सकें।
- इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और आतंकवादी अभियानों का मुकाबला करने में अपने व्यापक युद्ध अनुभव को साझा करने का अवसर मिलेगा।
भारतीय और फ्रांसीसी संयुक्त सैन्य अभ्यास की ऐतिहासिकता एवं परिचय :
- भारतीय और फ्रांसीसी संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति श्रृंखला के अलावा, भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच आपसी नौसेना अभ्यास वरुण और वायु सेना का आपस में अभ्यास गरुड़ का भी आयोजन किया जाता है। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सैन्य तैयारी और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारतीय और फ्रांसीसी नौसेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ वरुण ’ :
- यह भारतीय नौसेना और फ्रांसीसी नौसेना के बीच का द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है।
- इसे वैकल्पिक रूप से हिंद महासागर या भूमध्य सागर में आयोजित किया जाता है।
- यदि भारत इस अभ्यास की मेजबानी करता है, तो यह हिंद महासागर में आयोजित किया जाता है, और यदि फ्रांसीसी नौसेना इसकी मेजबानी करती है, तो यह भूमध्य सागर में आयोजित किया जाता है।
- वरुण अभ्यास का पहला आयोजन 1983 में हुआ था, लेकिन इस नाम का पहला उपयोग 2001 में किया गया था।
- वरुण का 21वां संस्करण 2023 में अरब सागर में आयोजित किया गया था।
भारतीय और फ्रांसीसी वायु सेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ गरुड़ ’ :
- यह भारतीय वायु सेना और फ्रांसीसी वायु सेना के बीच एक संयुक्त वायु सेना अभ्यास है।
- इसकी शुरुआत 2003 में हुई थी और इसे वैकल्पिक रूप से भारत और फ्रांस में आयोजित किया जाता है।
- यह आम तौर पर दो साल के बाद आयोजित किया जाता है।
- 7वां गरुड़ अभ्यास वर्ष 2022 में राजस्थान के जोधपुर में आयोजित किया गया था।
भारत और फ्रांस के बीच सैन्य संबंध :
- फ्रांस भारत के साथ एक महत्वपूर्ण रक्षा साझेदारी बनाए हुए है, जो रूस के बाद भारत को सैन्य उपकरण और हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा प्रदाता देश है।
- फ्रांस वह एकमात्र पश्चिमी देश है जिसने भारत के साथ रक्षा प्रौद्योगिकियों के साझाकरण और भारतीय धरती पर फ्रांसीसी सैन्य उपकरणों के निर्माण पर सहमति जताई है।
- वर्ष 2023 में नई दिल्ली में आयोजित G20 बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रॉन ने आपस में उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्लेटफॉर्मों के डिजाइन, विकास, परीक्षण और निर्माण में आपस में सहयोग करने के लिए एक साझा लक्ष्य पर सहमति व्यक्त की है, जिससे भारत रक्षा प्रौद्योगिकियों के निर्माण में और सैन्य क्षेत्र में उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के बल पर एक आत्मनिर्भर देश बन सके।
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और फ्रांस की सफरान हेलीकॉप्टर इंजन SAS ने मिलकर सफल हेलीकॉप्टर इंजन प्राइवेट लिमिटेड नामक एक संयुक्त उद्यम की स्थापना की है। जो हेलीकॉप्टर इंजनों के सामूहिक डिजाइन, विकास, प्रमाणन, उत्पादन, बिक्री और समर्थन का कार्य करेगा।
- फ्रांस ने भारतीय सेना को राफेल लड़ाकू विमान प्रदान किए हैं और भारतीय नौसेना ने फ्रांस से अतिरिक्त 26 राफेल विमानों की खरीद की योजना बनाई है।
- भारतीय और फ्रांस के बीच होने वाले संयक्त सैन्य अभ्यास का मुख्य उद्देश्य उप-पारंपरिक परिदृश्यों में बहु-क्षेत्रीय ऑपरेशनों के लिए दोनों देशों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है।, जिसके तहत अर्द्ध-शहरी और पहाड़ी क्षेत्रों में संचालन पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
- भारत और फ्रांस के बीच होने वाले संयुक्त सामरिक अभ्यास में आतंकवादी कार्रवाइयों का मुकाबला, संयुक्त कमांड पोस्ट और खुफिया तथा निगरानी केंद्रों की स्थापना, और किसी भी प्रकार की आपदा प्रबंधन में तत्परता व आपसी सहयोग और समन्वय पर जोर दिया जाता है।
- फ्रांस और भारत के बीच अन्य संयुक्त अभ्यासों में ‘वरुण’, ‘गरुड़’ और ‘डेजर्ट नाइट’ शामिल हैं।
निष्कर्ष और आगे की राह :
- भारत-फ्रांस संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’ के 7वें संस्करण का समापन हाल ही में हुआ, जिसमें दोनों देशों की सेनाओं ने उमरोई, मेघालय में अपनी संयुक्त सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
- इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अध्याय VII के तहत उप पारंपरिक परिदृश्य में विविध क्षेत्र संचालनों के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना था।
- इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में संचालनों पर विशेष ध्यान दिया गया।
- भारतीय और फ्रांसीसी संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान, दोनों देशों की सेनाओं ने आतंकवादी अभियानों का मुकाबला करने, संयुक्त कमांड पोस्ट स्थापित करने, खुफिया और निगरानी केंद्रों की स्थापना,हेलीपैड/लैंडिंग साइट की सुरक्षा, छोटे दल की प्रविष्टि और निष्कर्षण, विशेष हेलिबॉर्न ऑपरेशन, घेरा और तलाशी अभियान, ड्रोन और काउंटर ड्रोन सिस्टम के उपयोग जैसी विभिन्न सामरिक ड्रिल्स का अभ्यास किया।
- इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का अवसर मिला है।
- इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से अर्जित ज्ञान और अनुभव का उपयोग करके दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच अंतर-संचालन, सौहार्द और सौजन्यता को और बढ़ावा देने की उम्मीद है।
- भारत और फ्रांस के बीच आयोजित किए गए इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से न केवल भारत और फ्रांस के बीच आपस में रक्षा सहयोग का स्तर बढ़ेगा बल्कि इन दोनों ही देशों के बीच के द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूती मिलेगी।
स्रोत – द हिन्दू एवं पीआईबी।
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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति 2024 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह शक्ति का सातवां संस्करण है, जो भारत के मेघालय के उमरोई में 13 से 26 मई 2024 तक आयोजित हो रहा है।
- इस अभ्यास का नेतृत्व भारतीय सेना के राजपूत रेजिमेंट की एक बटालियन कर रही है ।
- वरुण भारतीय वायु सेना और फ्रांसीसी वायु सेना के बीच एक संयुक्त वायु सेना अभ्यास है।
- वरुण को फ्रांसीसी नौसेना द्वारा हिंद महासागर में तथा भारत द्वारा भूमध्य सागर में आयोजित किया जाता है।
उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
A. केवल 1 और 3
B. केवल 2, 3 और 4
C. केवल 1, 2 और 3
D. केवल 1 और 2
उत्तर – D
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1 . भारतीय – फ्रांसीसी संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति के मुख्य उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए यह चर्चा कीजिए कि बदलते भू – मंडलीय राजनीति के संदर्भ में भारत और फ्रांस के बीच के सामरिक संबंधो में महत्वपूर्ण चुनौतियाँ क्या है एवं उसका समाधान किस प्रकार किया जा सकता है ? तर्कसंगत मत प्रस्तुत कीजिए। ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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