स्मार्ट सिटीज मिशन का मार्च 2025 तक विस्तार

स्मार्ट सिटीज मिशन का मार्च 2025 तक विस्तार

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ भारतीय संविधान और शासन व्यवस्था , स्मार्ट सिटी मिशन : महत्त्व और चुनौतियाँ , शहरीकरण, सामाजिक सशक्तिकरण ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ स्मार्ट सिटी मिशन, सतत् विकास, विशेष प्रयोजन वाहन (SPV), सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP), शहरी कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिये अटल मिशन (AMRUT)खंड से संबंधित है। इसमें PLUTUS IAS टीम के सुझाव भी शामिल हैंयह लेख ‘ दैनिक कर्रेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत स्मार्ट सिटी मिशन का मार्च 2025 तक विस्तार ’  से संबंधित है।)

 

खबरों में क्यों ?

 

  • केंद्र सरकार ने हाल ही में स्मार्ट सिटी मिशन की समयसीमा को फिर से बढ़ा दिया है। 
  • अब इस मिशन को 31 मार्च, 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 
  • यह मिशन भारत के शहरी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य शहरों को तकनीकी और डिजिटल समाधानों के माध्यम से सुधारना है। 
  • इस मिशन के तहत, 100 शहरों ने विभिन्न परियोजनाओं का विकास किया है। इन परियोजनाओं के तहत शहरों की क्षमता और अनुभव में सुधार हुआ है और शहर के स्तर पर बड़े परिवर्तनकारी लक्ष्य हासिल हुए हैं।

 

स्मार्ट सिटी क्या है ?

 

  • स्मार्ट सिटी एक अवधारणा है जो शहरी क्षेत्रों में दक्षता, स्थिरता के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी, डेटा एवं नवीन समाधानों के उपयोग को संदर्भित करती है। 
  • इसके मुख्य बुनियादी ढाँचे में जलापूर्ति, विद्युत आपूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता, कुशल शहरी गतिशीलता, सार्वजनिक परिवहन, किफायती आवास, आईटी कनेक्टिविटी, डिजिटलीकरण, सुशासन, ई-गवर्नेंस, नागरिक भागीदारी, पर्यावरण की धारणीयता, और नागरिकों की सुरक्षा शामिल हैं।
  • वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार, भारत की वर्तमान जनसंख्या का लगभग 31% हिस्सा शहरों में निवास करती है और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में इनका योगदान 63% है। 
  • यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2030 तक भारत की 40% जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करेगी और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इनका योगदान 75% होगा।

 

स्मार्ट सिटीज मिशन (SCM) : 

 

  • स्मार्ट सिटीज मिशन (SCM) भारत सरकार द्वारा देश भर के शहरों और कस्बों में निवास करने वाले नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रारंभ किया गया एक योजना है। 
  • इसे 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ किया गया था। 
  • इस योजना का उद्देश्य नागरिकों को स्वच्छ और स्थायी वातावरण प्रदान करने के लिए आधारभूत सुविधाओं का विकास करना है।

 

SCM के मुख्य घटक :

स्मार्ट सिटीज मिशन (SCM) के मुख्य घटक निम्नलिखित है – 

 

क्षेत्र-आधारित विकास :

पुनर्विकास (शहर नवीनीकरण) : मौजूदा शहरी क्षेत्रों को बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में सुधार के लिए नवीनीकरण करना।

रेट्रोफिटिंग (शहर सुधार) : मौजूदा क्षेत्रों को अधिक उपयोगी और टिकाऊ बनाने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना।

ग्रीनफील्ड परियोजनाएँ (शहर विस्तार) : स्थिरता और स्मार्ट प्रौद्योगिकियों पर ध्यान देने के साथ नए शहरी क्षेत्रों का विकास करना।

 

पैन – सिटी समाधान :

  • ई-गवर्नेंस, अपशिष्ट प्रबंधन, जल प्रबंधन, ऊर्जा प्रबंधन, शहरी गतिशीलता और कौशल विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) समाधानों का अनुप्रयोग किया जाता है।

 

शासन संरचना :

  • नवीन शासन मॉडल को अपनाने के लिए कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत एक विशेष प्रयोजन वाहन (Special Purpose Vehicle-SPV) बनाया गया, जिसका नेतृत्व नौकरशाह या बहुराष्ट्रीय निगमों (MNC) के प्रतिनिधियों द्वारा किया गया था। इसकी प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए नवीन शासन मॉडल अपनाया गया। 

 

स्मार्ट शहरों का वित्तपोषण : 

 

  • SCM के लिए केंद्र सरकार द्वारा पांच वर्षों के लिए प्रदान किए गए लगभग 48,000 करोड़ रुपये (प्रति वर्ष प्रति शहर औसतन 100 करोड़ रुपये) इन शहरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
  • राज्यों और शहरी स्थानीय निकायों (ULB) को भी समान राशि का योगदान करना आवश्यक है, जिससे कुल मिलाकर यह राशि लगभग 1 लाख करोड़ रुपये हो जाती है।

 

अन्य सरकारी योजनाओं के साथ अभिसरण से प्राप्त होने वाला लाभ :

 

  • SCM के संसाधनों और उद्देश्यों को AMRUT (शहरी रूपांतरण), स्वच्छ भारत मिशन (स्वच्छता), HRIDAY (विरासत शहर विकास), डिजिटल इंडिया, कौशल विकास, और सभी के लिए आवास जैसी योजनाओं के साथ जोड़ने से इसकी प्रभावशीलता बढ़ती है।
  • SCM के तहत समान लक्ष्यों को प्राप्त करने के क्रम में विभिन्न योजनाओं के मौजूदा फंड एवं बुनियादी ढांचे का लाभ उठाया जा सकता है। 
  • अन्य योजनाओं के साथ इसके अभिसरण से यह सुनिश्चित होता है कि स्मार्ट शहरों में भौतिक बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ सामाजिक बुनियादी ढांचे (स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति) को भी प्रमुखता दी जाए। 
  • SCM को इसकी पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अन्य कार्यक्रमों के साथ रणनीतिक रूप से एकीकृत किया जा सकता है।

 

स्मार्ट सिटी मिशन के समक्ष चुनौतियाँ : 

स्मार्ट सिटी मिशन (SCM) के सफल क्रियान्वयन के समक्ष निम्नलिखित महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं – 

  1. परियोजना की पूर्णता में विलम्ब : इस योजना के तहत अभी तक लगभग 10% परियोजनाएँ अधूरी हैं, जो कि इस परियोजना के निष्पादन में देरी का संकेत है। इसके पीछे तकनीकी विशेषज्ञता की कमी, भूमि अधिग्रहण की समस्या और अन्य समस्याएँ हो सकती है। 
  2. वित्तपोषण की कमी : भारत के 26 शहरों को अभी भी पूर्ण वित्तीय राशी नहीं प्राप्त हुआ है, जबकि 74 शहरों को उनके केंद्रीय हिस्से का 100%वित्तीय राशि प्राप्त हो गया है।
  3. SPV मॉडल की चुनौतियाँ : स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए अपनाए गए Special Purpose Vehicle (SPV) मॉडल को संविधान संशोधन के साथ गलत संरेखण के कारण आपत्तियों का सामना करना पड़ा है।
  4. समन्वय की कमी : इस योजना के तहत केंद्र, राज्य और स्थानीय सरकारों के बीच समन्वय की आपसी कमी के कारण मिशन के निर्बाध कार्यान्वयन में बाधाएँ आई हैं।
  5. विस्थापन और सामाजिक प्रभाव : इस योजना से गरीब क्षेत्रों के निवासियों का विस्थापन हुआ है, जिससे शहरी समुदायों का ताना-बाना बाधित हुआ है। कुछ कस्बों में बुनियादी ढाँचे के विकास ने जल प्रणालियों में व्यवधान के कारण शहरी बाढ़ में वृद्धि में योगदान दिया है।

 

समाधान / आगे की राह : 

 

स्मार्ट सिटी मिशन को प्रभावी एवं सफल कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित कदम उठाया जा सकता है – 

 

प्रभावी शासन एवं योजना का कार्यान्वयन :

  • निश्चित कार्यकाल वाले CEOs की नियुक्ति से निरंतरता सुनिश्चित होगी और योग्य पेशेवरों को आकर्षित किया जा सकेगा।
  • विशेषज्ञों और संसद सदस्यों (MPs) सहित विभिन्न हितधारकों को समावेशी निर्णय लेने पर बल देना चाहिए।

 

परियोजना पर रणनीतिक फोकस :

  • स्मार्ट सिटी मिशन (SCM) डिजिटल बुनियादी ढांचे के तहत विभिन्न स्रोतों से बड़ी मात्रा में डेटा उत्पन्न और उपयोग करने की योजना है। इसलिए, इन प्लेटफार्मों को साइबर हमलों से बचाने के साथ-साथ संवेदनशील सार्वजनिक और निजी डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत प्रणाली लागू करनी चाहिए।

 

डेटा सुरक्षा और उसका उन्नयन :

  • साइबर खतरों का मुकाबला करने और डेटा गोपनीयता की सुरक्षा के लिए मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे की स्थापना की जानी चाहिए।
  • बुनियादी ढांचे की समयावधि को अधिकतम करने और समय पर इसका उन्नयन सुनिश्चित करने के लिए संचालन और रखरखाव संबंधी समग्र रणनीति विकसित करनी चाहिए।

 

क्षमता निर्माण और वित्तपोषण :

  • क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से छोटे शहरों में शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को मजबूत बनाना चाहिए।
  • इस क्रम में संगठनात्मक पुनर्गठन और कौशल विकास के लिए केंद्र सरकार की सहायता महत्वपूर्ण हो सकती है।

 

परियोजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना :

  • संबंधित मंत्रालय की भूमिका निधि आवंटन से विस्तारित होकर समय पर परियोजना निष्पादन हेतु सक्रिय निगरानी और विशेषज्ञता प्रदान करने तक होनी चाहिए।

 

वैश्विक ज्ञान साझाकरण :

  • विकासशील देशों की सतत् शहरी विकास से संबंधित इसी तरह की परियोजनाएं इस संदर्भ में सूचना साझाकरण हेतु निर्णायक हो सकती हैं।
  • भूटान की गेलेफू स्मार्ट सिटी परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को शामिल करते हुए दक्षिण एशिया को दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ने वाला एक आर्थिक गलियारा बनाना है। इसमें पर्यावरण मानकों और स्थिरता को प्राथमिकता देने से अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से निवेश आकर्षित होगा।

 

स्रोत – द हिंदू एवं पीआईबी। 

 

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. स्मार्ट सिटीज मिशन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के शहरों को तकनीकी और डिजिटल माध्यम से सुधारना है।
  2. वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में इनका योगदान 63% है। 
  3. इसे जून 2015 को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ किया गया था। 
  4. इस योजना के कारण शहरी बाढ़ में वृद्धि हुई है।

उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?  

A. केवल 1, 2 और 3 

B. केवल 2, 3 और 4 

C. इनमें से कोई नहीं।

D. उपरोक्त सभी।

उत्तर – D

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

Q.1. स्मार्ट सिटीज़ मिशन के प्रमुख प्रावधानों को रेखांकित करते हुए यह चर्चा कीजिए कि भारत में स्मार्ट सिटीज़ मिशन के सफल क्रियान्वयन के समक्ष विद्यमान मुख्य चुनौतियाँ क्या है और उन चुनौतियों का समाधान कैसे किया जा सकता है? ( UPSC CSE – 2017 शब्द सीमा – 250 अंक – 15 ) 

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