06 Jul भारत में मातृ मृत्यु दर बनाम महिलाओं के लिए व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ भारतीय संविधान और शासन व्यवस्था, महिलाओं से संबंधित मुद्दे, स्वास्थ्य, मानव संसाधन ,मातृ मृत्यु दर से संबंधित महत्वपूर्ण पहल ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ मातृ मृत्यु अनुपात, भारत का रजिस्ट्रार जनरल, विश्व स्वास्थ्य संगठन ’ खंड से संबंधित है। इसमें PLUTUS IAS टीम के सुझाव भी शामिल हैं। यह लेख ‘ दैनिक कर्रेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘ भारत में मातृ मृत्यु दर बनाम महिलाओं के लिए व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम ’ से संबंधित है।)
ख़बरों में क्यों ?
- भारत में हाल ही में फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसायटीज़ ऑफ इंडिया (FOGSI) ने महिलाओं के लिए एक व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में वयस्क नागरिकों को टीकाकरण के बारे में जागरूक करना है।
- चूँकि महिलाएँ पुरुषों की अपेक्षा 25% अधिक समय अस्वस्थता में बिताती हैं, इसलिए इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य की गुणवत्ता में सुधार करना है।
- भारत में यह टीकाकरण कार्यक्रम महिलाओं को वैक्सीन – निवार्य रोगों (Vaccine – Preventable Diseases – VPD) से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
- वैक्सीन – निवार्य रोग (VPD) आमतौर पर जीवाणु या विषाणु के कारण होते हैं और टीकों से इनकी रोकथाम की जा सकती है।
- इन रोगों के कारण दीर्घकालिक व्याधि और कभी – कभी मृत्यु भी हो सकती है।
- चिकनपॉक्स, डिप्थीरिया और पोलियोवायरस संक्रमण VPD के प्रमुख उदाहरण हैं।
भारत में मातृ मृत्यु दर बनाम महिलाओं के लिए व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम :
भारत में मातृ मृत्यु दर और महिलाओं के लिए व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने देश में दो महत्वपूर्ण पहलों की शुरूआत की हैं।
- यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (UIP) : इस कार्यक्रम के तहत 12 वैक्सीन-निवार्य रोगों के निदान के लिए नि:शुल्क टीकाकरण किया जाता है। इनमें डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, पोलियो, खसरा, रूबेला, क्षय रोग, हेपेटाइटिस बी, और हीमोफिलस इन्फ्लुएंज़ा टाइप बी के कारण होने वाले मेनिन्जाइटिस तथा निमोनिया जैसी 9 राष्ट्रीय स्तर पर लक्षित बीमारियाँ शामिल हैं।
- मिशन इंद्रधनुष : UIP के तहत टीकाकरण से छूटे बच्चों के टीकाकरण के लिए वर्ष 2014 में मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की गई थी। इसके चार चरणों के माध्यम से 2.53 करोड़ से अधिक बच्चों और 68 लाख गर्भवती महिलाओं को जीवन रक्षक टीके लगाए गए।
- फेडरेशन ऑफ ओब्स्टेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (FOGSI) भारत में प्रसूति तथा स्त्री रोग चिकित्सकों का समर्थन करता है, भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को बढ़ाने के लिए, प्रजनन संबंधी अधिकारों को बढ़ावा देने और मातृ मृत्यु दर को कम करने पर केंद्रित है।
भारत में मातृ मृत्यु दर :
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गर्भवती होने पर या गर्भावस्था की समाप्ति के 42 दिनों के भीतर, गर्भावस्था या उसके प्रबंधन से संबंधित किसी भी कारण से हुई महिला की मृत्यु को मातृ मृत्यु माना जाता है। प्रति एक लाख जीवित बच्चों के जन्म पर होने वाली माताओं की मृत्यु को मातृ मृत्यु दर (MMR) कहा जाता है।
- भारत के असम राज्य में सबसे अधिक मातृ मृत्यु दर (MMR) (195) है, जबकि केरल में प्रति लाख जीवित जन्म पर यह आंकड़ा सबसे कम(19) है। यूनेस्को के अनुसार, भारत की MMR में 2000 से 2020 तक 6.36% की गिरावट हुई है, जो वैश्विक गिरावट की दर से तीन गुना अधिक है।
- भारत में दिन – प्रतिदिन अर्थात उतरोत्तर मातृ मृत्यु दर (MMR) में सुधार हो रहा है, जो मातृ स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण आयाम है।
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया :
- रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- यह जनसंख्या की गणना, देश में मृत्यु और जन्म के पंजीकरण के कार्यान्वयन के अलावा नमूना पंजीकरण प्रणाली (Sample Registration System-SRS) का उपयोग करके प्रजनन और मृत्यु दर के संबंध में अनुमान प्रस्तुत करता है।
- SRS देश का सबसे बड़ा जनसांख्यिकीय नमूना सर्वेक्षण है, जिसमें अन्य संकेतक राष्ट्रीय प्रतिनिधि नमूने के माध्यम से मातृ मृत्यु दर का प्रत्यक्ष अनुमान प्रदान करते हैं।
- SRS के तहत दर्ज मौतों के लिए वर्बल ऑटोप्सी (Verbal Autopsy-VA) उपकरणों का नियमित आधार पर उपयोग किया जाता है, ताकि देश में विशिष्ट कारणों से होने वाली मृत्यु दर का पता लगाया जा सके।
भारत में मातृ मृत्यु दर की वर्तमान स्थिति :
- भारत वर्ष 2020 तक 100 प्रति लाख जीवित जन्मों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (NHP) के लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब था और 2030 तक 70 प्रति लाख जीवित जन्मों के संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर है।
- कई विकसित देशों ने सफलतापूर्वक मातृ मृत्यु दर (MMR) को एकल अंकों में ला दिया है।
- इटली, नॉर्वे, पोलैंड, और बेलारूस में मातृ मृत्यु दर (MMR केवल 2 है, जबकि जर्मनी और यूके में यह 7 है। कनाडा में MMR 10 और अमेरिका में 19 है।
- भारत के अधिकांश पड़ोसी देशों की तुलना में, नेपाल (186), बांग्लादेश (173), और पाकिस्तान (140) का मातृ मृत्यु दर अधिक है।
- हालांकि, चीन और श्रीलंका क्रमशः 18.3 और 36 के MMR के साथ बेहतर स्थिति में हैं।
भारत में विभिन्न राज्यों से संबंधित आँकड़े :
- भारत में सतत् विकास लक्ष्य हासिल करने वाले राज्यों की संख्या अब पाँच से बढ़कर सात हो गई है। ये राज्य हैं: केरल (30), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना (56), तमिलनाडु (58), आंध्र प्रदेश (58), झारखंड (61), और गुजरात (70)।
- केरल ने सबसे कम मातृ मृत्यु दर दर्ज की है, जो उसे राष्ट्रीय मातृ मृत्यु दर 103 से आगे रखता है।
- केरल के मातृ मृत्यु दर में 12 अंक की गिरावट आई है।
- पिछले SRS बुलेटिन (2015-17) ने राज्य की मातृ मृत्यु दर को 42 के स्तर पर रखा था, जिसे बाद में समायोजित कर 43 कर दिया गया था।
- भारत के 09 राज्य ऐसे हैं जिन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति द्वारा निर्धारित मातृ मृत्यु दर लक्ष्य को हासिल कर लिया है।
- इन राज्यों में ऊपर बताए गए सात राज्य और कर्नाटक (83) एवं हरियाणा (96) शामिल हैं।
- उत्तराखंड (101), पश्चिम बंगाल (109), पंजाब (114), बिहार (130), ओडिशा (136), और राजस्थान (141) में एमएमआर 100-150 के बीच है।
- जबकि छत्तीसगढ़ (160), मध्य प्रदेश (163), उत्तर प्रदेश (167), और असम (205) का मातृ मृत्यु दर 150 से ऊपर है।
भारत में मातृ मृत्यु दर और महिलाओं के लिए व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया कुछ सरकारी पहल :
भारत में मातृ मृत्यु दर को कम करने और महिलाओं के लिए व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण पहल शुरू की है –
- जननी सुरक्षा योजना (JSY) : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत यह योजना संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए नकद सहायता प्रदान करती है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव सेवाएं उपलब्ध कराना है।
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) : इस अभियान के तहत हर महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं के लिए सुनिश्चित, व्यापक और गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व देखभाल की जाती है। यह सुनिश्चित करता है कि गर्भवती महिलाओं को नियमित और समय पर चिकित्सा सेवाएं मिलें।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) : यह योजना गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करती है। इसके तहत पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को वित्तीय सहायता दी जाती है ताकि वे अपने पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकें।
- पोषण अभियान : इस अभियान का उद्देश्य मातृ और शिशु पोषण में सुधार करना है। इसके तहत महिलाओं और बच्चों को संतुलित आहार और पोषण संबंधी शिक्षा प्रदान की जाती है।
- लक्ष्य दिशा-निर्देश : इस पहल का उद्देश्य प्रसव के दौरान महिलाओं को उच्च गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करना है। इसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों को प्रसव के दौरान महिलाओं की देखभाल के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
भारत में मातृ मृत्यु दर और महिलाओं के लिए व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम में आगे की राह :
- किसी क्षेत्र की मातृ मृत्यु दर उस क्षेत्र में महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य का एक प्रमुख सूचकांक होता है।
- WHO ने भारत के मातृ मृत्यु दर को कम करने के प्रयासों की सराहना की है, लेकिन भारत को अभी भी उच्च मातृ मृत्यु दर वाले राज्यों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
- भारत में महिलाओं के लिए व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम को और मजबूत करना होगा ताकि प्रजनन दर और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हो सके और मातृ मृत्यु दर को और कम किया जा सके।
- भारत में उच्च मातृ मृत्यु दर वाले क्षेत्रों और राज्यों में विशेष स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता अभियानों का विस्तार आवश्यक है।
स्रोत – द हिंदू एवं पीआईबी।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q. 1. भारत में ‘ मिशन इंद्रधनुष ‘ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ? ( UPSC – 2016)
- यह देश भर में स्मार्ट शहरों के निर्माण कार्यक्रम से संबंधित है।
- यह भारत की नई शिक्षा नीति कार्यक्रम से संबंधित है।
- यह भारत में इसरो के मिशन चंद्रयान कार्यक्रम से संबंधित है।
- यह भारत में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण कार्यक्रम से संबंधित है।
उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
A. केवल 1 और 3
B. केवल 2 और 4
C. केवल 3
D. केवल 4
उत्तर – D
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1.चर्चा कीजिए कि भारत में मातृ मृत्यु दर को कम करने और महिलाओं के लिए व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम के राह में क्या चुनौतियाँ है और इसका समाधान कैसे किया जा सकता है? तर्कसंगत मत प्रस्तुत कीजिए । ( UPSC CSE – 2018 शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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