19 Aug नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) पोर्टल
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ शासन एवं राजव्यवस्था ,जनसंख्या और संबंधित मुद्दे, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, नागरिक पंजीकरण प्रणाली में संशोधन की आवश्यकता और महत्त्व ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ नागरिक पंजीकरण प्रणाली, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, भारत का महापंजीयक ’ खंड से संबंधित है। )
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के केंद्रीकृत नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) पोर्टल को तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे प्रमाण पत्र जारी करने में व्यापक बाधा उत्पन्न हो रही है।
- जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम 2023 के अनुसार, 1 अक्तूबर 2023 से भारत में सभी नागरिकों के लिए जन्म तथा मृत्यु का पंजीकरण CRS पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से ही किया जाएगा।
- भारत के नागरिकों को प्राप्त यह डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र भारत में विभिन्न सेवाओं में जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
- भारत के केंद्रीकृत नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) पोर्टल पर उपलब्ध राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, का उपयोग राशन कार्ड, संपत्ति के पंजीकरण और मतदाता सूची को अपडेट/ अद्यतन करने में किया जा सकेगा।
नागरिक पंजीकरण प्रणाली :
- भारत में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत नागरिक पंजीकरण प्रणाली जन्म व मृत्यु जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं के रिकॉर्ड के लिए कानूनी रूप से अनिवार्य तथा सार्वभौमिक रूप से लागू प्रणाली है।
- भारत में नागरिक पंजीकरण प्रणाली (Civil Registration System – CRS) एक ऐसी एकीकृत प्रक्रिया है, जो महत्त्वपूर्ण घटनाओं जैसे जन्म, मृत्यु, और प्रसव के दौरान मृत्यु का निरंतर, स्थायी, अनिवार्य और सार्वभौमिक पंजीकरण करती है।
- यह प्रणाली भारत के संविधान की समवर्ती सूची में शामिल है और इसके तहत प्राप्त डेटा सामाजिक-आर्थिक नियोजन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारत में नागरिक पंजीकरण प्रणाली से संबंधित प्रमुख तथ्य निम्नलिखित है –
- डिजिटल अनिवार्यता : जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम के अनुसार, 1 अक्तूबर, 2023 से देश में होने वाले सभी जन्म व मृत्यु को केंद्र के पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से पंजीकरण करना अनिवार्य है।
- महत्त्वपूर्ण घटनाओं का आवश्यक रूप से पंजीकरण करना : इस प्रणाली के तहत भारत में जन्म और मृत्यु जैसी घटनाओं का पंजीकरण करना अनिवार्य होता है।
- वैधानिक प्रावधानों के द्वारा संचालित : यह प्रणाली वैधानिक प्रावधानों के तहत संचालित होती है, जिससे इस प्रणाली के माध्यम से प्राप्त डेटा की विश्वसनीयता और सटीकता सुनिश्चित होती है।
- सामाजिक-आर्थिक नियोजन योजनाओं के निर्माण और नीति निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण होना : इस प्रक्रिया के तहत अद्यतन और संपूर्ण सीआरएस डेटा का उपयोग सामाजिक-आर्थिक योजनाओं के निर्माण और नीति निर्धारण में किया जाता है।
- निगरानी और संचालनकर्ता : भारत के महापंजीयक (Registrar General of India) इस प्रणाली की निगरानी और संचालित करते हैं।
- जनसंख्या के आंकड़ों को सटीक रूप से रिकॉर्ड रखना : नागरिक पंजीकरण प्रणाली न केवल जनसंख्या के आंकड़ों को सटीक रूप से रिकॉर्ड करती है, बल्कि यह भारत में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण आधार प्रदान करती है।
भारत में नागरिक पंजीकरण प्रणाली में प्रस्तावित संशोधन :
जन्म और मृत्यु के कारण हुए नए परिवर्तनों को अद्यतन करना :
- वर्तमान समय में उपलब्ध राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का डेटाबेस 119 करोड़ निवासियों की जानकारी के साथ पहली बार वर्ष 2010 में जोड़ा गया था और वर्ष 2015 में इसे आधार कार्ड , मोबाइल और राशन कार्ड के नंबरों के साथ अपडेट किया गया था। इसके बावजूद, समय के साथ विभिन्न कारणों से जो बदलाव हुए हैं, जैसे नए जन्म, मृत्यु, और आवासीय स्थान में परिवर्तन, इन्हें नियमित रूप से और सटीक रूप से अपडेट करना अत्यंत आवश्यक है।
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को जन्म, मृत्यु और प्रवास के कारण हुए परिवर्तनों को शामिल करने के लिए फिर से अपडेट/ अद्यतन करने की अत्यंत आवश्यकता है।
- भारत में यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) में संकलित डेटा सही और वर्तमान स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है, जिससे इससे संबंधित बेहतर और प्रभावी प्रशासनिक निर्णय लिए जा सकें।
भारत में नागरिक पंजीकरण प्रणाली के समक्ष विभिन्न चुनौतियाँ :
- नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) समयबद्धता, दक्षता और एकरूपता के मामले में कई चुनौतियों का सामना कर रही है। जिसमें जन्म और मृत्यु की घटनाओं को सही समय पर पंजीकृत करने में देरी और कमी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- इस प्रणाली के संचालन में आ रही समस्याएँ जैसे डेटा की धीमी अद्यतनीकरण प्रक्रिया, मानक प्रक्रिया में अंतर और पंजीकरण में विलंब होने से यह नागरिकों को सटीक और समय पर सेवाएँ प्रदान करने में अनेक बाधाएँ उत्पन्न करती है।
- इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के माध्यम से नागरिक पंजीकरण प्रणाली में व्यापक सुधारों का निर्णय लिया है।
- इन सुधारों का लक्ष्य न्यूनतम मानव हस्तक्षेप के साथ वास्तविक समय में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण करना है।
- इससे न केवल डेटा की सटीकता और समय पर उपलब्धता में सुधार होगा, बल्कि इससे नागरिकों को तेज और प्रभावी सेवाएँ भी मिलेंगी।
नवीनतम विकास और समस्याएँ :
- भारत में अब तक, 23 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों ने नए डिजिटल पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- तमिलनाडु जैसे राज्य, जिन्होंने पहले से ही अपने स्वयं के पोर्टल स्थापित किए हैं, वे वर्ष 2023 के संशोधन के अनुसार अनिवार्य रूप से वास्तविक समय पर डेटा केंद्र को भेज रहे हैं।
- कई राज्यों ने CRS पोर्टल के संबंध में चिंताओं को व्यक्त किया है। इनमें प्रणाली की गति धीमी , बार-बार त्रुटि संदेश और डेटा समन्वयन से संबंधित समस्याएँ शामिल हैं।
- इन तकनीकी समस्याओं के कारण प्रमाण पत्र जारी करने में विलंब होता है, जो नागरिकों को समय पर सेवाएँ प्रदान करने में कठिनाई उत्पन्न कर रहा है।
स्वचालन और समयबद्ध प्रणाली :
- इस प्रणाली में सुधार के तहत, सेवा वितरण को स्वचालित किया जाएगा ताकि सेवा वितरण समयबद्ध, एकरूप और सटीक हो सके।
- यह स्वचालन प्रक्रिया धारणीय, मापनीय, और स्वतंत्र होगी, जिससे नागरिकों को प्रभावी और त्वरित सेवाएँ मिल सकें।
- स्वचालन से प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और कुशलता में वृद्धि होगी, जिससे जन्म और मृत्यु के पंजीकरण में सुधार होगा और प्रमाण पत्र जारी करने में विलंब की समस्याओं को कम किया जा सकेगा।
जन्म और मृत्यु पंजीकरण (RBD) अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव :
- इस प्रणाली के द्वारा भारत में जन्म और मृत्यु पंजीकरण (RBD) अधिनियम, 1969 में संशोधन का भी प्रस्ताव रखा है ताकि “राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत जन्म और मृत्यु के डेटाबेस” को बनाए रखा जा सके। प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, डेटाबेस का उपयोग जनसंख्या रजिस्टर, चुनावी रजिस्टर, आधार, राशन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस संबंधित डेटाबेस को अपडेट करने के लिए किया जा सकता है। RBD अधिनियम के तहत जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य है इसलिए भारत के मुख्य जनसंख्या रजिस्ट्रार को वर्ष के दौरान पंजीकृत जन्म और मृत्यु पर एक सांख्यिकीय रिपोर्ट प्रकाशित करना अनिवार्य है।
समाधान की राह :
- वर्तमान शासन व्यवस्था में नागरिकों की सेवाओं की पूर्ति हेतु एक टेक्नो-यूटोपियन दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें नागरिकों को अपनी आवश्यकताओं को बार-बार व्यक्त करने की आवश्यकता न पड़े। ऐसी प्रणाली का उद्देश्य यह होना चाहिए कि सरकार नागरिकों की आवश्यकताओं को पूर्व-निर्धारित ढंग से पहचान सके और उन्हें स्वचालित रूप से पूरा कर सके।
- इस डेटाबेस को वास्तविक समय में नागरिकों की गतिविधियों और आवश्यकताओं को ट्रैक करने के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए।
- एक एकीकृत जनसंख्या डेटाबेस के माध्यम से, शासन विभिन्न सेवाओं को प्राथमिकता और आवश्यकता के अनुसार त्वरित और कुशलतापूर्वक सेवा प्रदान कर सकेगा।
- यह प्रणाली न केवल सरकारी कार्यों की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व में वृद्धि करेगी, बल्कि नागरिकों को भी एक सहज और सुविधाजनक सेवा प्रदान करेगी।
- इस दिशा में पहला कदम एक अत्याधुनिक CRS पोर्टल का निर्माण करना होगा, जो नागरिकों की जानकारी को सुरक्षित और संगठित रूप में संचित करे और इसके साथ ही, इस पोर्टल के माध्यम से नागरिकों की प्राथमिकताओं और जरूरतों को निरंतर अद्यतन या अपडेट करते रहे ताकि समय पर उचित सेवाओं का वितरण सुनिश्चित हो सके।
- इससे न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार होगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक योजनाओं के लिए भी सटीक डेटा उपलब्ध हो सकेगा।
- यह दृष्टिकोण न केवल नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार करेगा, बल्कि सरकारी सेवाओं की दक्षता और पारदर्शिता को भी बढ़ाएगा।
- इस प्रकार की टेक्नो-यूटोपियन प्रणाली के सफल कार्यान्वयन के लिए, सरकार को तकनीकी विकास, डेटा सुरक्षा और नागरिक गोपनीयता की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना होगा।
- इस तरह की समग्र दृष्टिकोण और योजनाओं के माध्यम से हम एक आदर्श नागरिक सेवाएं प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
स्रोत – पीआईबी एवं द हिंदू।
Download plutus ias current affairs Hindi med 19th August 2024
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. भारत में केंद्रीकृत नागरिक पंजीकरण प्रणाली के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इस प्रणाली के तहत देश में होने वाले सभी जन्म व मृत्यु को केंद्र के पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से पंजीकरण करना अनिवार्य है।
- भारत के महापंजीयक इस प्रणाली की संचालित और निगरानी करते हैं।
- यह भारतीय संविधान की समवर्ती सूची में शामिल है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
A. केवल 1 और 3
B. केवल 2 और 3
C. 1, 2 और 3 सभी।
D. इनमें से कोई नहीं।
उत्तर – C
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. चर्चा कीजिए कि हाल ही में शुरू किया गया नागरिकता पंजीकरण प्रणाली पोर्टल समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के लिए विभिन्न सरकारी नीतियों को लागू करने में किस प्रकार सहायक होगा? ( शब्द सीमा -250 अंक -15)
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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