12 Oct प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 के अंतर्गत ‘ भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास, रोजगार से संबंधित मुद्दे , विकास से संबंधित मुद्दे और रोज़गार , समावेशी विकास और इससे उत्पन्न मुद्दे ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना , युवा कार्यबल का समुचित उपयोग , भारत में बेरोजगारी , कौशल विकास योजना , भारत के विशिष्ट संस्थान , भारत में बेरोजगारी दूर करने के लिए पायलट परियोजना के तहत प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना, नौकरी और रोजगार में मुख्य अंतर ’ खंड से संबंधित है।)
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में केंद्र सरकार ने युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है।
- यह योजना भारत सरकार द्वारा युवाओं को कार्य अनुभव प्राप्त करने में सहायता देने के लिए शुरू की गई है।
- इसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री ने 23 जुलाई 2024 को अपने बजट भाषण के सत्र में की थी और यह 3 अक्टूबर 2024 से पूरे देश लागू हो चुकी है।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में बेरोजगार युवाओं को नौकरी पाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना है। योजना का लक्ष्य 2029 तक एक करोड़ इंटर्नशिप प्रदान करना है, जिसमें 1.25 लाख इंटर्न के साथ एक पायलट प्रोजेक्ट दिसंबर 2024 में शुरू होगा।
- देश के बेरोजगार युवा 12 अक्टूबर, 2024 की शाम से ही पीएम इंटर्नशिप योजना पायलट प्रोजेक्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- 11 अक्टूबर, 2024 को पीएम इंटर्नशिप योजना के पोर्टल पर पोस्ट किए गए अवसरों की संख्या बढ़कर 90,849 हो गई है।
- यह योजना भारत में बेरोजगारी को कम करने और युवाओं को कौशल विकास के अवसर, रोजगार प्रशिक्षण और कार्य अनुभव प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का परिचय :
- भारत में केंद्र सरकार द्वारा आरंभ प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है।
- इस योजना से युवाओं को बड़ी कंपनियों में काम करने का अनुभव प्राप्त होगा और उन्हें विभिन्न नौकरियों एवं उद्योगों के बारे में जानने का अवसर मिलेगा।
- यह योजना मुख्य रूप से बेरोजगार युवाओं को नौकरी पर प्रशिक्षण देकर उनकी सहायता करने के लिए केंद्र द्वारा वित्तपोषित की गई है।
- इसका लक्ष्य शिक्षा और नियोक्ताओं के लिए आवश्यक व्यावहारिक कौशल के बीच की खाई को भरना/ पाटना है।
- इस योजना का संचालन एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा, जिसे 3 अक्टूबर को लॉन्च किया गया था।
- यह ऑनलाइन पोर्टल विभिन्न सरकारी एवं निजी कंपनियों और संभावित प्रशिक्षुओं के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करेगा।
- इस योजना का उद्देश्य मार्च 2029 तक एक करोड़ इंटर्नशिप सृजित करना है, लेकिन इस योजना को एक पायलट परियोजना के तहत दिसंबर 2024 में 1.25 लाख इंटर्न के लिए कार्यक्रम शुरू करेगा।
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के प्रमुख लाभ :
- व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होना : इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को वास्तविक व्यवसायिक वातावरण में काम करने का अनुभव प्राप्त होगा, जिससे उनकी पेशेवर दक्षता में सुधार होगा।
- वित्तीय सहायता प्राप्त होना : इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को इंटर्नशिप के दौरान छात्रवृति प्रदान किया जाएगा, जिससे इंटर्न अपने बुनियादी खर्चों को पूरा कर सकेंगे।
- कैरियर और नौकरी के अवसरों का विस्तार होना : बेरोजगार युवाओं के द्वारा इंटर्नशिप के दौरान प्राप्त हुए वास्तविक अनुभव छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाएगा और भविष्य में नौकरी के अवसरों का विस्तार करेगा।
- प्रमाणन/ प्रमाण पत्र प्राप्त होना : इस योजना के माध्यम से प्राप्त किए गए अनुभव और प्रमाणन/ प्रमाण पत्र पाए छात्रों को रोजगार बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त में आगे बढ़ने की सुनिश्चिता को प्रदान करेगा।
- सफलता का मूल्यांकन करने में सहायता प्रदान करना : केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस पायलट परियोजना की सफलता का आकलन इंटर्नशिप के बाद ड्रॉपआउट दरों, शिकायतों और रोजगार दरों के आधार पर किया जाएगा, जिससे योजना के भविष्य में सुधार किया जा सकेगा।
- इंटर्नशिप का अवसर प्राप्त करने का मौका मिलना : इस योजना के तहत भारत के बेरोजगार युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में इंटर्नशिप करने की पेशकश की जाएगी, जिससे छात्रों को व्यावहारिक कौशल – ज्ञान और अनुभव प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
- देश की शीर्ष और सबसे बेहतरीन कंपनियों में काम करने का अवसर मिलना : इसके तहत इंटर्नशिप भारत की शीर्ष 500 कंपनियों द्वारा प्रदान की जाएगी, जिससे छात्रों को देश की सबसे बेहतरीन कंपनियों में काम करने का अवसर मिलेगा।
- इंटर्नशिप की पूरी अवधि : इस योजना के तहत प्रत्येक इंटर्नशिप की अवधि 12 महीने तक चलेगी, जो छात्रों को सीखने और देश के अर्थव्यवस्था में सार्थक योगदान देने का पर्याप्त समय प्रदान करेगी।
- छात्रवृत्ति की कुल राशि : इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक प्रशिक्षुओं को केंद्र सरकार से ₹4,500 और कंपनियों से ₹500 की मासिक छात्रवृत्ति मिलेगी, जिससे कुल मिलाकर उन्हें ₹5,000 प्रति माह मिलेंगे।
- बीमा कवरेज प्रदान किया जाना : इसके तहत प्रत्येक प्रशिक्षुओं को पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना और पीएम सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा कवरेज भी प्रदान किया जाएगा, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह योजना युवाओं को कौशल, अनुभव और आत्मविश्वास प्रदान करके उनकी रोजगार क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार करने में सहायक सिद्ध होगी।
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के लिए आवश्यक पात्रता :
- आयु सीमा : आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की आयु 21 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- शैक्षणिक योग्यता : उम्मीदवारों को हाई स्कूल, आईटीआई डिप्लोमा, या स्नातक की डिग्री जैसे बीए, बीएससी, बीकॉम, बीसीए या बीबीए पूरी करनी चाहिए।
- पूर्णकालिक रोजगार या शिक्षा से जुड़े नहीं हों : उम्मीदवारों को पूर्णकालिक रोजगार या पूर्णकालिक शिक्षा में संलग्न नहीं होना चाहिए। ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों में नामांकित अभ्यर्थी पात्र माने जाएंगे।
- भारत के विशिष्ट संस्थान के छात्र नहीं हों : आईआईटी, आईआईएम, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, आईआईएसईआर, एनआईडी या आईआईआईटी जैसे विशिष्ट संस्थानों से स्नातक उम्मीदवार पात्र नहीं हैं।
- उच्च शैक्षणिक योग्यता धारण करने वाले पात्र नहीं होगें : सीए, सीएमए, सीएस, एमबीबीएस, बीडीएस, एमबीए, पीएचडी या किसी भी मास्टर डिग्री या उच्च योग्यता वाले उम्मीदवार पात्र नहीं होंगे।
- केंद्र या राज्य सरकार की किसी भी अन्य कार्यक्रमों में भागीदार नहीं हों : केंद्र या राज्य सरकार की योजना के तहत किसी भी कौशल, प्रशिक्षुता, इंटर्नशिप या प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले उम्मीदवार पात्र नहीं हैं।
- राष्ट्रीय प्रशिक्षुता कार्यक्रम पूरी कर लेने वाले पात्र नहीं होंगे : जिन्होंने राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) या राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) के अंतर्गत प्रशिक्षुता पूरी कर ली है, वे पात्र नहीं हैं।
- वार्षिक आय 8 लाख रुपए से अधिक होने वाले पात्र नहीं : जिन अभ्यर्थियों के परिवार के सदस्यों की वित्तीय वर्ष 2023-24 या 2024-25 के लिए आय 8 लाख रुपए से अधिक है, वे पात्र नहीं होंगे।
- परिवार का कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी या स्थायी अथवा नियमित कर्मचारी होने पर पात्र नहीं होंगे : यदि परिवार का कोई सदस्य (स्वयं, माता-पिता या पति/पत्नी) स्थायी/नियमित सरकारी कर्मचारी है (संविदा कर्मचारियों को छोड़कर), तो उम्मीदवार पात्र नहीं होंगे। यहाँ “सरकार” में केंद्र और राज्य सरकारें, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन, केंद्रीय और राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू), वैधानिक संगठन और स्थानीय निकाय शामिल हैं। यह पात्रता मानदंड उम्मीदवारों को योजना के तहत चयनित करने में सहायता करेगा।
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के क्रियान्वयन की राह में मुख्य चुनौतियाँ :
- कम औद्योगिकीकृत राज्यों में उचित प्लेसमेंट की चुनौतियाँ : बिहार जैसे कम औद्योगिकीकृत राज्यों में प्रशिक्षुओं के लिए उचित प्लेसमेंट ढूंढना एक बड़ी चुनौती है। यहां उद्योगों की कमी के कारण इंटर्नशिप के अवसर सीमित होते हैं, जिससे छात्रों को वांछित अनुभव प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
- कार्यस्थल कौशल को विकसित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता : इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को कार्यस्थल कौशल को विकसित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। आधुनिक उद्योगों में आवश्यक कौशल, जैसे कि तकनीकी दक्षता, समस्या समाधान और प्रबंधन कौशल, का विकास सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- डिजिटल कौशल की कमी से रोजगार क्षमता का प्रभावित होना : वैश्विक स्तर पर तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल परिवेश में, प्रशिक्षुओं के लिए डिजिटल कौशल का होना अनिवार्य है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों में डिजिटल कौशल को शामिल करने में कमी, छात्रों की रोजगार क्षमता को प्रभावित कर सकती है।
- सॉफ्ट स्किल्स का अभाव होना : नौकरी के लिए केवल तकनीकी कौशल ही नहीं, बल्कि सॉफ्ट स्किल्स, जैसे कि संवाद कौशल, टीम वर्क, और नेतृत्व क्षमता भी आवश्यक हैं। इन कौशलों के विकास पर ध्यान न देने से प्रशिक्षुओं की पेशेवर दक्षता प्रभावित हो सकती है।
- बाजार की बदलती जरूरतों के अनुसार कौशल प्राप्त करने में सक्षम होना जरूरी : उद्योगों की मांग लगातार बदल रही है, और प्रशिक्षुओं को इन बदलती जरूरतों के अनुसार कौशल प्राप्त करने में सक्षम होना चाहिए। योजना को समय-समय पर अद्यतन करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रशिक्षु उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित हो रहे हैं।
- संवेदनशीलता और जागरूकता की कमी होना : देश में कई छात्रों और अभिभावकों को इस योजना के लाभों और पात्रता मानदंडों के बारे में जानकारी नहीं होती, जो उन्हें योजना से लाभ उठाने से रोकती है। जागरूकता कार्यक्रमों की कमी इस योजना की प्रभावशीलता को सीमित कर सकती है।
- इंटर्नशिप के बाद स्थायी रोजगार पाने में अनिश्चितता का होना : इंटर्नशिप पूरी करने के बाद, छात्रों को स्थायी रोजगार पाने में कठिनाई हो सकती है। यदि इंटर्नशिप अनुभव उद्योग के अनुरूप नहीं है, तो यह उनके करियर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में समाधान की राह :
- प्लेसमेंट नेटवर्क का एक मजबूत नेटवर्क विकसित किया जाना : बिहार जैसे कम औद्योगिकीकृत राज्यों में प्लेसमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत नेटवर्क विकसित किया जा सकता है। स्थानीय उद्योगों, व्यवसायों और संगठनों के साथ साझेदारी करके प्रशिक्षुओं को उचित इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जा सकते हैं। विशेष रूप से, सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को शामिल करना एक प्रभावी रणनीति हो सकती है।
- विशेष कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना : कार्यस्थल कौशल के विकास के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है। ये कार्यक्रम तकनीकी, डिजिटल और सॉफ्ट स्किल्स दोनों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, ताकि प्रशिक्षुओं को समग्र विकास प्राप्त हो सके। इसके लिए उद्योग विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जा सकता है, जो अपने अनुभवों के माध्यम से छात्रों को मार्गदर्शन कर सकें।
- आधुनिक कार्यस्थलों की मांगों के अनुसार डिजिटल कौशल प्रशिक्षण की जरूरत : तेजी से बदलते तकनीकी वातावरण में, प्रशिक्षुओं को डिजिटल कौशल में दक्ष बनाने के लिए विशेष पाठ्यक्रम और कार्यशालाएँ आयोजित की जा सकती हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि वे आधुनिक कार्यस्थलों की मांगों के अनुसार तैयार हैं।
- प्रशिक्षुओं की पेशेवर दक्षता में सुधार करना और सॉफ्ट स्किल्स का समावेशन करना : सॉफ्ट स्किल्स के विकास के लिए विशेष कार्यशालाओं और गतिविधियों का आयोजन किया जा सकता है। इसमें टीम वर्क, संचार कौशल, समस्या समाधान और नेतृत्व क्षमता पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे प्रशिक्षुओं की पेशेवर दक्षता में सुधार होगा।
- बाजार की जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रम को नियमित रूप से अद्यतन करने की जरूरत : इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए बाजार की जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रम को नियमित रूप से अद्यतन करना होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रशिक्षु उद्योग की बदलती जरूरतों के अनुरूप कौशल प्राप्त कर रहे हैं। उद्योग के साथ निरंतर संवाद बनाए रखना और उनके सुझावों को ध्यान में रखना आवश्यक है।
- जन – जागरूकता कार्यक्रमों का नियमित रूप से आयोजन किया जाना : इस योजना के तहत प्राप्त होने वाले लाभों और पात्रता मानदंडों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक प्रचार अभियान चलाया जाना चाहिए। स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक संगठनों के माध्यम से इन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है, जिससे अधिक से अधिक छात्र इस योजना का लाभ उठा सकें।
- इंटर्नशिप के बाद रोजगार पाने के लिए करियर काउंसलिंग और प्लेसमेंट सहायता प्रदान : इंटर्नशिप के बाद छात्रों को स्थायी रोजगार में सहायता के लिए करियर काउंसलिंग और प्लेसमेंट सहायता प्रदान की जा सकती है। यह उन्हें अपने कौशल और अनुभव के अनुसार उचित नौकरी खोजने में मदद करेगा। इन उपायों को अपनाकर प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सकता है, जिससे प्रशिक्षुओं को अधिक अवसर और बेहतर अनुभव प्रदान किया जा सके।
स्त्रोत – पीआईबी एवं द हिन्दू।
Download plutus ias current affairs Hindi med 12th Oct 2024
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. निम्नलिखित स्थितियों पर विचार कीजिए।
- भारत में युवाओं को पीएम इंटर्नशिप योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- युवाओं को नौकरी और रोजगार के अवसर प्रदान करना।
- कौशल विकास में मदद करना।
- बीमा कवरेज की सुविधा प्रदान किया जाना।
उपर्युक्त में से कौन सी स्थिति प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का मुख्य उद्देश्य है?
A. केवल 1 और 3
B. केवल 2 और 4
C. इनमें से कोई नहीं।
D. उपरोक्त सभी।
उत्तर – D.
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. भारत में बेरोजगारी की समस्या और प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के बीच के संबंधों का विश्लेषण करते हुए यह चर्चा कीजिए कि इस योजना में सुधार के लिए किन प्रमुख तत्वों को शामिल किया जाना चाहिए, जिससे युवाओं को अधिकतम लाभ मिल सके और अधिक से अधिक रोजगार सृजन सुनिश्चित किया जा सके ? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Q.2. हाल ही में शुरू की गई प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की प्रमुख विशेषताओं पर चर्चा करें। क्या आपको लगता है कि इससे भारत में बेरोजगारी की दीर्घकालिक समस्या का समाधान करने में मदद मिलेगी? ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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